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आईटीआर यानी इनकम टैक्स रिटर्न एक टैक्स रिटर्न फॉर्म है जिसका इस्तेमाल टैक्स देने वाले लोग आयकर विभाग को अपनी कमाई और एसेट्स की रिपोर्ट करने के लिए करते हैं. (Image : Freepik)
To mandatorily file ITR if Power bill over Rs 1 Lakh during FY23: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली सहित उत्तर और मध्य भारत के ज्यादातर हिस्सों में भीषण गर्मी पड़ रही है. झुलसाने वाली गर्मी ने लोगों को घर से बाहर निकलने से पहले सोचने पर मजबूर कर दिया है. घर और दफ्तर में कुछ हद तक एसी, कुलर, फैन जैसे उपकरण के इस्तेमाल से राहत हैं. हालांकि इस तरह के उपकरणों के इस्तेमाल पर बिजली की खपत काफी बढ़ गई है. ऐसे में बिजली बिल का अधिक आना लाजमी है.
न सिर्फ गर्मी बल्कि ठंडी के सीजन में हीटर जैसे उपकरण के इस्तेमाल से जेब पर बोझ बढ़ जाती है. इसके अलावा, साल में दिवाली जैसे कई मौके आते हैं जिसमें बिजली की खपत ज्यादा होती है. लेकिन क्या आप जानते हैं एक लिमिट के बाद बिजली खर्च करने पर अनिवार्य रूप से आईटीआर भी फाइल करना होता है. आयकर कानून के मुताबिक अगर किसी शख्स के नाम एक वित्त वर्ष में बिजली की खपत पर खर्च 1 लाख रुपये से अधिक आता है, तो ऐसे मामले में आईटीआर फाइल करना जरूरी हो जाता है.
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घर या दफ्तर में इस्तेमाल की हो रही बिजली के लिए अगर आपको पिछले वित्त वर्ष के दौरान (1 अप्रैल 2023 से 31 मार्च 2024) कुल 12 महीनों में बिजली बिल पर 1 लाख से अधिक रूपये खर्च करना पड़ा है, तो मौजूदा वित्त वर्ष में आईटीआर फाइल करना होगा. वित्त वर्ष 2023-24 के लिए असेसमेंट ईयर (FY2024-25) में इनकम टैक्स रिटर्न भरने की अंतिम तारीख 31 जुलाई 2024 है.
क्या है आईटीआर?
आईटीआर यानी इनकम टैक्स रिटर्न एक टैक्स रिटर्न फॉर्म है जिसका इस्तेमाल टैक्स देने वाले लोग आयकर विभाग को अपनी कमाई और एसेट्स की रिपोर्ट करने के लिए करते हैं. इसमें टैक्स देने वाले लोगों के पर्सनल और फाइनेंशियल डाटा से संबंधित विवरण हैं. आईटीआर ज्यादातर इलेक्ट्रॉनिक मोड में भरा जाता है लेकिन वरिष्ठ नागरिकों के लिए इसे मैन्युअल रूप से भी दाखिल करने का विकल्प मौजूद होता है. टैक्सपेयर्स एक व्यक्ति, आर्टिफिशियल न्यायिक व्यक्ति, फर्म, ट्रस्ट, कंपनी या एक समाज हो सकता है.
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बिजली बिल के अलावा इन मामलों में भी भरना पड़ता है आईटीआर
बिजली बिल के अलावा आयकर कानून में कुई और कैटेगरी भी शामिल हैं जिसके तहत आने वाले सभी टैक्सपेयर्स को समयसीमा के अंदर आईटीआर फाइल करना होता है.
अगर कोई शख्स विदेश यात्रा में 2 लाख से अधिक का खर्च करता है तो उसे भी आईटीआर के दायरे में रखा गया है.
अगर किसी शख्स की इनकम तय लिमिट के अनुसार है लेकिन एक या अधिक चालू खाते में 1 करोड़ रुपये से अधिक की राशि या कुल राशि जमा करता है तो उसे आईटीआर के दायरे में रखा जाएगा.
हर कंपनी और फर्म चाहे उसे नुकसान हो या मुनाफा हो उसे आईटीआर फाइल करना ही होगा.
अगर आपने अपने एक या उससे अधकि सेविंग बैंक अकाउंट में कुल 50 लाख रुपये या उससे अधिक की राशि जमा की है तो आपको अनिवार्य रूप से टैक्स रिटर्न दाखिल करना होगा.
अगर आपका पिछले वित्त वर्ष में सोर्स पर टीडीएस/टीसीएस 25,000 रुपये से अधिक कटा है सीनियर सिटिजन के मामले में यह सीमा 50,000 रुपये कटा है, तो आपको आईटीआर फाइन करना होगा.
अगर आप किसी पेशे से जुड़े हैं और पिछले वित्त वर्ष के दौरान आपकी ग्रॉस रिसिप्ट 10 लाख रुपये से अधिक हैं, तो आपको अनिवार्य रूप से टैक्स रिटर्न दाखिल करना होगा.
अगर आप एक बिजनसमैन हैं और पिछले वित्त वर्ष के दौरान आपकी कुल बिक्री, टर्नओवर या सकल प्राप्ति 60 लाख रुपये से अधिक है, तो आपको अनिवार्य रूप से टैक्स रिटर्न दाखिल करना होगा.
अगर आपकी ग्रॉस टोटल इनकम यानी कुल कमाई 2.5 लाख रुपये से अधिक है तो आपको आईटीआर फाइल करना जरूरी है. सीनियर सिटिजन के मामले में ये सीमा 3 लाख और सुपर सीनियर सिटिजन यानी 80 साल से अधिक के लोगों के लिए 5 लाख रुपये है. यानी अगर आपकी कुल कमाई 2.5 लाख रुपये से कम है तो आपको आईटीआर भरने की जरूरत नहीं है.
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