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EPF : इस स्कीम में जितना योगदान कर्मचारी की ओर से किया जाता है, उतना ही कंपनी भी अपनी ओर से योगदान करती है.
EPF Calculator : एंप्लाइज प्रॉविडेंट फंड (EPF) एक ऐसी रिटायरमेंट सेविंग स्कीम है, जिसमें आपको अलग से बहुत कुछ करने की जरूरत नहीं होती. बल्कि आपकी पूरी नौकरी के दौरान इसे एम्पलाइज प्रॉविडेंट फंड ऑर्गेनाइजेशन (EPFO) द्वारा मैनेज किया जाता है. इस अकाउंट में पीएफ के रूप में आपका पैसा कटता रहता है और उस पर मिलने वाले ब्याज पर ब्याज भी जुड़ता रहता है. अगर आप इस अकाउंट से बीच बीच में बेवजह फंड न निकालें तो रिटायरमेंट पर इसका मैजिक देख सकते हैं. यह स्कीम आपको चुपके से इतना बड़ा कॉर्पस दे सकती है, जिससे आपका बुढ़ापा बड़े आराम से कट सकता है. वहीं ये स्कीम आपको किसी दूसरे रिटायरमेंट प्लानिंग में भी निवेश की अनुमति देती है.
रिटायरमेंट की सारी टेंशन दूर करने में सक्षम
आज से अगर रिटायरमेंट तक की सोचते हैं तो कम से कम 1.5 करोड़ से 2 करोड़ रुपये का कॉर्पस जरूरी है. आपकी यह टेंशन एंप्लाइज प्रॉविडेंट फंड (EPF) अकाउंट दूर कर सकता है, अगर आप अपने नौकरी के दौरान इसमें अनुशासित तरीके से निवेश करते रहें. इसका कैलकुलेशन आप अपनी बेसिक सैलरी के हिसाब से चंद मिनट में कर सकते हैं. इस स्कीम में कर्मचारी को अपनी सैलरी का एक हिस्सा जमा करना होता है, वहीं जितना योगदान कर्मचारी की ओर से किया जाता है, उतना ही कंपनी भी अपनी ओर से योगदान करती है. योगदान की राशि सैलरी स्ट्रक्चर के हिसाब से तय होती है. हर साल इस EPF अकाउंट में जमा राशि पर सरकार ब्याज तय करती है. अभी इस पर ब्याज दर 8.25 फीसदी सालाना है.
अकाउंट में डिपॉजिट के नियम
ईपीएफ अकाउंट के लिए कर्मचारी को अपनी बेसिक सैलरी और महंगाई भत्ते को मिलाकर बनी सैलरी का 12 फीसदी योगदान देना होता है. इतना ही योगदान कंपनी या इम्प्लॉयर भी अपनी ओर से करता है. कंपनी के योगदान में से 8.33 फीसदी ईपीएस (EPS) यानी पेंशन फंड में जाता है. वहीं ईपीएफ में कंपनी का योगदान केवल 3.67 फीसदी होता है. इस तरह दोनों के योगदान की राशि को जोड़कर आप यह पता लगा सकते हैं कि साल में ईपीएफ अकाउंट में कितना पैसा जमा होगा.
EPF Calculator : 25 की उम्र में 25000 रुपये हो बेसिक और डीए
मान लिया आपक उम्र 25 साल है और आपकी बेसिक सैलरी और महंगाई भत्ता जोड़कर 25000 रुपये मिलता है.
कर्मचारी की उम्र: 25 साल
रिटायरमेंट की उम्र: 60 साल
बेसिक सैलरी + DA : 25,000 रुपये
कर्मचारी की ओर से योगदान: 12%
कंपनी की ओर से योगदान: 3.67%
सालाना इंक्रीमेंट अनुमान: 6%
पीएफ पर ब्याज: 8.25% सालाना
कुल योगदान: 55,99,680 रुपये
ब्याज का फायदा: 1,52,23,250 रुपये
रिटायरमेंट पर फंड: 2,08,22,930 रुपये ( करीब 2 करोड़ रुपये )
कैसे होता है ब्याज कैलकुलेट
बेसिक सैलरी + महंगाई भत्ता (DA) = 25,000 रुपये
ईपीएफ में कर्मचारी का योगदान = 25,000 रुपये का 12% = 3000 रुपये
कंपनी का ईपीएफ में योगदान = 25,000 रुपये का 3.67% = 917.50 रुपये
कंपनी का ईपीएस में योगदान = 25,000 रुपये का 8.33% = 2082.50 रुपये
ईपीएफ खाते में हर महीने योगदान= 3000 + 917.50 = 3817.50 रुपये
यह राशि हर महीने ईपीएफ खाते में जमा होगी और इस पर निर्धारित ब्याज दर खाते में क्रेडिट होगा. 8.25 फीसदी की सालाना ब्याज दर के मुताबिक हर महीने 0.6875 फीसदी की दर से ब्याज मिलेगा लेकिन यह वित्त वर्ष के आखिरी दिन क्रेडिट होगा. ईपीएस में जो राशि जाती है, उससे आपकी पेंशन तय होती है.