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इस साल विश्व जनसंख्या दिवस की क्या थीम है? आइए जानते हैं. Photograph: (Image: X/@CSIR_NIScPR)
World Population Day 2025 Theme, History and Importance: हर साल 11 जुलाई को विश्व जनसंख्या दिवस मनाया जाता है, ताकि दुनिया भर में जनसंख्या से जुड़ी चुनौतियों और उनके प्रभाव को लेकर जागरूकता फैलाई जा सके. साल 2025 में वैश्विक जनसंख्या 8.23 अरब को पार कर सकती है, जो संसाधनों पर बढ़ते दबाव और सतत विकास के लिए गहरी चिंता का विषय है.
World Population Day 2025 : क्या है इस साल की थीम
विश्व जनसंख्या दिवस 2025 की थीम अंग्रेजी भाषा में Empowering young people to create the families they want in a fair and hopeful world है. जिसका मतलब है कि युवाओं को सशक्त बनाना ताकि वे एक समान और आशावादी दुनिया में अपनी पसंद के परिवार का निर्माण कर सकें.
यह थीम इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि आज का युवा वर्ग मानव इतिहास की सबसे बड़ी युवा आबादी का प्रतिनिधित्व करता है. अगर इन्हें सही शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाएं, रोजगार और निर्णय की स्वतंत्रता मिले, तो वे न केवल अपने जीवन को बेहतर बना सकते हैं, बल्कि समाज और देश को भी प्रगति की दिशा में ले जा सकते हैं.
इस दिन की सबसे बड़ी सीख यही है - आबादी केवल आंकड़ा नहीं, बल्कि अवसर है. अगर हम युवाओं को अवसर, अधिकार और संसाधन देंगे, तो वे एक सशक्त, न्यायपूर्ण और खुशहाल समाज का निर्माण कर सकते हैं.
खास मौके पर संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने आव्हान किया कहा है कि हम युवाओं के साथ खड़े हों और एक ऐसा भविष्य बनाएं जहां हर व्यक्ति अपनी मंजिल खुद तय कर सके - एक निष्पक्ष, शांतिपूर्ण और उम्मीदों से भरी दुनिया में.
इस मौके पर CSIR-NIScPR ने भी अपने पोस्ट के जरिए कहा है कि आइए एक ऐसी दुनिया बनाएं जहां हर व्यक्ति स्वतंत्र रूप से निर्णय ले सके, गरिमा से जीवन जी सके और समानता के साथ आगे बढ़ सके.
📅 #WorldPopulationDay 2025 | July 11
— CSIR-NIScPR (@CSIR_NIScPR) July 11, 2025
Let’s build a future where every individual can choose freely, live with dignity and thrive equally.
This year’s theme calls for empowering youth to shape their futures through access to education, healthcare and informed choices.
🔹… pic.twitter.com/nQMJrmnwks
यह विषय इस ओर इशारा करता है कि आज की सबसे बड़ी युवा आबादी को यदि उचित संसाधन, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाएं और अवसर दिए जाएं, तो वे न केवल अपनी ज़िंदगी बेहतर बना सकते हैं बल्कि दुनिया को भी सकारात्मक दिशा में ले जा सकते हैं.
जनसंख्या दिवस का इतिहास
विश्व जनसंख्या दिवस की शुरुआत 1989 में संयुक्त राष्ट्र द्वारा की गई थी. इसका विचार तब आया जब 11 जुलाई 1987 को दुनिया की जनसंख्या 5 अरब के आंकड़े को पार कर गई थी. विश्व बैंक के वरिष्ठ जनसांख्यिकी विशेषज्ञ डॉ. केसी ज़कारिया ने इसे विशेष दिवस के रूप में मनाने का सुझाव दिया था. यही दिन आगे चलकर जनसंख्या दिवस के रूप में स्थापित हुआ.
महत्व और उद्देश्य
इस दिन का उद्देश्य केवल जनसंख्या वृद्धि को लेकर चिंतित होना नहीं है, बल्कि यह प्रजनन अधिकार, लैंगिक समानता, युवाओं का सशक्तिकरण, मातृ एवं बाल स्वास्थ्य, परिवार नियोजन और शिक्षा व स्वास्थ्य सेवाओं तक समान पहुंच जैसे व्यापक मुद्दों को उजागर करता है. साथ ही यह संसाधनों और पर्यावरण पर जनसंख्या वृद्धि के प्रभावों की ओर भी ध्यान दिलाता है.