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देशभर के शिव मंदिरों में आज भक्तों और कावरियों की भीड़ देखने को मिल रही है. Photograph: (AI Image)
आज 14 जुलाई 2025 को सावन का पहला सोमवार है और पूरे देश में शिव भक्तों में भारी उत्साह देखा जा रहा है. सुबह से ही मंदिरों में लंबी कतारें लग गई हैं, जगह-जगह कांवड़ यात्रा की धूम है और भक्तगण 'बोल बम' के जयकारों के साथ भगवान शिव का जलाभिषेक कर रहे हैं. धार्मिक मान्यता के अनुसार, श्रावण मास का प्रत्येक सोमवार भगवान शिव को अत्यंत प्रिय होता है. इस दिन शिवलिंग पर जल, बेलपत्र, दूध, दही, घी, शहद और गंगाजल से अभिषेक करने से विशेष पुण्य फल प्राप्त होता है.
पवित्र सावन महीने का महत्व
सावन मास शिवभक्तों के लिए सबसे खास होता है, और उसमें भी सोमवार का दिन अत्यंत शुभ माना गया है. मान्यता है कि सावन के प्रत्येक सोमवार को विधिपूर्वक व्रत रखने और भगवान शिव की पूजा करने से सभी दुख, रोग, दरिद्रता और विवाह संबंधी बाधाएं दूर होती हैं. खासकर कुंवारी कन्याएं इस दिन व्रत रखती हैं ताकि उन्हें मनचाहा वर मिले. यह व्रत जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और आध्यात्मिक उन्नति का माध्यम बनता है.
जलाभिषेक मुहूर्त
शुभ मुहूर्त की बात करें तो आज जलाभिषेक के लिए दो प्रमुख समय बेहद उत्तम माने गए हैं. सावन के पहले सोमवार पर जलाभिषेक के लिए श्रेष्ठ मुहूर्त सुबह 4 बजकर 15 मिनट से 5 बजे तक का ब्रह्म मुहूर्त और दोपहर 12 बजे से 12 बजकर 50 मिनट तक का अभिजीत मुहूर्त माना गया है. हालांकि पूजा ब्रह्म मुहूर्त से लेकर प्रदोष काल तक की जा सकती है, लेकिन इन विशिष्ट समयों में जलाभिषेक करने से विशेष पुण्य और मनोकामना सिद्धि का फल प्राप्त होता है.
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पूजन विधि
पूजा विधि की बात करें तो श्रद्धालु सुबह स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें और शिवलिंग की स्थापना कर जल, दूध, बेलपत्र, आक-धतूरा, सफेद फूल आदि अर्पित करें. "ॐ नमः शिवाय" मंत्र का 108 बार जाप करें और शिव जी की आरती करें. व्रत रखने वाले दिनभर फलाहार करें और शाम को पुनः पूजा करके अगले दिन दान-पुण्य करें.
- घर में शिवलिंग हो तो वहीं पूजन करें या किसी शिव मंदिर जाएं.
- शिवलिंग पर दूध, दही, शहद, घी, गंगाजल और जल से अभिषेक करें.
- बेलपत्र, आक-धतूरा, सफेद पुष्प अर्पित करें.
- "ॐ नमः शिवाय" मंत्र का कम से कम 108 बार जाप करें.
- दिनभर फलाहार रखें और सायंकाल शिव आरती करें.
- अगले दिन ब्राह्मण या गरीब को अन्न-वस्त्र दान देकर व्रत पारायण करें.
खास उपाय जो आज जरूर करें
- प्रदोष काल में शिवलिंग पर शांत भाव से जलधारा अर्पित करें.
- साथ में ताजे बेलपत्र, धतूरा, सफेद पुष्प अर्पित करें.
- शिव मंदिर में शुद्ध घी का दीपक जलाएं – यह घर में सुख, समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा लाता है.
- शिवलिंग की 7 परिक्रमा करें और हर बार "ॐ नमः शिवाय" मंत्र का जाप करें.
- अंत में शिव जी के चरणों में बैठकर मनोकामना करें.
सावन सोमवार का व्रत विशेष रूप से अविवाहित कन्याओं के लिए फलदायी माना गया है, जो योग्य वर की कामना रखती हैं. इसके अलावा यह व्रत स्वास्थ्य, संतान सुख, आर्थिक समस्याओं से मुक्ति दिलाने वाला माना गया है.
देशभर के प्रमुख मंदिरों जैसे काशी विश्वनाथ, बैद्यनाथ, महाकालेश्वर, सोमनाथ और त्रयंबकेश्वर में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी है. प्रशासन ने सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए हैं और कांवड़ यात्रा के मार्गों पर विशेष निगरानी रखी जा रही है. आज के दिन शिव की उपासना से जुड़ी हर छोटी-बड़ी बात को जानना भक्तों के लिए बेहद लाभकारी है, ताकि उनकी भक्ति पूर्ण फलदायक सिद्ध हो सके.
Sawan Somwar Vrat 2025 Dates : अगले सावन सोमवार व्रत की तारीखें
पवित्र महीने में अगला सोमवार व्रत किस दिन पड़ रहा है नीचे डेट के हिसाब से डिटेल देखें
- आज पहला सोमवार व्रत – 14 जुलाई 2025
- दूसरा सोमवार व्रत – 21 जुलाई 2025
- तीसरा सोमवार व्रत – 28 जुलाई 2025
- चौथा सोमवार व्रत – 4 अगस्त 2025
Fasting Foods in Sawan: व्रत में क्या खाएं?
सावन में व्रत रखने वाले भक्त सात्त्विक भोजन करते हैं. आमतौर पर निम्नलिखित चीजें खाई जाती हैं:
- साबूदाना खिचड़ी
- कुट्टू या राजगिरा की पूड़ी
- समक चावल का पुलाव
- फलाहार (फल और ड्राय फ्रूट्स)
- दही, दूध, पनीर जैसे दुग्ध उत्पाद
किन चीजों का खाना मना
व्रत में नमक के स्थान पर सैंधा नमक प्रयोग किया जाता है. साथ ही प्याज, लहसुन, मांसाहार, अनाज (गेहूं-चावल) और सामान्य नमक से परहेज किया जाता है.
11 जुलाई से शुरू सावन महीना इन दिन चलेगा
सावन महीना हिंदू पंचांग के अनुसार श्रावण मास के रूप में जाना जाता है और यह भगवान शिव की आराधना का सबसे पवित्र समय माना जाता है. इस साल पवित्र महीने की शुरुआत उत्तर भारत में 11 जुलाई 2025 (शुक्रवार) से हुई है और इसका समापन 9 अगस्त होगा. वहीं दक्षिण और पश्चिमी भारत में सावन 25 जुलाई से 23 अगस्त के बीच मनाया जाएगा.