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Budget 2024-25: प्रीमियम पर टैक्स छूट सीमा बढ़ाने से लेकर न्यू टैक्स रिजीम तक, बजट में इंश्योरेंस सेक्टर की डिमांड

धारा 80D के तहत हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर टैक्स छूट सीमा पिछले 9 साल से अपरिवर्तित बनी हुई है. इंश्योरेंस सेक्टर को उम्मीद है कि आगामी बजट में सरकार स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर छूट सीमा में कुछ बढ़ोतरी की घोषणा करेगी.

धारा 80D के तहत हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर टैक्स छूट सीमा पिछले 9 साल से अपरिवर्तित बनी हुई है. इंश्योरेंस सेक्टर को उम्मीद है कि आगामी बजट में सरकार स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर छूट सीमा में कुछ बढ़ोतरी की घोषणा करेगी.

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FE Hindi Desk
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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 23 जुलाई को 2024-25 का बजट पेश करेंगी. यह नरेन्द्र मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला प्रमुख नीतिगत दस्तावेज होगा. (Image: Pixabay)

Budget Expectetion 2024: इंश्योरेंस सेक्टर को आगामी बजट कई अहम बदलाव किए जाने की उम्मीद है. बजट से पहले स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर विशेषज्ञों ने टैक्स डिडक्शन लिमिट बढ़ाने और न्यू टैक्स रिजीम में भी इसका लाभ देने का सुझाव दिया है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 23 जुलाई को 2024-25 का बजट पेश करेंगी. यह नरेन्द्र मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला प्रमुख नीतिगत दस्तावेज होगा.

हेल्थ प्रीमियम पर टैक्स छूट सीमा बढ़ाने की डिमांड

बीमा कंपनी फ्यूचर जनरली इंडिया इंश्योरेंस के मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ अनूप राऊ ने कहा कि देशभर में स्वास्थ्य देखभाल की लागत में उल्लेखनीय वृद्धि के बावजूद आयकर कानून की धारा 80D के तहत हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर डिडक्शन लिमिट पिछले 9 साल से अपरिवर्तित बनी हुई है. उन्होंने कहा कि यह सबसे अच्छा होगा अगर हेल्थ इंश्योरेंस की लिमिट महंगाई दर से जुड़ी हो और हर एक एक-दो साल में खुद-ब-खुद इसमें बदलाव हो. साथ ही न्यू टैक्स रिजीम में भी हेल्थ इंश्योरेंस का लाभ बढ़ाने की आवश्यकता है क्योंकि इसकी पहुंच बढ़ाना जरूरी है. इसीलिए, हमें उम्मीद है कि आगामी बजट में स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर छूट सीमा में कुछ बढ़ोतरी की घोषणा की जाएगी.

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क्या होंगे फायदे

बजाज आलियांज जनरल इंश्योरेंस के एमडी और सीईओ तपन सिंघल ने कहा कि कर्मचारियों को कम दरों पर स्वास्थ्य बीमा की पेशकश, स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर जीएसटी में कमी और 80D के तहत छूट सीमा में वृद्धि जैसे सुधार स्वास्थ्य बीमा को अधिक किफायती और सुलभ बनाएंगे. सिंघल ने कहा कि ‘इसके अतिरिक्त वरिष्ठ नागरिकों के लिए स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम के लिए कटौती की सीमा हटाने से उनका वित्तीय बोझ काफी कम हो जाएगा.

राजीव गांधी कैंसर इंस्टिट्यूट एंड रिसर्च सेंटर (आरजीसीआईआरसी-RGCIRC) के मुख्य कार्यपालक अधिकारी डीएस नेगी ने कहा कि देश में कैंसर देखभाल में सुधार पर ध्यान देना अहम है. यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि सभी मरीजों इन अत्याधुनिक उपचारों तक पहुंच हो. उन्होंने कहा कि आयुष्मान भारत को 70 वर्ष से अधिक आयु वालों तक विस्तारित करना वरिष्ठ नागरिकों के लिए अत्यधिक फायदेमंद होगा. साथ ही इस बात पर भी गौर करने की जरूरत है कि 5 लाख रुपये की वर्तमान सीमा कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों के लिए पर्याप्त नहीं है. इस बीमारी के उपचार की लागत 15-20 लाख रुपये तक हो सकती है.

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मेडिकल टेक्नोलॉजी एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एम-ताई) के अध्यक्ष पवन चौधरी ने कहा कि भारत में चिकित्सा उपकरणों पर लगाए गए सीमा शुल्क और कर दुनिया में सबसे ज्यादा हैं और यह सीधे मरीजों को प्रभावित करते हैं. उन्होंने कहा कि दूसरी ओर, सिंगापुर, हांगकांग, इटली और नॉर्वे जैसे देश इस तरह का कोई शुल्क नहीं लगाते हैं. ऑस्ट्रेलिया और जापान सिर्फ न्यूनतम 0.5 फीसदी शुल्क लगाते हैं, जबकि अमेरिका में यह दो फीसदी और चीन में तीन फीसदी है. उन्होंने कहा कि ऐसे में भारत में चिकित्सा उपकरणों के अवैध आयात का जोखिम है. इस तरह के व्यापार से देश के राजस्व में कमी आएगी.

हेल्थ इंश्योरेंस पर फिलहाल मिलती है टैक्स में छूट

फिलहाल इनकम टैक्स की धारा 80D के तहत बच्चों के लिए भुगतान किए गए हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर टैक्स डिडक्शन का लाभ मिलता है. हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी में बच्चे, पत्नी और खुद यानी परिवार के लिए टैक्स डिडक्शन की ऊपरी लिमिट 25,000 रुपये है. इनकम टैक्स की धारा 80D के तहत बच्चे वाला परिवार 25,000 रुपये तक के टैक्स डिडक्शन के लिए क्लेम कर सकता है. इसके अलावा कॉम्प्रिहेंसिव हेल्थ इंश्योरेंस कवर अतिरिक्त 5,000 रुपये तक का क्लेम सुनिश्चित करता है. यह कवरेज होने पर परिवार बच्चों के प्रिवेंटिव हेल्थ चेकअप के लिए 5,000 तक की सब-लिमिट का दावा भी कर सकते हैं.

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इसके अलावा, सेक्शन 80DD और 80DDB विकलांग या विशिष्ट बीमारियों वाले बच्चों के मेडिकल ट्रीटमेंट पर होने वाले खर्चों के लिए टैक्स डिडक्शन मिलते हैं. धारा 80DD के तहत, विकलांग बच्चों के चिकित्सा उपचार और रखरखाव से संबंधित खर्चों के लिए टैक्स डिडक्शन का दावा किया जा सकता है, जबकि धारा 80DDB विशिष्ट बीमारियों जैसे एड्स, न्यूरोलॉजिकल रोगों और घातक कैंसर के इलाज के लिए डिडक्शन की अनुमति देता है. धारा 80DD के तहत कटौती की राशि विकलांगता की सीमा पर निर्भर करती है, जिसमें 40% से अधिक विकलांगों के लिए 75,000 रुपये की अधिकतम डिडक्शन और गंभीर विकलांगता के लिए 1,25,000 रुपये की अधिकतम डिडक्शन होती है.

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