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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि बजट 2024-25 में घोषित नई लिमिट से कम वैल्यू वाले पुराने केस तीन महीने में वापस लिए जाएं. (AI Image)
Big relief coming for taxpayers: THESE low-value income tax cases to be dropped soon: केंद्र सरकार टैक्स सिस्टम को आसान और पारदर्शी बनाने में जुटी है, ताकि विवादों में कमी आए. इस क्रम में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने CBDT को निर्देश दिया है कि बजट 2024‑25 में घोषित नई सीमा से कम मूल्य वाले पुराने टैक्स मामलों की पहचान कर उन्हें तीन महीने में वापस लिया जाए. इनकम टैक्स विभाग के स्थापना दिवस पर उन्होंने विभाग से अपील की कि विशेषकर वे केस जो फेसलेस अपीलेट अथॉरिटी के पास लंबित हैं, उन्हें तत्काल निपटाया जाए. यह कदम टैक्स प्रशासन की कुशलता बढ़ाने, टैक्सपेयर्स पर कानूनी बोझ कम करने और न्याय व्यवस्था को अनावश्यक विवादों से मुक्त करने की एक प्रगतिशील पहल का हिस्सा है.
वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि नया इनकम टैक्स बिल 2025 अब पूरी तरह से सरल, स्पष्ट और आम भाषा में तैयार किया गया है, जिससे आम लोग टैक्स के नियम आसानी से समझ सकें और उनका पालन कर सकें. यह बदलाव टैक्सपेयर्स के हित में है और इससे नियमों की गलतफहमी की संभावना काफी घटती है.
24 जुलाई को 166वें इनकम टैक्स डे के अवसर पर वरिष्ठ टैक्स अधिकारियों को संबोधित कर उन्होंने कहा, “सिर्फ अच्छी नीतियां बनाना काफी नहीं होता - उनका वास्तविक महत्व तभी है जब उन्हें तय समय पर लागू किया जाए. बजट 2024-25 में अपीलों की रकम की लिमिट को लेकर बड़ा बदलाव किया गया है.
- ITAT (इनकम टैक्स अपीलेट ट्रिब्यूनल) के लिए सीमा 50 लाख रुपये से बढ़ाकर 60 लाख रुपये की गई है.
- हाई कोर्ट में अपील की सीमा 1 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 2 करोड़ रुपये की गई है.
- सुप्रीम कोर्ट के लिए यह सीमा 2 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 5 करोड़ रुपये कर दी गई है.
इन नई लिमिट्स के लागू होने के बाद से 4,605 केस वापस ली गई हैं, और 3,120 मामलों में अपील की ही नहीं गई क्योंकि वे नई लिमिट से नीचे थे. इससे कोर्ट अब ऊंची रकम वाले मामलों पर फोकस कर पा रही है, जो सरकार की तेज और प्रभावी न्याय प्रक्रिया की सोच के अनुरूप है.
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10 लाख करोड़ के 2.25 लाख टैक्स केस होंगे खत्म
अभी देशभर में कुल 5.77 लाख टैक्स अपीलें पेंडिंग हैं, जिनमें से 2.25 लाख मामलों को वित्त वर्ष 2025-26 में खत्म करने के लिए चिन्हित किया गया है. इन मामलों में 10 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की विवादित टैक्स मांग जुड़ी हुई है. वित्त मंत्री ने CBDT से आग्रह किया कि वह सेक्टर वाइज परफॉर्मेंस की समीक्षा करें, पुराने मामलों को जल्दी सुलझाएं और यह भी जांचें कि बार-बार विवाद क्यों हो रहे हैं, ताकि भविष्य के लिए स्थायी समाधान निकाला जा सके.
वित्त मंत्री ने की CBDT की तारीफ
वित्त मंत्री ने नए इनकम टैक्स बिल के ड्राफ्ट पर CBDT द्वारा किए गए काम की सराहना की. उन्होंने बताया कि इस बिल को सरल और आधुनिक बनाने के लिए 60,000 घंटे से ज़्यादा मेहनत की गई है. पुराने ड्राफ्ट में जहां करीब 5 लाख शब्द थे, वहीं नई बिल को लगभग आधा कर दिया गया है, और वो भी किसी कानूनी गलती के बिना. उन्होंने इस पूरे प्रयास को “शानदार” बताया.
राज्य और टैक्सपेयर्स के बीच विश्वास की भावना को दोहराते हुए वित्त मंत्री ने कहा, "हमें इस भरोसे के करार को फिर से मजबूत करना चाहिए और टैक्सपेयर्स का विश्वास जीतना चाहिए." उन्होंने टैक्सपेयर्स को बेहतर सेवाएं देने और उनसे संवाद बनाए रखने पर भी जोर दिया.
सरकार की यह नई पहल साफ दिखाती है कि उसका मकसद टैक्स सिस्टम को पारदर्शी, भरोसेमंद और कोर्ट-कचहरी से मुक्त बनाना है, ताकि आम लोग टैक्स देने की प्रक्रिया को सहज महसूस करें और देश की टैक्स व्यवस्था पर उनका भरोसा और मजबूत हो.