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Pawar vs Pawar: चुनाव आयोग ने NCP का नाम और निशान अजित पवार को सौंपने के बाद शरद पवार को अपनी पार्टी के लिए नया नाम और चुनाव निशान चुनने का आदेश दिया है. (File Photo : Indian Express)
Pawar vs Pawar: Ajit Pawar wins NCP battle: महाराष्ट्र ही नहीं, देश के सबसे वरिष्ठ सक्रिय राजनेता शरद पवार को आज अपनी पार्टी का नया नाम और सिंबल चुनाव आयोग को बताना है. चुनाव आयोग ने शरद पवार द्वारा स्थापित नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (NCP) का नाम और चुनाव चिह्न "घड़ी" चाचा से बगावत करके बीजेपी का दामन थामने वाले भतीजे अजित पवार को सौंप दिया है. मंगलवार को सुनाए अपने फैसले में चुनाव आयोग ने यह भी कहा कि शरद पवार को अपने राजनीतिक दल के लिए तीन नए पसंदीदा नामों और चुनाव निशान की सूची बुधवार शाम 4 बजे तक सौंपनी होगी.
यह अदृश्य शक्ति की जीत है : सुले
अविभाजित एनसीपी की कार्यकारी अध्यक्ष रहीं शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले ने फैसले के बाद प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि चुनाव आयोग ने राज्यसभा चुनाव के लिए एक नया नाम और सिंबल तय करने को कहा है. उन्होंने कहा कि यह काम बुधवार को कर दिया जाएगा. महाराष्ट्र के बारामती से लोकसभा सांसद सुप्रिया ने कहा, “यह अदृश्य शक्ति की जीत है. जिस व्यक्ति ने पार्टी की स्थापना की, उसे हराया जा रहा है. लेकिन मुझे इससे हैरानी नहीं हो रही है. हमें वही आदेश मिला है, जो शिवसेना को सुनाया गया था. ऐसी ही साजिश ठाकरे परिवार के खिलाफ भी हुई थी. यह महाराष्ट्र के खिलाफ साजिश है. हमें इस फैसले से जरा भी हैरानी नहीं हुई है. शरद पवार ने इस पार्टी को ज़ीरो से शुरू किया था, हम इसे फिर से खड़ा करेंगे." उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी दरअसल किसकी है, इसका फैसला अब सुप्रीम कोर्ट में होगा.
संवैधानिक संस्थाओं की स्वायत्तता खत्म हो गई है : जयंत पाटिल
शरद पवार के करीबी और अविभाजित एनसीपी के महाराष्ट्र अध्यक्ष रहे जयंत पाटिल ने भी सुप्रिया सुले की भावनाओं का समर्थन करते हुए कहा, "चुनाव आयोग का फैसला चौंकाने वाला है. हम इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएंगे. इस आदेश ने साफ कर दिया है कि तमाम संवैधानिक संस्थाओं की स्वायत्तता खत्म हो गई है और यह आदेश पहली नजर में सिर्फ कुछ तकनीकी आधारों पर दिया गया लगता है. हमें उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट न्याय करेगा."
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अजित पवार ने चुनाव आयोग को दिया धन्यवाद
चुनाव आयोग के फैसले से गदगद अजित पवार ने कहा कि उन्हें बेहद खुशी है कि आयोग ने पार्टी का नाम और चुनाव निशान, सबकुछ उन्हें सौंप दिया है. उन्होंने कहा कि इस फैसले के लिए वे चुनाव आयोग को धन्यवाद देते हैं. अजित पवार ने पिछले साल ही अपने अपने समर्थक विधायकों के साथ मिलकर चाचा शरद पवार के खिलाफ बगावत का झंडा बुलंद करके बीजेपी का दामन थाम लिया था. इसके बाद जुलाई 2023 में वे मुख्यमंत्री एकनाथ की अगुवाई वाली बीजेपी-शिवसेना (शिंदे) सरकार में शामिल होकर उप-मुख्यमंत्री भी बन गए. तभी से शरद पवार और उनके बीच पार्टी पर कब्जे की लड़ाई चल रही है. चुनाव आयोग से अजीत के पक्ष में फैसला सुनाए जाने के बाद अब सबको इंतजार ये है कि महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष दोनों गुटों के विधायकों की योग्यता से जुड़े मामले में क्या फैसला सुनाते हैं.