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अमेरिका ने अक्टूबर के बाद से साल्मोनेला कंटामिनेशन मामले में एमडीएच द्वारा भेजे गए मसालों के शिपमेंट के एक तिहाई हिस्से को रिजेक्ट कर दिया. (Image: Pixabay)
घर घर इस्तेमाल होने वाले मसाले की मशहूर कंपनी एमडीएच की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं. महाशियान दी हट्टी यानी एमडीएच कंपनी पर अमेरिका ने एक्शन लिया है. अमेरिकी कस्टम अथॉरिटीज ने पिछले 6 महीनों में एमडीएच द्वारा भेजे गए मसाले के सभी शिपमेंट के 31 फीसदी हिस्से को लौटा दिए. पिछले अमेरिकी वित्त वर्ष में 15 फीसदी एमडीएच मसालों के शिपमेंट को लौटाया था. अमेरिकी कस्टम अथॉरिटीज ने साल्मोनेला कंटामिनेशन के मामले में एमडीएच मसाले पर एक्शन लिया है. अक्टूबर 2023 के बाद से अमेरिकी कस्टम अथॉरिटीज द्वारा एमडीएच द्वारा भेजे गए मलासों को अस्वीकृति दर दो गुनी हो गई है. मसालों को लौटाए जाने के पीछे वजह साल्मोनेला कंटामिनेशन बताई जा रही है. बता दें कि साल्मोनेला एक तरह के बैक्टिरिया का ग्रुप है और यह जानवरों के आंतों में पाया जाता है.
हाल के महीनों में साल्मोनेला कंटामिनेशन को लेकर एमडीएच मसालों के रिजेक्शन में दोगुनी बढ़ोतरी ऐसे समय में हुई है जब सिंगापुर (Singapore) और हांगकांग (Hong Kong) दोनों ने मसालों में कैंसर का कारण बनने वाले कीटनाशकों (carcinogenic pesticide) की मौजूदगी का कथित तौर पर पता लगाने के बाद एमडीएच और एवरेस्ट उत्पादों की बिक्री पर रोक लगा दी है. एमडीएच और एवरेस्ट भारत के साथ-साथ दुनियाभर में सबसे अधिक जाने-माने मसाला ब्रांड्स में से एक हैं.
अक्टूबर 2023 के बाद एमडीएच के सभी शिपमेंट के लगभग एक तिहाई हिस्से यानी 11 शिपमेंट को अमेरिकी कस्टम अथारिटीज ने रिजेक्ट कर दिया है. इनमें एमडीएच के मसाले, फ्लेवर और साल्ट शामिल हैं. यह सब उस समय हुआ जब अमेरिका में नए वित्त वर्ष (1 अक्टूबर से 30 सितंबर तक) शुरूआत हुई. अमेरिका का खाद्य सुरक्षा विभाग यूएस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (USFDA) की ओर बताया गया कि अक्टूबर 2022 से लेकर सितंबर 2023 के बीच यानी पिछले वित्त वर्ष के दौरान एमडीएच मसालों का रिजेक्शन रेट 15 फीसदी था.
साल्मोनेला कंटामिनेशन की क्या होती है वजह
आकड़ों से मिली जानकारी के मुताबिक अक्टूबर 2020 से अस्वीकार किए गए सभी एमडीएच निर्यात शिपमेंट साल्मोनेला कंटामिनेशन के आधार पर थे. इस तरह मसालों का जब इस्तेमाल किया जाता है, तो साल्मोनेला बैक्टीरिया से दूषित खाद्य पदार्थ एक गंभीर पेट संक्रमण का कारण बन सकते हैं जो ठीक से पकाया नहीं जाने पर आंत को नुकसान पहुंचाता है. फूड सेफ्टी एक्सपर्ट का कहना है कि साल्मोनेला कंटामिनेशन अनहाइजेनिक प्रैक्टिस यानी साफ-सफाई पर ध्यान न देने के कारण होता है. अगर मसालों की कटाई, प्रासेसिंग से लेकर पैकेजिंग तक साफ सफाई को बरकरार रखा जाता है तो ऐसे में साल्मोनेला कंटामिनेशन की संभावना खत्म हो जाती है.
USFDA ने जनवरी 2022 में MDH प्लांट का किया था निरीक्षण
FDA ने जनवरी 2022 में MDH के प्लांट का निरीक्षण किया था, जिसके दौरान उसने नोट किया कि "प्लांट में पर्याप्त साफ-सफाई और रख-रखाव के इंतजाम नहीं थे. यह भी देखा गया कि प्लांट के "उपकरण और बर्तनों को कंटामिनेशन से बचाने के लिए पर्याप्त रूप से साफ या रखरखाव के लिए डिज़ाइन और निर्माण नहीं किया गया था. एमडीएच ने अभी तक टिप्पणी मांगने वाले ईमेल प्रश्न का जवाब नहीं दिया.
हांगकांग और सिंगापुर के एक्शन पर एमडीएच ने दी है प्रतिक्रिया
एमडीएच के हवाले से समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने बताया कि कंपनी के प्रोडक्ट इस्तेमाल के लिए सुरक्षित हैं और कंपनी को हांगकांग या सिंगापुर में रेगुलटरी और अधिकारियों की ओर से एमडीएच प्रोडक्ट में कथित कंटामिनेशन के बारे में कोई सूचना नहीं मिली है. हांगकांग ने इस महीने तीन एमडीएच मसाले और मछली करी के लिए एवरेस्ट मसाले की बिक्री पर रोक लगा दी गई है. सिंगापुर ने एवरेस्ट मसालों के मिश्रण को वापस मंगाने का आदेश देते हुए कहा कि इसमें एथिलीन ऑक्साइड (ETO) की मात्रा अधिक है, जो लोगों के इस्तेमाल के लिए सही नहीं है और यह भी चेताया कि लंबे समय तक इसके इस्तेमाल पर कैंसर का खतरा हो सकता है. एमडीएच ने रविवार को अपने एक बयान में कहा कि हम अपने खरीदारों और ग्राहकों को आश्वस्त करते हैं कि हम अपने मसालों के स्टोरेज, प्रोसेसिंग या पैकेजिंग के किसी भी चरण में एथिलीन ऑक्साइड का इस्तेमाल नहीं करते हैं. हालांकि अमेरिकी एक्शन पर एमडीएच की प्रतिक्रिया का इंतजार है.
रॉयटर्स ने शनिवार को बताया था कि अमेरिकी खाद्य सुरक्षा विभाग USFDA एमडीएच और एवरेस्ट के प्रोडक्ट से जुड़ी जानकारियां इकट्ठा कर रहा है. एमडीएच और एवरेस्ट मसाले भारत में सबसे लोकप्रिय हैं और यूरोप, एशिया और उत्तरी अमेरिका में भी बेचे जाते हैं. हांगकांग और सिंगापुर में कदम उठाए जाने के बाद फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी (FSSAI) एमडीएच और एवरेस्ट, दोनों कंपनियों के गुणवत्ता मानकों की जांच कर रहा है. एमडीएच ने कहा कि भारत के एफएसएसएआई और मसाला बोर्ड को हांगकांग या सिंगापुर में अधिकारियों से कोई जानकारी या टेस्ट रिपोर्ट नहीं मिली है. बयान में कहा गया है कि इससे इस बात को बल मिलता है कि एमडीएच के खिलाफ लगाए गए आरोप आधारहीन, निराधार हैं और किसी ठोस सबूत के समर्थन में नहीं हैं. एवरेस्ट ने पहले कहा था कि उसके मसाले उपभोग के लिए सुरक्षित हैं.
महाशियान दी हट्टी यानी एमडीएच कंपनी मसाले का कारोबार करती है और यह देश की प्रमुख मसाला तैयार करने वाली कंपनी है. मसाला निर्माता कंपनी ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म के जरिए कहा कि हम एमडीएच मसाले तैयार करते हैं, हम कहते हैं कि हमारे प्रोडक्ट में कथित कीटनाशक एथिलीन ऑक्साइड (ETO) की मौजूदगी की अटकलों के बीच, हम स्पष्ट करते हैं कि ये दावे झूठे हैं और इनमें कोई ठोस सबूत नहीं है.
We the manufacturers of MDH spices, we state that amidst speculations doing round that there is presence of ETO in our products, we clarify and state unequivocally that these claims are untrue and lack any substantiating evidence. Additionally, MDH has not received any… pic.twitter.com/O5H9lvPzJh
— MDH Spices Official (@SpicesMdh) April 28, 2024
उन्होंने बताया कि एमडीएच को सिंगापुर या हांगकांग के रेगुलेटरी अथारिटीज से कोई संदेश नहीं मिला है. हमारे बयान को इस तथ्य से भी समर्थन मिलता है कि स्पाइस बोर्ड ऑफ इंडिया (Spice Board of India) और एफएसएसएआई (FSSAl) जैसे नोडल रेगुलेटरी अथारिटीज को इस मामले के संबंध में हांगकांग या सिंगापुर अधिकारियों से कोई कम्युनिकेशन या टेस्ट रिपोर्ट नहीं मिली है. यह इस तथ्य को पुष्ट करता है कि एमडीएच के खिलाफ आरोप निराधार हैं और किसी भी ठोस सबूत द्वारा समर्थित नहीं हैं.
एमडीएच आगे पुष्टि करता है कि हम अपने खरीदारों और ग्राहकों को आश्वस्त करते हैं कि हम अपने मसालों के स्टोरिंग, प्रासेसिंग या पैकिंग के किसी भी चरण में एथिलीन ऑक्साइड (ईटीओ) का इस्तेमाल नहीं करते हैं. उच्च गुणवत्ता वाले उत्पाद उपलब्ध कराने की हमारी प्रभावशाली 105 साल पुरानी विरासत, हमारे उपभोक्ताओं का विश्वास बनाए रखने में हमारे समर्पण पर जोर देती है. गुणवत्ता और सुरक्षा के प्रति एमडीएच की प्रतिबद्धता हमारे दिवंगत संस्थापक अध्यक्ष महाशय धर्मपाल गुलाटी द्वारा निर्धारित मानकों को बनाए रखने के प्रति हमारे समर्पण में झलकती है, जिनकी विरासत को उनके बेटे एमडीएच समूह के अध्यक्ष महाशय राजीव गुलाटी जी आगे बढ़ा रहे हैं. केवल उन उत्पादों को बढ़ावा देने और बेचने का उनका लोकाचार, जिनका वे स्वयं उपभोग करेंगे, सुरक्षित और स्वस्थ मसालों के उत्पादन पर कंपनी के अटूट फोकस को रेखांकित करते हैं.
एमडीएच ग्रुप अपने ग्राहकों को आश्वस्त करता है कि हम घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वास्थ्य और सुरक्षा मानकों का पालन करते हैं. एमडीएच की टैगलाइन असली मसाला सच सच, एमडीएच एमडीएच और भारत के असली मसाले अपने ग्राहकों को प्रामाणिक, उच्च गुणवत्ता वाले मसाले प्रदान करने के लिए कंपनी की वास्तविक प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं. विश्वसनीयता और उत्कृष्टता के उनके ट्रैक रिकॉर्ड के साथ आश्वासन का यह संदेश, उनके मूल्यवान ग्राहकों के साथ दृढ़ता से गूंजने की संभावना है, जिससे एमडीएच उत्पादों में उनका विश्वास मजबूत होगा.