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अब कर्मचारियों के लिए ईपीएफ विथड्रॉल के नियम पहले से कहीं ज्यादा सरल और फायदे वाले हो गए हैं. यहां एक-एक कर सभी बदलावों के बारे में जान सकते हैं. (AI Image: Perplexity)
EPF Withdrawal New Rules : सोशल मीडिया पर इन दिनों कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) से जुड़ी कई खबरें वायरल हो रही हैं. कुछ कहती हैं कि अब EPF का पैसा निकालना मुश्किल हो गया है, तो कुछ दावा करती हैं कि सरकार ने कर्मचारियों की जमा रकम पर नया "ताला" लगा दिया है. लाखों सैलरीड लोग इन अफवाहों से परेशान हैं और सोच रहे हैं कि कहीं उनका मेहनत का पैसा अटक तो नहीं गया. लेकिन हकीकत इन अफवाहों से बिल्कुल उलट है. वायरल आपवाहों और उससे जुड़े सच्चाई के बारे में यहां एक-एक पढ़िए.
अफवाह: अब पीएफ निकालना पहले से ज्यादा मुश्किल हो गया है!
सच्चाई: अब ईपीएफओ ने 13 पुराने और जटिल नियमों को खत्म कर एक ही सरल नियम बना दिया है. इससे आंशिक निकासी (Partial Withdrawal) की प्रक्रिया पहले से कहीं आसान हो गई है.
अफवाह: अब सिर्फ रिटायरमेंट पर ही पीएफ निकाल सकेंगे!
सच्चाई: ऐसा बिल्कुल नहीं है. अब आप बीमारी, शिक्षा और शादी जैसी जरूरी जरूरतों के लिए भी अपना पीएफ निकाल सकते हैं. वो भी सरल प्रक्रिया के जरिए.
अफवाह: घर बनाने या खरीदने के लिए पीएफ निकालना बंद हो गया है!
सच्चाई: अब ‘आवास संबंधी जरूरतें’ (Housing Needs) के लिए निकासी की अलग श्रेणी बनाई गई है. सदस्य अब अपने नियोक्ता के योगदान समेत 100% राशि तक निकाल सकते हैं.
अफवाह: शादी या पढ़ाई के लिए सिर्फ एक बार ही पैसा निकलेगा!
सच्चाई: अब लिमिट बढ़ा दी गई हैय अब शिक्षा के लिए 10 बार तक निकासी की अनुमति, विवाह के लिए 5 बार तक निकासी की अनुमति दी गई है. जबकि पहले कुल 3 बार तक ही निकासी संभव थी.
अफवाह: पीएफ निकालने के लिए कई साल नौकरी करनी होगी!
सच्चाई: अब हर तरह की आंशिक निकासी के लिए सिर्फ 12 महीने की सेवा जरूरी है. पहले हर कैटेगरी के लिए अलग-अलग अवधि होती थी.
अफवाह: ‘विशेष परिस्थितियों’ में निकासी के लिए कारण बताना जरूरी है!
सच्चाई: अब ऐसा नहीं है. पहले प्राकृतिक आपदा, लॉकडाउन, महामारी या बेरोजगारी जैसी स्थिति में कारण बताना पड़ता था, जिससे दावे खारिज हो जाते थे. अब आप बिना कोई कारण बताए आवेदन कर सकते हैं.
अफवाह: पूरी राशि निकालना अब संभव नहीं, पैसा फंस जाएगा!
सच्चाई: अब आप कर्मचारी और नियोक्ता दोनों के योगदान सहित 100% तक की राशि निकाल सकते हैं, बस खाते में कम-से-कम 25% राशि बैलेंस के रूप में रखना जरूरी होगा.
अफवाह: खाते में बैलेंस रखने से ब्याज का नुकसान होगा!
सच्चाई: ऐसा बिल्कुल नहीं है. 25% राशि खाते में रखने से आपको 8.25% सालाना ब्याज और कंपाउंडिंग बेनिफिट (Compounding Benefit) दोनों मिलते रहेंगे. जिससे रिटायरमेंट फंड और मजबूत बनेगा.
अफवाह: दावा प्रक्रिया अब भी लंबी और पेचीदा है!
सच्चाई: अब सभी आंशिक निकासी 100% स्वचालित (Auto-approved) होंगी. ना किसी दस्तावेज़ की जरूरत, ना मैन्युअल वेरिफिकेशन की.
अफवाह: बेरोजगार होने के बाद भी पैसा तुरंत नहीं मिलेगा!
सच्चाई: अब अंतिम निपटान (Final Settlement) की अवधि 2 महीने से बढ़ाकर 12 महीने और पेंशन निकासी की अवधि 36 महीने कर दी गई है ताकि सदस्य अपनी आर्थिक जरूरतों के मुताबिक आसानी से पैसा निकाल सकें.
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) और श्रम मंत्रालय, दोनों ने खुद साफ किया है कि किसी भी कर्मचारी की जमा रकम पर कोई रोक नहीं है, बल्कि नए नियम कर्मचारियों के हित में बनाए गए हैं ताकि उनकी रिटायरमेंट सिक्योरिटी और पेंशन दोनों मजबूत हों.
हाल में EPF निकासी से जुड़े किए गए बदलावों के बारे में जानें
अक्टूबर की शुरुआत में ईपीएफओ (EPFO) की सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज़ की 238वीं बैठक नई दिल्ली में हुई. यह बैठक 13 अक्टूबर को श्रम मंत्री मनसुख मांडविया की अध्यक्षता में हुई थी. बैठक में ईपीएफ (EPF) से जुड़ी कई महत्वपूर्ण बातें तय की गईं. खासकर, पैसे निकालने से जुड़े नियमों को आसान और लचीला बनाने पर जोर दिया गया. अब कर्मचारियों के लिए ईपीएफ विथड्रॉल के नियम पहले से कहीं ज्यादा सरल और फायदे वाले हो गए हैं. चलिए, एक-एक कर इन बदलावों के बारे में जानते हैं.
- कर्मचारियों की जिंदगी आसान बनाने के लिए EPFO की सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज (CBT) ने पुराने और उलझे हुए 13 नियमों को खत्म करके एक ही आसान नियम बना दिया है. अब EPF से आंशिक विथड्रॉल (Partial Withdrawal) के सारे प्रावधान को तीन हिस्सों में बांटा गया है - जरूरी जरूरतें (जैसे बीमारी, पढ़ाई, शादी), घर से जुड़ी जरूरतें (जैसे घर बनाना या खरीदना), और खास परिस्थितियां (जैसे नौकरी छूटना, आपदा या दूसरी मुश्किलें). इससे अब PF का पैसा निकालना पहले से कहीं ज्यादा आसान और सीधा हो गया है.
- अब कर्मचारी अपने EPF खाते से पूरा पैसा यानी खुद का कॉन्ट्रिब्यूशन, एंप्लायर का कॉन्ट्रिब्यूशन और उस पर मिला ब्याज, 100% तक निकाल सकेंगे, अगर वे इसके पात्र हैं. पहले सिर्फ कुछ हिस्सा ही निकालने की अनुमति थी, लेकिन अब यह नियम और ज्यादा लचीला हो गया है.
- अब EPF विथड्रॉल के नियम पहले से कहीं ज्यादा लचीले हो गए हैं. यानी अब आप शिक्षा के लिए 10 बार तक और विवाह के लिए 5 बार तक अपने PF से पैसा निकाल सकते हैं. पहले इन दोनों कामों के लिए कुल मिलाकर सिर्फ 3 बार विथड्रॉल की अनुमति थी, लेकिन अब यह सीमा बढ़ाकर कर्मचारियों के लिए काफी राहत दी गई है.
- अब सभी तरह की आंशिक विथड्रॉल के लिए कम से कम 12 महीने की नौकरी करना ही पर्याप्त होगा. पहले अलग-अलग कारणों के लिए अलग-अलग सर्विस अवधि की शर्तें होती थीं, लेकिन अब नियम को आसान बनाकर एक जैसा कर दिया गया है. यानी सिर्फ 1 साल नौकरी करने के बाद आप अपने PF से आंशिक विथड्रॉल कर सकते हैं.
- पहले अगर कोई सदस्य ‘विशेष परिस्थितियों’ में PF निकालना चाहता था जैसे प्राकृतिक आपदा, फैक्ट्री बंद होना, बेरोजगारी या महामारी जैसी स्थिति, तो उसे इसके पीछे का कारण बताना पड़ता था. कई बार यही वजह क्लेम के खारिज होने और शिकायतों का कारण बनती थी. अब नया नियम और भी आसान कर दिया गया है. सदस्य बिना कोई कारण बताए इस कैटेगरी में विथड्रॉल के लिए आवेदन कर सकते हैं.
- अब ईपीएफ खाते में एक नया नियम लागू किया गया है — हर सदस्य को अपने खाते में कम से कम 25% राशि हमेशा बनाए रखनी होगी. इसका फायदा यह है कि आपका PF बैलेंस कभी खाली नहीं होगा और उस पर 8.25% वार्षिक ब्याज और कंपाउंडिंग इंटरेस्ट (compound interest) मिलता रहेगा. इससे आपका रिटायरमेंट फंड लगातार बढ़ता रहेगा, यानी विथड्रॉल में आसानी भी बनी रहेगी और भविष्य के लिए एक मजबूत जमा पूंजी भी तैयार होती रहेगी.
- अब ईपीएफ विथड्रॉल से जुड़ी प्रक्रिया को पहले से भी ज़्यादा आसान बना दिया गया है. नई व्यवस्था में किसी भी तरह के दस्तावेज़ जमा करने की जरूरत नहीं होगी, और आंशिक विथड्रॉल के दावे 100% ऑटोमैटिक तरीके से निपटाए जाएंगे. यानी अब कर्मचारियों को लंबी प्रक्रिया या कागज़ी झंझटों से नहीं गुजरना पड़ेगा. पैसा सीधे खाते में आएगा और जीवन पहले से कहीं आसान हो जाएगा.
- इसके अलावा, अब ईपीएफ के फाइनल सेटलमेंट (Final Settlement) की समय सीमा भी बढ़ा दी गई है. पहले अगर कोई सदस्य नौकरी छोड़ता था, तो उसे 2 महीने बाद ही पूरा पीएफ निकालने की अनुमति थी, लेकिन अब यह अवधि 12 महीने कर दी गई है.
- इसी तरह, फाइनल पेंशन विथड्रॉल की अवधि को भी 2 महीने से बढ़ाकर 36 महीने कर दिया गया है. इस बदलाव का मतलब है कि अब सदस्य बिना अपनी सेवानिवृत्ति बचत या पेंशन पात्रता से समझौता किए, जरूरत पड़ने पर तुरंत आर्थिक मदद पा सकेंगे. यानी जब भी कोई आपात स्थिति आए, तो पीएफ का पैसा मददगार साबित होगा, और रिटायरमेंट के समय भी आपका फंड पूरी तरह सुरक्षित रहेगा.
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