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FY20 से FY24 के बीच सालाना 32.8% की रफ्तार से बढ़े बैंक फ्रॉड, ऐसी घटनाओं में प्राइवेट बैंकों की हिस्सेदारी में इजाफा : SBI रिसर्च

SBI Ecowrap : एसबीआई रिसर्च की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक वित्त वर्ष 2020 से वित्त वर्ष 2024 के बीच बैंकों द्वारा रिपोर्ट की गई धोखाधड़ी की घटनाओं में सालाना 32.8% की रफ्तार से बढ़ोतरी हुई है.

SBI Ecowrap : एसबीआई रिसर्च की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक वित्त वर्ष 2020 से वित्त वर्ष 2024 के बीच बैंकों द्वारा रिपोर्ट की गई धोखाधड़ी की घटनाओं में सालाना 32.8% की रफ्तार से बढ़ोतरी हुई है.

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Viplav Rahi
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SBI Research Latest Report : बैंकों की तरफ से रिपोर्ट की जाने वाली धोखाधड़ी की घटनाएं पिछले कुछ सालों के दौरान तेजी से बढ़ी हैं. (Image : Pixabay)

Bank Fraud : SBI Research Latest Report : देश के बैंकों की तरफ से रिपोर्ट की जाने वाली धोखाधड़ी की घटनाएं पिछले कुछ सालों के दौरान तेज रफ्तार से बढ़ी हैं. यह जानकारी स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की रिसर्च टीम की लेटेस्ट रिपोर्ट में दी गई है. एसबीआई ईकोरैप (SBI Ecowrap) के नाम से प्रकाशित होने वाली इस रिपोर्ट में बताया गया है कि वित्त वर्ष 2020 से वित्त वर्ष 2024 के बीच बैंकों द्वारा रिपोर्ट की गई धोखाधड़ी की घटनाओं में सालाना 32.8% की रफ्तार से बढ़ोतरी हुई है. इस रिपोर्ट में बैंकों द्वारा रिपोर्ट की गई धोखाधड़ी के मामलों से जुड़े कई दिलचस्प तथ्यों की जानकारी दी गई है. 

8707 से बढ़कर 36,075 हुईं फ्रॉड की घटनाएं

रिपोर्ट के मुताबिक वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान बैंकों द्वारा रिपोर्ट की गई फ्रॉड की घटनाओं की संख्या 8707 थी, जो वित्त वर्ष 2023-24 में बढ़कर 36,075 हो गयी. रिपोर्ट के मुताबिक एक खास बात यह भी है कि फ्रॉड की इन घटनाओं में प्राइवेट बैंकों की हिस्सेदारी में काफी इजाफा हुआ है, जबकि प्रतिशत के रूप में सरकारी बैंकों की हिस्सेदारी कम हुई है. वित्त वर्ष 2019-20 में धोखाधड़ी की घटनाओं में निजी बैंकों का हिस्सा 35.2 फीसदी था, जो वित्त वर्ष 2023-24 में बढ़कर 67.1 फीसदी हो गया. वहीं, फ्रॉड की वारदात में सरकारी बैंकों (PSB) का हिस्सा वित्त वर्ष 2019-20 में 50.7 फीसदी था, जो वित्त वर्ष 2023-24 में घटकर 20.7 फीसदी रह गया. 

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धोखाधड़ी में शामिल रकम तेजी से घटी 

एसबीआई रिसर्च की रिपोर्ट के मुताबिक फ्रॉड के अमाउंट के लिहाज से देखें तो वित्त वर्ष 2019-20 में बैंकों द्वारा रिपोर्ट की गई धोखाधड़ी में शामिल कुल रकम 1.85 लाख करोड़ रुपये थी, जो 2023-24 में घटकर 13,930 करोड़ रुपये रह गई. इस हिसाब से देखें तो FY20 से FY24 के बीच इसमें सालाना 27.9 फीसदी की रफ्तार से कमी आई है. यहां भी प्राइवेट बैंकों का हिस्सा FY20 के 18.4 फीसदी से बढ़कर FY24 में 22.8 फीसदी पर पहुंच गया. जबकि सरकारी बैंकों की हिस्सेदारी 79.9 फीसदी से घटकर 75.3 फीसदी पर आ गई.  

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सरकारी बैंकों से जुड़े फ्रॉड में अधिकांश मामले लोन से जुड़े

पब्लिक सेक्टर यानी सरकारी बैंकों ने जिस तरह के फ्रॉड रिपोर्ट किए हैं, उनमें सबसे ज्यादा घटनाएं लोन पोर्टफोलियो से जुड़ी हैं. वहीं प्राइवेट बैंकों द्वारा रिपोर्ट की गई धोखाधड़ी की वारदात में मैक्सिमम नंबर छोटी रकम वाले कार्ड/इंटरनेट फ्रॉड का है. वारदात की संख्या के लिहाज से धोखाधड़ी की घटनाओं में कार्ड/इंटरनेट से जुड़ी वारदात का हिस्सा FY22 में 39.8 फीसदी से बढ़कर FY24 में 80.6 फीसदी हो गया. कार्ड/इंटरनेट फ्रॉड में शामिल रकम के हिसाब से देखें तो यह हिस्सेदारी इसी दौरान 0.3 फीसदी से बढ़कर 10.4 फीसदी हो गई. दूसरी तरफ लोन से जुड़े फ्रॉड की घटनाएं संख्या के लिहाज से FY22 में 41.8 फीसदी से घटकर FY24 में 11.5 फीसदी रह गईं. इसी दौरान धोखाधड़ी की रकम के हिसाब से देखें तो लोन से जुड़े फ्रॉड का हिस्सा FY22 में 95.4 से घटकर FY24 में 84.5 फीसदी रह गया. 

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