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चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पांच सदस्यीय बेंच ने चुनाव आयोग की उस अर्जी पर सुनवाई की जिसमें चुनावी बॉण्ड मामले में न्यायालय के 11 मार्च के आदेश के एक हिस्से में संशोधन का अनुरोध किया गया है.
इलेक्टोरल बॉन्ड मामले में सुप्रीम कोर्ट ने एसबीआई को नोटिस भेजा है. बिना यूनिक नंबर के इलेक्टोरल बॉन्ड डेटा पेश करने पर सुप्रीम कोर्ट ने एसबीआई से जवाब मांगा है. सुप्रीम कोर्ट ने मामले में सुनवाई के दौरान शुक्रवार को कहा कि स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) को राजनीतिक दलों द्वारा प्राप्त इलेक्टोरल बॉन्ड की यूनिक अल्फा-न्यूमेरिक नंबर का खुलासा करना चाहिए था. चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पांच सदस्यीय बेंच ने चुनाव आयोग की उस अर्जी पर सुनवाई की जिसमें चुनावी बॉण्ड मामले में न्यायालय के 11 मार्च के आदेश के एक हिस्से में संशोधन का अनुरोध किया गया है. इस पीठ में जस्टिव संजीव खन्ना, जस्टिस बी आर गवई, जस्टिस जे बी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा भी शामिल हैं.
अदालत ने अपने रजिस्ट्रार को भी दिया निर्देश
अदालत ने अपने रजिस्ट्रार (ज्यूडिशियल) को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि चुनाव आयोग द्वारा सीलबंद कवर में सौंपे गए आंकड़ों को स्कैन किया जाए और उन्हें डिजिटल माध्यम से उपलब्ध कराया जाए. सीजेआई के नेतृत्व वाली पांच सदस्यीय पीठ ने कहा कि इस काम को शनिवार शाम 5 बजे तक पूरा करना बेहतर रहेगा और एक बार यह काम हो जाने के बाद मूल दस्तावेज चुनाव आयोग को वापस कर दिए जाएं.
18 मार्च को होगी अगली सुनवाई
उसने सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से पेश हुए वकील प्रशांत भूषण और वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल के इन अभ्यावेदनों पर गौर किया कि एसबीआई ने चुनावी बॉण्ड के यूनिक नंबर का खुलासा नहीं किया है. पीठ ने बैंक को नोटिस जारी किया और मामले में आगे की सुनवाई के लिए 18 मार्च की तारीख तय की.
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चुनाव आयोग ने अपनी अर्जी में कहा कि अदालत के 11 मार्च के आदेश में कहा गया था कि सुनवाई के दौरान सीलबंद लिफाफे में उसके द्वारा शीर्ष अदालत को सौंपे गए दस्तावेजों की प्रतियां आयोग के कार्यालय में रखी जाएं लेकिन उसने अपने पास दस्तावेजों की कोई प्रति नहीं रखी है. आयोग ने कहा कि उसने दस्तावेजों की कोई प्रति अपने पास नहीं रखी है. उसने कहा कि इन दस्तावेजों को वापस किया जाए ताकि वह सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन कर सके.