/financial-express-hindi/media/media_files/7d6gZHkq5MrKj1f49jTg.jpg)
सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार के खिलाफ PMLA के तहत चल रहे ED के केस को खारिज कर दिया है. (File Photo : ANI)
Supreme Court Dismisses PMLA Case Against DK Shivakumar: सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार को बड़ी राहत देते हुए उनके खिलाफ चल रहे मनी लॉन्डरिंग के केस को खारिज कर दिया है. दिग्गज कांग्रेस नेता शिवकुमार को 2018 से जारी प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्डरिंग एक्ट (PMLA) के इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने सितंबर 2019 में गिरफ्तार भी कर लिया था. हालांकि बाद में दिल्ली हाईकोर्ट ने उन्हें इस मामले में जमानत दे दी थी. शिवकुमार ने तब बीजेपी पर राजनीतिक बदले की वजह से कार्रवाई किए जाने का आरोप लगाते हुए न्यायपालिका पर पूरा भरोसा जाहिर किया था.
शिवकुमार के खिलाफ PMLA की कार्रवाई कानून सम्मत नहीं : SC
जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी की बेंच ने ईडी का केस खारिज करते हुए कहा कि डी के शिवकुमार के खिलाफ PMLA के तहत कार्रवाई किया जाना कानून सम्मत नहीं है. बेंच ने यह भी कहा कि ईडी अपनी कार्रवाई के दौरान बरामद कैश के सोर्स को मनी लॉन्डरिंग से जोड़ने में नाकाम रही है. सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस नेता को राहत देते हुए कहा है कि डी के शिवकुमार के खिलाफ जो आरोप लगाए गए हैं, उनके आधार पर इसे PMLA के तहत ट्रायल किए जाने लायक केस नहीं माना जा सकता है.
Supreme Court quashes proceedings initiated against Karnataka Deputy CM DK Shivakumar in a 2018 money laundering case. pic.twitter.com/UxK55xkiIq
— ANI (@ANI) March 5, 2024
सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल नवंबर में दिए एक फैसले में कहा था कि आईपीसी के सेक्शन 120बी के तहत दायर आपराधिक साजिश के मामले को PMLA के तहत अपराध तभी माना जा सकता है, जब यह कथित साजिश किसी ऐसे अपराध के लिए की गई हो, जो PMLA एक्ट के शिड्यूल में दिए गए अपराधों में शामिल हो. ईडी ने सुप्रीम कोर्ट से अपने इस फैसले की समीक्षा करने की अपील की है.
Also read : CUET PG 2024 परीक्षा के लिए सिटी स्लिप जारी, किस शहर में है आपका सेंटर, यहां करें चेक
क्या है पूरा मामला
आयकर विभाग ने 2017 में डी शिवकुमार और उनके सहयोगियों से जुड़ी जगहों पर छापे मारे थे और उनमें करीब 300 करोड़ रुपये कैश बरामद किए जाने का दावा किया था. इसी के बाद ईडी ने कांग्रेस नेता के खिलाफ पीएमएलए के तहत जांच शुरू की थी. उस वक्त शिवकुमार ने पलटवार करते हुए न सिर्फ इसे बदले की कार्रवाई बताया था, बल्कि यह भी कहा था कि जिस कैश की बरामदगी का दावा किया जा रहा है, वह दरअसल बीजेपी का पैसा है.