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कई लोग सही जानकारी न होने पर गलती से ITR-1 यानी सहज फॉर्म भर देते हैं, जबकि उनकी इनकम में कैपिटल गेन, विदेशी आय या फ्रीलांस इनकम होती है, जो इसमें मान्य नहीं है. इससे नोटिस आ सकता है और रिटर्न अमान्य हो सकती है. (AI Image)
ITR Filing 2025: अब आयकर विभाग ने इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) भरने की प्रक्रिया को पहले से ज्यादा सख्त बना दिया है. नए फॉर्मेट और सख्त जांच प्रक्रिया के चलते भारत में बड़ी संख्या में टैक्सपेयर्स गलत या अधूरी ITR फाइल कर रहे हैं. इसका नतीजा यह हो रहा है कि बहुत से लोगों को इनकम टैक्स एक्ट की धारा 139(9) के तहत डिफेक्टिव रिटर्न (Defective Return) का नोटिस मिल रहा है. इसका असर यह होता है कि रिफंड मिलने में देरी होती है, कुछ मामलों में जुर्माना लग सकता है, और कभी-कभी आपकी रिटर्न को इनवैलिड (Invalid) भी घोषित कर दिया जाता है.
दरअसल, कई टैक्सपेयर्स को यह पता ही नहीं होता कि इनकम के आधार पर उनके लिए कौन-सा ITR फॉर्म सही है. जैसे कुछ लोग ITR-1 फॉर्म भर देते हैं, जबकि उनकी इनकम में कैपिटल गेन, विदेशी आय या फ्रीलांसिंग जैसी प्रोफेशनल इनकम शामिल होती है, जो ITR-1 में मान्य नहीं है. ऐसे मामलों को आयकर विभाग अपनी खास तकनीक के जरिए तुरंत पकड़ लेती है और संबंधित व्यक्ति को नोटिस भेजा जाता है. आम तौर पर विभाग 15 दिन का समय देता है ताकि टैक्सपेयर अपनी गलती सुधार सके और सही फॉर्म में दोबारा रिटर्न फाइल कर सके.
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गलत ITR फॉर्म भर दिया तो क्या होगा?
अगर आप ITR भरने में हुई गलती को समय रहते नहीं सुधारते, तो आपकी रिटर्न को ऐसे माना जा सकता है जैसे आपने रिटर्न भरी ही नहीं हो. इसका सीधा असर यह हो सकता है कि आपको जुर्माना भरना पड़े और आपका टैक्स रिफंड लंबे समय तक अटक सकता है.
इन 5 स्टेप्स को अपनाकर सुधारे गलती
रिवाइज्ड रिटर्न भरें
अगर आपकी पुरानी ITR अभी तक प्रोसेस नहीं हुई है, तो आप सेक्शन 139(5) के तहत नई यानी रिवाइज्ड रिटर्न फाइल कर सकते हैं. इसके लिए इनकम टैक्स पोर्टल पर लॉगिन करें, ‘Revised Return’ ऑप्शन चुनें और सही ITR फॉर्म का इस्तेमाल करके गलती सुधारें.
फौरन करें ई-वेरिफाई
हर रिवाइज्ड रिटर्न को 30 दिनों के भीतर ई-वेरिफाई करना जरूरी है. आप यह आधार OTP, नेट बैंकिंग या डिजिटल सिग्नेचर से कर सकते हैं. अगर ई-वेरिफिकेशन नहीं किया गया, तो आपकी रिटर्न अमान्य मानी जाएगी.
अगर रिटर्न पहले ही प्रोसेस हो चुकी है तो सुधार करें
अगर आपकी रिटर्न पहले ही प्रोसेस हो चुकी है, तो भी आप सेक्शन 154 के तहत 'Rectification' टैब से पोर्टल पर जाकर छोटी-मोटी गलतियों को सुधार सकते हैं.
तय समयसीमा का पालन करें
रिवाइज्ड या रेक्टिफाई रिटर्न असेसमेंट ईयर की आखिरी तारीख (FY 2024-25 के लिए 31 मार्च 2026) से पहले या आपकी पहली रिटर्न के प्रोसेस होने से पहले, जो भी पहले हो फाइल करनी होती है.
नोटिस का तुरंत जवाब दें
अगर आपको सेक्शन 139(9) के तहत नोटिस मिला है, तो तुरंत उसका जवाब दें और जरूरी सुधार करें. अगर आपको थोड़ा और समय चाहिए, तो ऑनलाइन एक्सटेंशन की मांग भी की जा सकती है.
कन्फ्यूजन हो तो एक्सपर्ट की मदद लें
अगर आपकी इनकम से जुड़ी स्थिति थोड़ी जटिल है - जैसे विदेशी संपत्ति, कैपिटल गेन, या आपकी इनकम का सोर्स बदल गया है, तो बेहतर होगा कि आप चार्टर्ड अकाउंटेंट या टैक्स एक्सपर्ट से सलाह लें. इससे गलत फॉर्म भरने जैसी आम गलतियों से बचा जा सकता है. समय पर सही कदम उठाने से न सिर्फ कानूनी और आर्थिक परेशानी से बचा जा सकता है, बल्कि आपका टैक्स रिफंड भी बिना किसी देरी के मिल सकता है.