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FD vs POTD: बैंक एफडी या पोस्ट ऑफिस, इस समय कहां मिलेगा ज्यादा फायदा? पैसे लगाने से पहले चेक करें डिटेल

Bank FD vs POTD: बैंकों ने आरबीआई की रेपो रेट कटौती के बाद अपनी एफडी ब्याज दरों में कटौती की है, वहीं पोस्ट ऑफिस टाइम डिपॉजिट (POTD) अभी भी हायर इंटरेस्ट रेट के साथ निवेशकों को आकर्षित कर रहे हैं.

Bank FD vs POTD: बैंकों ने आरबीआई की रेपो रेट कटौती के बाद अपनी एफडी ब्याज दरों में कटौती की है, वहीं पोस्ट ऑफिस टाइम डिपॉजिट (POTD) अभी भी हायर इंटरेस्ट रेट के साथ निवेशकों को आकर्षित कर रहे हैं.

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FE Hindi Desk
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Bank FD vs Post Office Time Deposit

पोस्ट ऑफिस टाइम डिपॉजिट में जमा पैसे की सुरक्षा की गारंटी भारत सरकार देती है, जिससे यह एक बेहद सुरक्षित निवेश विकल्प बन जाता है. Photograph: (AI Image)

Post Office Time Deposit vs Bank Fixed Deposit: जुलाई 2025 में फिक्स्ड इनकम निवेशकों के बीच एक बड़ा बदलाव देखा जा रहा है. जहां बैंकों ने आरबीआई की रेपो रेट कटौती के बाद अपनी एफडी ब्याज दरों में कटौती की है, वहीं पोस्ट ऑफिस टाइम डिपॉजिट (POTD) अभी भी हायर इंटरेस्ट रेट के साथ निवेशकों को आकर्षित कर रहे हैं. सरकार की गारंटी, बेहतर रिटर्न और ग्रामीण भारत तक पहुंच के कारण ये योजनाएं पारंपरिक बैंक एफडी पर भारी पड़ रही हैं.

जुलाई-सितंबर 2025 के दौरान भी पोस्ट ऑफिस टाइम डिपॉजिट पर ब्याज दरें 1 साल के लिए 6.90%, 2 साल के लिए 7.00%, 3 साल के लिए 7.10% और 5 साल के लिए 7.50% तक बरकरार हैं. वहीं दूसरी तरफ, एसबीआई, एचडीएफसी, आईसीआईसीआई, कोटक महिंद्रा जैसे देश के प्रमुख सरकारी प्राइवेट बैंक समान अवधियों के लिए 6.05% से 6.60% तक ही ब्याज दे रहे हैं. खासकर 5 साल की अवधि के निवेशकों के लिए पोस्ट ऑफिस का विकल्प ज्यादा आकर्षक बन गया है.

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सरकारी सुरक्षा बनाम बैंक बीमा

पोस्ट ऑफिस टाइम डिपॉजिट में जमा पैसे की सुरक्षा की गारंटी भारत सरकार देती है, जिससे यह एक बेहद सुरक्षित निवेश विकल्प बन जाता है. इसके उलट, बैंक एफडी पर केवल 5 लाख रुपये तक का ही डिपॉजिट इंश्योरेंस (DICGC) मिलता है. बड़े निवेशकों के लिए यह अंतर बेहद अहम हो सकता है.

बैंक एफडी की लिक्विडिटी और सीनियर सिटिजन बेनिफिट

हालांकि, बैंकों की एफडी योजनाएं ज्यादा लचीलापन देती हैं - जैसे कि 7 दिन से लेकर 10 साल तक की अवधि चुनने की सुविधा, मंथली या तिमाही बेसिस पर ब्याज भुगतान विकल्प और वरिष्ठ नागरिकों यानी 60 साल से ऊपर के निवेशकों के लिए एक्ट्रा ब्याज. पोस्ट ऑफिस डिपॉजिट में ये सुविधाएं नहीं मिलतीं, जिससे कुछ निवेशक बैंक विकल्प को प्राथमिकता दे सकते हैं.

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टैक्स छूट और ग्रामीण पहुंच

पोस्ट ऑफिस की 5 साल की एफडी पर आयकर अधिनियम की धारा 80C के तहत टैक्स छूट मिलती है, ठीक वैसे ही जैसे टैक्स-सेविंग बैंक एफडी पर. हालांकि, इंटरेस्ट इनकम दोनों ही मामलों में टैक्स योग्य होती है. साथ ही, पोस्ट ऑफिस की पहुंच गांवों और छोटे शहरों तक है, जिससे दूर-दराज के लोगों के लिए इसमें निवेश करना आसान और भरोसेमंद बन जाता है

किसके लिए बेहतर है कौन सा विकल्प?

  • सुरक्षा चाहने वालों के लिए: पोस्ट ऑफिस एफडी बेहतर, क्योंकि सरकारी गारंटी है.
  • अधिक ब्याज चाहने वालों के लिए: फिलहाल पोस्ट ऑफिस के रेट बैंकों से ज्यादा हैं.
  • लचीलापन और सीनियर सिटीजन बेनिफिट्स चाहने वालों के लिए: बैंक एफडी बेहतर विकल्प है.
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