scorecardresearch

Tariff War: ट्रंप ने भारत पर लगाया 25% टैरिफ, लेकिन पाकिस्तान, बांग्लादेश समेत 50 से ज्यादा देशों को रियायत

Trump Tariff war on India: यूरोपीय यूनियन, जापान और साउथ कोरिया से डील के बाद अमेरिका ने भारत पर 25% टैरिफ लगाया है, जबकि पाकिस्तान, बांग्लादेश समेत 50 से ज्यादा देशों पर इससे कम टैक्स लगाया गया है.

Trump Tariff war on India: यूरोपीय यूनियन, जापान और साउथ कोरिया से डील के बाद अमेरिका ने भारत पर 25% टैरिफ लगाया है, जबकि पाकिस्तान, बांग्लादेश समेत 50 से ज्यादा देशों पर इससे कम टैक्स लगाया गया है.

author-image
FE Hindi Desk
New Update
Trump Tarriff War

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत के मुकाबले कई देशों पर कम टैक्स लगाया है, जिससे भारतीय एक्सपोर्ट, खासकर इलेक्ट्रॉनिक्स और मज़दूरी वाले सेक्टर को नुकसान हो सकता है. (Image : AP)

Pakistan, Bangladesh among 50 countries now with lower US tariffs than India : यूरोपीय यूनियन (EU), जापान और साउथ कोरिया जैसे देशों से अपनी शर्तों पर व्यापार समझौते करने के बाद, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अब भारत पर दबाव बढ़ा दिया है. उन्होंने भारत पर 25% टैरिफ लगाया है, जबकि पाकिस्तान और बांग्लादेश समेत 50 से ज्यादा देशों पर इससे कम टैक्स लगाया गया है. शुक्रवार को जारी हुई नई टैरिफ लिस्ट में यह बात सामने आई.

अमेरिका ने कई ऐसे देशों पर कम शुल्क लगाया है जो भारतीय उत्पादों के मुकाबले अमेरिकी बाजार में प्रतिस्पर्धा करते हैं. इससे भारत के खासकर इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे लेबर-इंटेंसिव और हाई-वैल्यू सेक्टर के निर्यात को नुकसान हो सकता है. हैरानी की बात यह है कि बिना किसी ट्रेड डील के भी अमेरिका ने बांग्लादेश पर सिर्फ 20% शुल्क लगाया है, जबकि वह रेडीमेड कपड़ों के क्षेत्र में भारत का बड़ा प्रतिस्पर्धी है - सिर्फ अमेरिका ही नहीं, बल्कि कई पश्चिमी बाजारों में भी. ये नए टैरिफ 7 अगस्त से लागू हो जाएंगे.

Advertisment

Also read : ईडी ने 3,000 करोड़ लोन फ्रॉड केस में अनिल अंबानी को किया तलब, 5 अगस्त को पेश होने का आदेश

यहां तक कि पाकिस्तान, जिससे अमेरिका ने ट्रेड डील की घोषणा भी कर दी है, उस पर भी सिर्फ 19% शुल्क लगाया गया है. ट्रंप ने कहा था कि अमेरिका और पाकिस्तान मिलकर पाकिस्तान में बड़े पैमाने पर तेल भंडार खोजने का काम करेंगे, हालांकि अब तक पाकिस्तान में तेल की खोज ज्यादा सफल नहीं रही है.

इसके अलावा, वियतनाम पर 20% और मलेशिया, इंडोनेशिया और फिलीपींस पर 19% शुल्क लगाया गया है. ये सभी देश ASEAN समूह के हैं और अमेरिका में इलेक्ट्रिकल व इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर में भारत के मुकाबले ज्यादा फायदा ले सकते हैं क्योंकि उन पर कम टैक्स है.

बांग्लादेश और पाकिस्तान पर कम शुल्क लगने से भारत के रेडीमेड गारमेंट्स (RMG) के निर्यात पर असर पड़ सकता है, वहीं वियतनाम और मलेशिया जैसे देशों के लिए फायदेमंद टैरिफ भारत की नॉन-लेदर फुटवियर और इलेक्ट्रॉनिक्स इंडस्ट्री को नुकसान पहुंचा सकते हैं.

Also read : 5 स्‍टार रेटिंग वाला फंड, 3, 5 और 10 साल के रिटर्न देने में सबसे आगे, मोतीलाल ओसवाल की ये स्‍कीम हर फेज में चैंपियन

इससे पहले व्हाइट हाउस के आर्थिक सलाहकार केविन हैसेट ने बुधवार को कहा कि ट्रंप भारत के साथ ट्रेड बातचीत की धीमी रफ्तार से नाराज़ हैं. “मुझे लगता है कि राष्ट्रपति ट्रंप भारत के साथ बातचीत की प्रगति से निराश हैं, और उन्हें लगता है कि 25% टैरिफ लगाना इस समस्या को उस तरह से हल करेगा जो अमेरिकी लोगों के लिए बेहतर होगा,” उन्होंने रॉयटर्स को बताया.

नोटिफिकेशन में कहा गया है कि जिन देशों ने अमेरिका के साथ व्यापार या सुरक्षा से जुड़े समझौते किए हैं या जल्द करने वाले हैं, उन पर फिलहाल यह नया शुल्क लागू रहेगा जब तक कि अंतिम समझौता न हो जाए और आगे कोई आदेश न जारी हो.

भारत-अमेरिका के बीच ट्रेड डील कृषि और ऑटो सेक्टर जैसे संवेदनशील मुद्दों पर अटका हुआ है. 'इंडियन एक्सप्रेस' की रिपोर्ट के अनुसार, भारत शायद अमेरिका की उस मांग को नहीं मानेगा जिसमें वह भारत से जेनेटिकली मॉडिफाइड (GM) फसलें, जैसे मक्का और सोया, को मंजूरी देने को कह रहा है.

यह मुद्दा इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि कृषि दोनों देशों के बीच विवाद का बड़ा कारण है. अमेरिका का ट्रेड डिपार्टमेंट (USTR) पहले भी कह चुका है कि दूसरे देश जब उनके GM प्रोडक्ट्स पर रोक लगाते हैं तो वह भेदभाव जैसा होता है.

USTR की एक रिपोर्ट के मुताबिक, “भारत का फूड सेफ्टी ऐक्ट, 2006 GE (जेनेटिकली इंजीनियर्ड) फसलों से बने फूड प्रोडक्ट्स को रेगुलेट करता है, लेकिन 31 दिसंबर 2024 तक FSSAI इन उत्पादों के लिए नियम तय करने की प्रक्रिया में ही था. भारत की बायोटेक्नोलॉजी अप्रूवल प्रक्रिया बहुत धीमी, अपारदर्शी और राजनीतिक प्रभावों से प्रभावित लगती है. यह उन वैज्ञानिक मानकों पर आधारित नहीं दिखती, जो दूसरे देशों में GE उत्पादों को मंजूरी देने में अपनाए जाते हैं.”

जहां भारत चाहता है कि उसे अमेरिका में टेक्सटाइल, लेदर और फुटवियर के लिए ज्यादा बाजार मिले, वहीं अमेरिका भारत के कृषि और डेयरी सेक्टर को अपने लिए खोलने की मांग कर रहा है. यह भारत के लिए कठिन है क्योंकि यहां के किसान छोटे खेतों और सीमित तकनीक के साथ काम करते हैं. इसके विपरीत अमेरिका चाहता है कि भारत GM फसलों पर लगे नियम हटा दे.

Trump Tariff Donald Trump