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RBI MPC Meet: क्या इस बार रेपो रेट में होगी कटौती, आरबीआई बैठक की डेट, टाइम समेत हर डिटेल

RBI MPC Meeting 2025: भारतीय रिजर्व बैंक की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी की बैठक बुधवार 5 फरवरी से शुरू होने वाली है. बैठक में इस बार आरबीआई रेपो रेट में 0.25 फीसदी की कटौती कर सकता है.

RBI MPC Meeting 2025: भारतीय रिजर्व बैंक की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी की बैठक बुधवार 5 फरवरी से शुरू होने वाली है. बैठक में इस बार आरबीआई रेपो रेट में 0.25 फीसदी की कटौती कर सकता है.

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FE Hindi Desk
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अगर ऐसा होता है तो यह बजट में खपत को बढ़ावा देने के लिए उठाये गए कदमों को मजबूती देगा. Photograph: (IE File)

RBI Monetory Policy Commitiee Meeting 2025: भारतीय रिजर्व बैंक की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी की बैठक कल यानी बुधवार 5 फरवरी से शुरू होने वाली है. बैठक में इस बार आरबीआई रेपो रेट में कटौती कर सकता है. ऐसी उम्मीद जताई जा रही हैं. आरबीआई ने आखिरी बार फरवरी 2023 की बैठक में रेपो रेट में बदलाव किया था. उसके बाद अब तक सेंट्रल बैंक ने रेपो रेट को 6.5 फीसदी पर बरकरार रखा है. रेपो रेट में कटौती से होम लोन सस्ते होंगे और आपकी मंथली ईएमआई घट सकती है. 

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आरबीआई आमतौर हर दो महीने में मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी की बैठक करता है. समाचार एजेंसी पीटीआई-भाषा के मुताबिक ​​नए साल की पहली बैठक बुधवार 5 फरवरी से शुरू हो रही है. बैठक की अध्यक्षता रिजर्व बैंक के नए गवर्नर संजय मल्होत्रा (RBI Governor Sanjay Malhotra) करेंगे. बैंठक में 6 सदस्यों वाली कमेटी द्वारा लिए गए फैसलों की घोषणा शुक्रवार 7 फरवरी को की जाएगी. आरबीआई गवर्नर एमपीसी की बैठक में लिये गए उन फैसलों की जानकारी देंगे.

इस बैठक में लिये गए फैसलों का ऐलान कब होगा? इसे कहां लाइव देखा जा सकेगा? ऐसे तमाम सवालों के बारे में आइए जानते हैं.

कब सामने आएंगे बैठक में लिये गए फैसले

आरबीआई की बैठक 5 से 7 फरवरी के बीच होनी है और इसमें लिये गए फैसलों की घोषणा शुक्रवार 7 फरवरी को सुबह 10 बजे होगा. इसके बाद आरबीआई गवर्नर दोपहर 12 बजे मीडिया को संबोधित करेंगे, जहां वे MPC के निर्णय के पीछे के कारणों और भारतीय अर्थव्यवस्था की वर्तमान स्थिति पर चर्चा करेंगे.

कहां होगा लाइव प्रसारण

बैठक में लिए गए फैसलों का लाइव प्रसारण आरबीआई के आधिकारिक सोशल मीडिया X हैंडल, यूट्यूब चैनल और मीडिया प्लेटफार्म पर किए जाएंगे. इसके बाद 7 फरवरी को दोपहर में आरबीआई चीफ प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे और इसका लाइव प्रासरण भी इन प्लेटफार्म्स पर होगा.

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दिसंबर 2024 की बैठक में हुआ था ये फैसला

आरबीआई की पिछली एमपीसी की बैठक में तत्कालीन आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने रेपो रेट को 6.5 फीसदी पर बरकरार रखा था. हालांकि, कैश रिजर्व रेशियो को 50 बेसिस पॉइंट्स कम किया गया था, जिससे भारत की बैंकिंग सिस्टम में 1 ट्रिलियन रुपये की लिक्विडिटी में इजाफी हुआ.

आरबीआई का पदभार संभालने के बाद संजय मल्होत्रा की अध्यक्षता वाली MPC की पहली बैठक बुधवार से शुरू होगी. रेपो रेट में कटौती की उम्मीदों के बीच, सेंट्रल बैंक ने हाल में लिक्विडिटी बढ़ाने के लिए अहम कदम उठाए हैं. पिछले महीने, आरबीआई ने 1.5 लाख करोड़ रुपये की लिक्विडिटी बढ़ाने की घोषणा की थी. इससे पहले, दिसंबर में, सेंट्रल बैंक ने 50 बेसिस पॉइंट्स की कमी के कारण 1.16 लाख करोड़ रुपये की लिक्विडिटी पेश की थी.

इस बार की बैठक में आरबीआई रेपो रेट में कटौती कर सकता है. अगर ऐसा होता है तो यह बजट में खपत को बढ़ावा देने के लिए उठाये गये कदमों को मजबूती देगा. हालांकि रुपये में गिरावट अभी भी चिंता का विषय बनी हुई है. विशेषज्ञों का मानना ​​है कि खुदरा महंगाई दर साल के ज्यादातर समय में रिजर्व बैंक के संतोषजनक दायरे (दो से छह प्रतिशत) के भीतर रही है, इसलिए केंद्रीय बैंक सुस्त खपत से प्रभावित वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए नीतिगत दर में कटौती को लेकर कदम उठा सकता है.

बैंक ऑफ बड़ौदा के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस का मानना है कि इस बार रेपो रेट में कटौती की संभावना है. इसके दो कारण हैं. सबसे पहले, आरबीआई पहले ही नकदी बढ़ाने के उपायों की घोषणा कर चुका है. इससे बाजार की स्थिति में सुधार हुआ है. रेपो रेट में कटौती के लिए यह आगे का रास्ता साफ करता है. उन्होंने कहा है कि आम बजट के जरिये प्रोत्साहन दिया गया है और इसे सपोर्ट देने के लिए रेपो रेट को कम करना उचित जान पड़ता है.

रिजर्व बैंक ने 27 जनवरी को बैंकों में 1.5 लाख करोड़ रुपये की नकदी डालने के उपायों की घोषणा की है. उन्होंने कहा कि हम विशेष रूप से आर्थिक वृद्धि के पूर्वानुमान में कुछ बदलाव की उम्मीद कर सकते हैं. इसका कारण राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) ने चालू वर्ष के लिए 6.4 फीसदी का अनुमान लगाया था. यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या आरबीआई वित्त वर्ष 2025-26 के लिए ग्रोथ रेट का अनुमान देगा. हालांकि इसकी घोषणा आमतौर पर अप्रैल की मौद्रिक नीति समीक्षा में की जाती है.

इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि हमें नहीं लगता कि बजट 2025 में किए गए राजकोषीय प्रोत्साहन का महंगाई दर पर असर होगा. उनका मानना है कि संतुलन फरवरी 2025 की मौद्रिक नीति समीक्षा में दर में कटौती के पक्ष में है. नायर ने कहा कि हालांकि, अगर वैश्विक कारक इस हफ्ते के दौरान डॉलर के मुकाबले रुपये की विनिमय दर में और अधिक कमजोरी का कारण बनते हैं, तो नीतिगत दर में कटौती अप्रैल 2025 तक टल सकती है. अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले रुपया सोमवार को 55 पैसे लुढ़क कर 87.17 (अस्थायी) प्रति डॉलर पर आ गया.

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