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Uttarakhand Avalanche: उत्तराखंड हिमस्खलन में 47 मजदूरों के दबे होने की खबर, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी

Uttarakhand Avalanche : उत्तराखंड के चमोली में हुए हिमस्खलन से बद्रीनाथ धाम के पास स्थित गांव माणा में बार्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन (BRO) प्रोजेक्ट स्थल पर काम कर रहे 47 मजदूरों के अभी भी फंसे होने की आशंका है.

Uttarakhand Avalanche : उत्तराखंड के चमोली में हुए हिमस्खलन से बद्रीनाथ धाम के पास स्थित गांव माणा में बार्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन (BRO) प्रोजेक्ट स्थल पर काम कर रहे 47 मजदूरों के अभी भी फंसे होने की आशंका है.

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FE Hindi Desk
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Uttarakhand Avalanche

चमोली के जिला मजिस्ट्रेट संदीप तिवारी ने बताया कि हिमस्खलन के कारण माणा और बद्रीनाथ के बीच सीमा सड़क संगठन का एक शिविर दब गया. (Representational image/Wiki Commons)

Uttarakhand Avalanche: उत्तराखंड के चमोली में हिमस्खलन से भारी तबाही हो गई है. बताया जा रहा है कि भारत चीन के नजदीक, बद्रीनाथ धाम के पास स्थित गांव माणा में बार्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन (BRO) प्रोजेक्ट स्थल पर काम कर रहे 47 मजदूर फंस हुए हैं. अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल के अनुसार, उनकी टीम जोशीमठ से रवाना हो चुकी है. अधिकारियों ने बताया कि अब तक 10 मजदूरों को बचा लिया गया है. उन्होंने बताया कि शेष मजदूरों के लिए बचाव अभियान गढ़वाल 9 ब्रिगेड और बीआरओ द्वारा चलाया जा रहा है.

राहत बचाव का में जुटीं रेस्क्यू टीमें

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य के चमोली जिले में माणा गांव के नजदीक BRO द्वारा संचालित निर्माण कार्य के दौरान हिमस्खलन की वजह से दबे मजदूरों के सुरक्षित होने की भगवान बदरी विशाल से प्रार्थना की है. मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रमिक भाइयों के दबने का दुःखद समाचार मिला है. मुख्यमंत्री ने कहा कि ITBP,  BRO और अन्य रेस्क्यू टीमें द्वारा राहत एवं बचाव कार्य किया जा रहा है.

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उत्तराखंड पुलिस के प्रवक्ता और कानून व्यवस्था के महानिरीक्षक नीलेश भरणे ने बताया, "एसडीआरएफ की टीम भी भेजी गई है. फिलहाल सेना, आईटीबीपी और बीआरओ बचाव अभियान चला रहे हैं. हमने जोशीमठ से पुलिस की टीमें भेजी हैं और अब तक 10 मजदूरों को बचाकर सेना के अस्पताल में भेजा गया है."

जिले की पुलिस ने बताया कि इलाके में भारी बर्फबारी के बाद रास्ते और संचार व्यवस्था बाधित हो गई है. चमोली के जिला मजिस्ट्रेट संदीप तिवारी ने कहा, "हमें माणा में हिमस्खलन की खबर मिली है. बीआरओ परियोजना स्थल पर बर्फ हटाने के लिए डेरा डाले 57 मजदूर फंस गए हैं. भारी बर्फबारी के कारण हम वहां हेलीकॉप्टर सेवाओं का उपयोग नहीं कर पाए हैं. साथ ही, उनके पास सैटेलाइट फोन या अन्य उपकरण नहीं हैं जिनसे वे संपर्क कर सकें."

एसडीआरएफ के अधिकारियों ने बताया कि हिमस्खलन बद्रीनाथ धाम के पास हुआ. अधिकारियों ने बताया कि आपदा नियंत्रण कक्ष, चमोली को सबसे पहले हिमस्खलन की सूचना मिली और एसडीआरएफ कमांडेंट ने तत्काल कार्रवाई के आदेश दिए. एसडीआरएफ ने कहा कि गौचर और सहस्त्रधारा (देहरादून) चौकियों पर ऊंचाई वाले बचाव दलों को भी तैयार रखा गया है.

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एसडीआरएफ ने बर्फबारी को लेकर एडवाइजरी जारी की है. एडवाइजरी में कहा गया है, "भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी), देहरादून के निदेशक द्वारा 28 फरवरी को सुबह 10 बजे जारी पूर्वानुमान के अनुसार, उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग, टिहरी गढ़वाल, देहरादून, पिथौरागढ़ और बागेश्वर जिलों के कुछ इलाकों में भारी बारिश की संभावना है. इसके अलावा, 3,200 मीटर और उससे अधिक ऊंचाई वाले कुछ क्षेत्रों में भारी बर्फबारी हो सकती है, जबकि 3,500 मीटर और उससे अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बहुत भारी बर्फबारी होने की संभावना है. इसके कारण, पहाड़ी जिलों में हिमस्खलन की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है," इसमें एहतियाती उपायों को सूचीबद्ध किया गया है.

Uttarakhand Natural Disasters