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EPF Claim Rejections: पीएफ खाते से निकालना चाहते हैं पैसा लेकिन बार-बार क्लेम हो जाता है रिजेक्ट, जानिए कारण और समाधान

EPF Claim: पीएफ का पैसा निकालने के लिए आपके द्वारा भरा गया क्लेम फार्म बार-बार रिजेक्ट हो जा रहा है तो यहां क्लेम रिजेक्ट होने के कारण और उनके समाधान के बारे में डिटेल चेक कर सकते हैं.

EPF Claim: पीएफ का पैसा निकालने के लिए आपके द्वारा भरा गया क्लेम फार्म बार-बार रिजेक्ट हो जा रहा है तो यहां क्लेम रिजेक्ट होने के कारण और उनके समाधान के बारे में डिटेल चेक कर सकते हैं.

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Mithilesh Kumar
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EPF Claim Rejections, EPFO, PF Claim Rejections

EPFO मेंबर जरूरत पड़ने पर अपने पीएफ खाते से पैसा (एडवांस) निकाल सकते हैं. हालांकि इसके लिए कुछ नियम तय किए गए हैं. Photograph: (YT/Screengrab/@socialepfo)

EPFO Claim Rejections: Common Mistakes and How to Avoid Them:किसी भी कंपनी या ऑर्गेनाइज्ड सेक्टर में काम करने वाले लोगों की सैलरी का कुछ हिस्सा हर महीने पीएफ खाते में जमा होता है. और इतनी ही रकम कंपनी की ओर से जमा किया जाता है. प्राइवेट जॉब वाले लोगों के बेसिक सैलरी और महंगाई भत्ते का 12 फीसदी हिस्सा हर महीने उनके पीएफ खाते में जाता है जबकि कंपनी का योगदान दो भागों में बट जाता है. जिसमें से 8.33 फीसदी हिस्सा एम्पलाइज पेंशन स्कीम (EPS) यानी पेंशन स्कीम में जमा होता है और 3.67 फीसदी हिस्सा एम्पलाइज प्रॉविडेंट फंड यानी ईपीएफ (EPF) में जमा होता है. ईपीएफ खाते में जमा कॉर्पस रिटायरमेंट के बाद या नौकरी छोड़ने के बाद ईपीएफओ मेंबर क्लेम कर सकते हैं. 

अगर आप अपने पीएफ खाते में नौकरी के दौरान जमा हो रहे पैसों का इस्तेमाल करना चाहते लेकिन उसका इस्तेमाल अपनी वित्तीय जरूरतों को पूरा करने के लिए नहीं कर पा रहे हैं और बार-बार आपका क्लेम फार्म रिजेक्ट हो रहा है, तो यह समस्या आम है. आइए, इसके पीछे की संभावित कारणों और उनके समाधान के बारे में जानते हैं.

बार-बार क्लेम फार्म रिजेक्ट होने के कारण और समाधान

बेमेल जानकारी

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दरअसल नियोक्ता के द्वारा क्लेम फार्म में भरी जाने वाली जानकारियां जब इपीएफओ के डेटा से मेल नहीं खाती हैं तो क्लेम रिजेक्ट हो जाता है और नियोक्ता इन छोटी-छोटी गलतियों को समझ ही नहीं पाता है. ऐसे में जरूरी है कि दावा फार्म भरते समय आप बेमेल जानकारियों में पांच अहम बिंदुओं पर जरूर ध्यान दें.

नाम, पिता या पति का नाम

नौकरी ज्वॉइन करने या छोड़ने की तारीख

बैंक खाता, पैन और पासपोर्ट  जैसे जरूरी दस्तावेजों की अधूरी केवाईसी

अधूरी बैंक डिटेल

उम्र या जन्मतिथि में गलतियां

कई बार आधार और ईपीएफओ पोर्टल पर दर्ज नाम में अंतर होता है. अगर ऐसा है तो आवेदन के साथ एक ज्वॉइंट डिक्लेयरेशन जमा करके इसको सुधरवा सकते हैं.

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जन्म तिथि में गलती हो जाना

दूसरी गलती जन्म तिथि की. अगर ईपीएफओ रिकॉर्ड और दावे पर अंकित जन्मतिथि के बीच अंतर है तो आपका क्लेम रिजेक्ट हो सकता है.

केवाईसी अपडेट न रखना

अगर केवाईसी डिटेल पूर्ण और वेरीफाई नहीं है तो भी आपका क्लेम खारिज हो सकता है. ऐसे में देरी या बार-बार के रिजेक्शन से बचने के लिए दावा भरने से पहले केवाईसी की औपरिकताओं को पूरा कर लें. ध्यान देने वाली बात है कि आधार कार्ड में किसी गलती को सही कराने के लिए आपको अपने नजदीकी आधार सेवा केंद्र से संपर्क करना होगा.

बैंक डिटेल देने में लापरवाही

कई बार सही बैंक खाता संख्या, आईएफएससी कोड और सभी डिटेल दर्ज करने के बाद भी एक गलती अक्सर दिखाई देती है. वो ये कि नियोक्ता दावा फार्म भरते समय संभवतः ज्वॉइंट अकाउंट का इस्तेमाल किया हो,  अगर संयुक्त खाता आपके जीवनसाथी है तो पीएफ विभाग इसे स्वीकार कर लेता है लेकिन किसी अन्य के मामले में खाता विवरण रिजेक्ट कर दिया जाता है. यह भी संभव है कि बैंकों के मर्ज के कारण आपके बैंक के आईएफएससी कोड में बदलाव किया गया हो.

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धुंधला बैंक पासबुक या चेक

कई बार अपलोड चेक या पासबुक का धुंधला होना एडवांस निकासी क्लेम रिजेक्ट होने का कारण बन जाता है. ऐसे में नियोक्ता को चाहिए कि दावा फार्म भरते समय चेक या पासबुक की ओरिजनल फोटो ही अपलोड करें, फोटोकॉपी अपलोड करने की गलती न करें. उपरोक्त किसी भी गलती की दशा में मेंबर को पीएफ पोर्टल पर अपने बैंक केवाईसी को फिर से अपडेट करना होगा और इसका दोबारा अप्रूवल होगा.

अधूरी जानकारी

कई बार ईपीएफओ मेंबर या कंपनी के द्वारा दिया गया अधूरा विवरण भी दावा रिजेक्ट होने का कारण बन जाता है. इनमें दो बिंदु प्रमुख हैं. पहला प्रमाण पत्र संबंधित विवरण और दूसरा चेक में दी गई अधूरी जानकारी. दरअसल कुछ दावों के साथ सर्टिफिकेट या सेल्फ डिक्लेयर्ड डाक्युमेंट्स लगाना जरूरी होता है. इन्हें लगाने से पहले चेक कर लें कि आवश्यक डाक्युमेंट अधूरे तो नहीं हैं वरना क्लेम रिजेक्ट हो सकता है.

चेक या पासबुक देते समय इन बातों को नजरअंदाज करना

एडवांस पीएफ निकासी के समय अपने चेक या पासबुक की एक प्रति अपलोड करना जरूरी है. ध्यान रहे चेक पर आपका नाम लिखा होना चाहिए. या अपने बैंक पासबुक का पहला पेज अपलोड करें. साथ ही ये भी सुनिश्चित करें कि पासबुक पेज पर वहीं नाम और बैंक डिटेल हो जो एपीएफओ पोर्टल पर आपके केवाईसी में दिया गया हो.

नौकरी छोड़ने या ज्वॉइन करने की डेट अपडेट न होना

कई बार नौकरी छोड़ने की तारीख अपडेट नहीं होती है या फिर नौकरी ज्वॉइन करने और छोड़ने की तारीखें रिकॉर्ड से मेल नहीं खाती है जिसके चलते दावा रिजेक्ट हो जाता है.

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एलिजिबिलिटी पूरी न करना

कई बार गैर पात्रता यानी नॉन एलिजिबिलिटी भी क्लेम रिजेक्शन का कारण होते हैं. इसलिए दावा फार्म भरते समय एलिजिबिलिटी ईपीएफओ मेंबर द्वारा पूरी की जानी चाहिए. अन्यथा आवेदन रिजेक्ट कर दिया जाता है.

UAN नंबर के साथ आधार लिंक न होना

यूनिवर्सल अकाउंट नंबर यानी यूएएन नंबर का आधार से लिंक न होना भी दावा रिजेक्ट होने का कारण बन सकता है.

गलत फार्म भरना

दावा खारिज होने का एक और कारण है गलत फार्म का भरा जाना, कई बार गलत निकासी या ट्रांसफर फार्म का इस्तेमाल करना भी रिजेक्शन का कारण बन जाता है.

अगर चाहते हैं कि आपके क्लेम रिजेक्ट न हों तो और आपको अपना पैसा जल्दी मिले तो आप इस लेख में बताई गई बातों को ध्यान में रखें. अपनी केवाईसी हमेशा अपडेट रखें. ईपीएफओ की ओर से दी गई इन नसीहतों को ध्यान में रखकर आप अपनी वित्तीय जरूरतों को पूरा करने के लिए पीएफ का पैसा इस्तेमाल कर सकते हैं.

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