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ITR Filing : इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने ITR-2 और ITR-3 फॉर्म के लिए एक्सेल यूटीलिटी जारी कर दी है. (Image : Freepik)
ITR Filing : इनकम टैक्स रिटर्न भरने वालों के लिए एक बड़ी राहत की खबर है. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने ITR-2 और ITR-3 फॉर्म के लिए एक्सेल यूटीलिटी जारी कर दी है. अब जिन लोगों की इनकम कैपिटल गेन, क्रिप्टो या अन्य सोर्स से होती है, वे भी आसानी से अपना रिटर्न फाइल कर सकते हैं. इसके साथ ही शेयर बायबैक पर लॉस क्लेम करने जैसी नई सुविधाएं भी इन फॉर्म्स में जोड़ी गई हैं.
क्या है एक्सेल यूटीलिटी और कैसे करें इसका इस्तेमाल?
एक्सेल यूटीलिटी एक ऐसा टूल है, जिसे इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की वेबसाइट से डाउनलोड किया जा सकता है. इसे डाउनलोड करने के बाद एक ज़िप फाइल मिलेगी जिसे एक्सट्रैक्ट करने पर एक्सेल फॉर्मेट में ITR-2 या ITR-3 फॉर्म मिलेगा. इसमें अलग-अलग शेड्यूल्स होते हैं जिनमें आपकी इनकम, कटौती, टैक्स डिटेल्स वगैरह भरने होते हैं. जब सारी जानकारी भर दी जाती है, तब इस फाइल को इनकम टैक्स की वेबसाइट पर लॉगिन करके अपलोड करना होता है. रिटर्न फाइल करने के 30 दिन के अंदर उसे वेरीफाई करना जरूरी होता है.
Attention Taxpayers!
— Income Tax India (@IncomeTaxIndia) July 11, 2025
Excel Utilities of ITR-2 and ITR-3 for AY 2025-26 are now live and available for filing.
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ITR-2 फॉर्म कौन भर सकता है?
ITR-2 उन व्यक्तियों या हिंदू अनडिवाइडेड फैमिली (HUF) के लिए होता है, जिन्हें बिजनेस या प्रोफेशन से इनकम नहीं होती. यानी अगर आपकी कमाई सैलरी, हाउस प्रॉपर्टी, कैपिटल गेन, या अन्य सोर्स से होती है और आप पार्टनरशिप फर्म से प्रोफेशनल इनकम नहीं लेते, तो आप ITR-2 भर सकते हैं. साथ ही अगर आपके नाबालिग बच्चे या जीवनसाथी की इनकम आपकी इनकम में क्लब होती है, और वो ऊपर दी गई कैटेगरी में आती है, तब भी आप ITR-2 इस्तेमाल कर सकते हैं.
ITR-3 किसके लिए है?
अगर आपकी कमाई बिजनेस या प्रोफेशन से होती है, जैसे किसी फर्म से प्रोफेशनल फीस, कमीशन या अन्य प्रोफेशनल इनकम, तो आपको ITR-3 फॉर्म भरना होगा. यह फॉर्म उन लोगों के लिए है जो खुद का बिजनेस करते हैं या पेशेवर सेवाएं देते हैं.
ITR-2 और ITR-3 में क्या नए अपडेट हैं?
इस बार के फॉर्म्स में कई जरूरी बदलाव किए गए हैं, जिससे टैक्सपेयर्स को अपनी इनकम और डिडक्शन की सही रिपोर्टिंग करने में आसानी होगी.
ITR-2 और ITR-3 में कॉमन अपडेट्स :
कैपिटल गेन का नया शेड्यूल: अब कैपिटल गेन को 23 जुलाई 2024 से पहले और बाद में हुए गेन में बांटकर दिखाना होगा, क्योंकि इसी दिन से फाइनेंस एक्ट 2024 के बदलाव लागू हुए हैं.
शेयर बायबैक लॉस की सुविधा: अगर आपने शेयर बायबैक पर लॉस झेला है और उससे जुड़ी डिविडेंड इनकम 'इनकम फ्रॉम अदर सोर्स' में दिखाई है, तो अब आप उस लॉस को क्लेम कर सकते हैं.
एसेट और लायबिलिटी की रिपोर्टिंग लिमिट बढ़ी: अब अगर आपकी कुल इनकम 1 करोड़ रुपये या उससे अधिक है, तो ही आपको एसेट और लायबिलिटी की डिटेल देनी होगी.
डिडक्शन की विस्तृत जानकारी: सेक्शन 80C, 10(13A) जैसी छूटों की विस्तृत रिपोर्टिंग करनी होगी.
TDS शेड्यूल में नया सेक्शन कोड: अब TDS शेड्यूल में कोड के जरिए जानकारी देनी होगी.
ITR-3 में एक्स्ट्रा अपडेट:
सेक्शन 44BBC का जिक्र: यह सेक्शन क्रूज़ बिजनेस से जुड़े टैक्सपेयर्स के लिए है, और अब इसे भी फॉर्म में जोड़ा गया है.
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ऑनलाइन पोर्टल से फाइलिंग अभी नहीं
हालांकि Excel यूटीलिटी जारी कर दी गई है, लेकिन ऑनलाइन पोर्टल से अभी ITR-2 और ITR-3 फॉर्म नहीं भरे जा सकते. यानी जो टैक्सपेयर्स ऑनलाइन मोड से सीधे रिटर्न फाइल करना चाहते हैं, उन्हें थोड़ा और इंतजार करना पड़ेगा. जल्द ही इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ऑनलाइन पोर्टल से फाइलिंग की सुविधा भी एक्टिव करेगा, जिसकी अलग से सूचना दी जाएगी.
डेडलाइन का रखें ध्यान
ध्यान दें कि फाइनेंशियल इयर 2024-25 (Assessment Year 2025-26) के लिए ITR भरने की अंतिम तारीख 15 सितंबर 2025 है. ऐसे में जिन टैक्सपेयर्स को ITR-2 या ITR-3 भरना है, वे Excel यूटीलिटी के जरिए अपनी प्रोसेस शुरू कर सकते हैं और समय से पहले अपना रिटर्न भर सकते हैं.
ITR-2 और ITR-3 की Excel यूटीलिटी जारी होने से उन टैक्सपेयर्स को बड़ी सुविधा मिली है जिनकी इनकम कैपिटल गेन, क्रिप्टो या बिजनेस/प्रोफेशन से होती है. अपडेटेड फॉर्म्स में किए गए बदलाव टैक्स कंप्लायंस को और आसान और पारदर्शी बनाने की दिशा में अहम कदम हैं. अब समय है सही जानकारी इकट्ठा करने और अपने रिटर्न की तैयारी शुरू करने का.