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यह पूर्ण सूर्यग्रहण करीब 7.5 मिनट तक चलेगा. यह दोपहर 2 बजकर 14 मिनट से शुरू होकर 2 बजकर 22 मिनट तक चलेगा. (Image: FE)
Total Solar Eclipse 2024:अगले महीने की शुरूआत में एक अहम खगोलीय घटना होनी है. इस घटना का नाम पूर्ण सूर्य ग्रहण है. पूर्ण सूर्य ग्रहण के दौरान करीब 8 मिनट तक आसमान में अंधेरा छा जाएगा जो अबतक का सबसे लंबा रहने वाला है. अगले महीने सोमवार 8 अप्रैल 2024 को यह खगोलीय घटना होनी है. इसे लेकर कहा जा रहा है कि ऐसी दुर्लभ घटनाएं कभी-कभार नजर आती हैं.
सूर्य ग्रहण की वह स्थिति है जिसमें कुछ देर के लिए अंधेरा छा जाता है. अगले महीने होने जा रहे पूर्ण सूर्य ग्रहण से एक दिन पहले ही चंद्रमा अपने निकटतम बिंदु पर पृथ्वी के करीब आ जाएगी. दोनों के बीच की दूरी 3.60 लाख किमी रह जाएगी. वहीं वैज्ञानिकों का कहना है कि 2024 का पूर्ण सूर्यग्रहण पिछले 50 सालों का सबसे लंबा सूर्य ग्रहण होगा. यह रोचक घटना कितने समय तक चलेगी और इसे कहां से देखा जाएगा, आइए जानते हैं इसके बारें में.
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दशकों पहले दिखा था ऐसा नजारा
पिछले 50 सालों का यह सबसे लंबा सूर्य ग्रहण होगा. बताया जा रहा है कि 8 अप्रैल को होने जा रहे पूर्ण सूर्य ग्रहण के दौरान जैसा नजारा देखने को मिलेगा वैसा 50 साल पहले नजर आया था. यह पूर्ण सूर्यग्रहण करीब 7.5 मिनट तक चलेगा. यह दोपहर 2 बजकर 14 मिनट से शुरू होकर 2 बजकर 22 मिनट तक चलेगा. बता दें कि आखिरी बार साल 2017 में सूर्य ग्रहण लगा था लेकिन साल 2017 का सूर्य ग्रहण इस बार के सूर्य ग्रहण के मुकाबले काफी अलग होने वाला है.
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कहां दिखाई देगा पूर्ण सूर्य ग्रहण
इस दिन मेक्सिको, अमेरिका और कनाडा के कुछ हिस्सों में पूर्ण सूर्य ग्रहण दिखाई देगा. वहीं उत्तरी अमेरिका में आंशिक सूर्य ग्रहण दिखाई देगा. सूर्य ग्रहण में सूर्य को चंद्रमा पूरी तरह से ढक लेता है. अप्रैल में पूर्ण सूर्य ग्रहण काफी लंबा चलेगा. यह अधिकतम समय 4 मिनट 28 सेकंड का होगा. इसके बाद सूर्य का कुछ हिस्सा फिर से धीरे-धीरे दिखाई देने लगेगा.
पूर्ण सूर्य ग्रहण लगभग हर 18 महीने में होता है जब चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच से गुजरता है, जिससे सूर्य का प्रकाश कुछ समय के लिए रुक हो जाता है. हालांकि, चुनौती इस घटना को देखने के लिए उपयुक्त भूमि स्थान खोजने में है, क्योंकि हमारे ग्रह का 70% से अधिक भाग महासागरों से ढका हुआ है. ऐसी जगह पर रहना जहां सूर्य ग्रहण हो रहा हो, और भी असामान्य है, जिससे व्यक्तियों को अवलोकन के लिए लंबी दूरी, संभवतः किसी अन्य महाद्वीप तक यात्रा करने की आवश्यकता नहीं होती है.
पूर्ण सूर्य ग्रहण तब होता है जब चंद्रमा पूरी तरह से सूर्य को ढक लेता है, जिससे पृथ्वी पर छाया पड़ती है और एक खास तरह का पथ (समग्रता का पथ) बनता है, जो एक अपेक्षाकृत संकीर्ण पट्टी होती है जो सतह पर घूमती है. इस बैंड के अंदर खड़े लोग पूर्ण सूर्य ग्रहण देख सकते हैं, बशर्ते मौसम और बादल साथ दें. सोमवार 8 अप्रैल, 2024 को, ग्रहण बैंड 115 मील चौड़ा होने की उम्मीद है, जो पृथ्वी पर किसी खास स्थान के लिए एक असामान्य घटना है.
नासा के अनुसार एक ही स्थान पर दोबारा पूर्ण सूर्य ग्रहण होने में औसतन लगभग 375 वर्ष लगते हैं, मतलब लगभग 375 वर्षों में पृथ्वी पर एक ही स्थान पर केवल कुछ मिनटों के लिए सूर्य ग्रहण देखने को मिलता है.
बाकी इस खगोलीय घटना से कैसे अगल है पूर्ण सूर्य ग्रहण
यह समझना महत्वपूर्ण है कि पूर्ण सूर्य ग्रहण अन्य सूर्य ग्रहणों से कैसे अलग होता है. पूर्ण सूर्य ग्रहण में, चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच से गुजरता है, जिससे सूर्य का फेस पूरी तरह से ब्लॉक जाता है. चंद्रमा की छाया के केंद्र में दर्शक पूर्ण ग्रहण का अनुभव करते हैं और जब चंद्रमा पूरी तरह से सूर्य को अवरुद्ध कर देता है तो वे उस थोड़े समय के लिए अपने ग्रहण के चश्मे को क्षण भर के लिए हटा सकते हैं. वहीं दूसरी ओर आंशिक सूर्य ग्रहण तब होता है जब सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी पूरी तरह से संरेखित नहीं होते हैं, और सूर्य का केवल एक हिस्सा ढका हुआ दिखाई देता है, जिससे इसे अर्धचंद्राकार आकार मिलता है.