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EPF Claim Update: प्रॉविडेंट फंड से पैसे निकालना हुआ और आसान, कैंसिल चेक अपलोड और एंप्लॉयर से बैंक अकाउंट वेरिफाई कराना अब जरूरी नहीं

EPF Claim Process Update: पीएफ से पैसे निकालने के लिए अब कैंसिल चेक या बैंक पासबुक की स्कैन कॉपी अपलोड नहीं करनी होगी. बैंक अकाउंट वेरिफिकेशन के लिए एंप्लॉयर की मंजूरी भी नहीं चाहिए.

EPF Claim Process Update: पीएफ से पैसे निकालने के लिए अब कैंसिल चेक या बैंक पासबुक की स्कैन कॉपी अपलोड नहीं करनी होगी. बैंक अकाउंट वेरिफिकेशन के लिए एंप्लॉयर की मंजूरी भी नहीं चाहिए.

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Viplav Rahi
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EPFO Claim Process : सरकार ने पीएफ से पैसे निकालने की प्रॉसेस को और आसान बना दिया है. (X/@mansukhmandviya)

Provident Fund Online Withdrawal Process : एंप्लॉईज प्रॉविडेंट फंड (EPF) से जुड़े करोड़ों कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर है. एंप्लॉईज प्रॉविडेंट फंड ऑर्गनाइजेशन (EPFO) ने ऑनलाइन पैसे निकालने की प्रॉसेस को आसान बनाने की कोशिशों के तहत एक नई पहल करते हुए ऑनलाइन पीएफ क्लेम प्रोसेस को और आसान बना दिया है. अब पीएफ से पैसे निकालने के लिए आवेदन करने वाले सदस्यों को बैंक अकाउंट वेरिफिकेशन के लिए एंप्लॉयर की मंजूरी की जरूरत नहीं होगी, साथ ही कैंसिल चेक या बैंक पासबुक की स्कैन कॉपी अपलोड करने की जरूरत भी खत्म कर दी गई है. इस कदम से आठ करोड़ से अधिक EPF सदस्यों को फायदा होगा और क्लेम प्रोसेस तेज़ और आसान हो जाएगी.

केंद्रीय मंत्री ने दी जानकारी

इस नए फैसले की जानकारी सोशल मीडिया पर देते हुए केंद्रीय श्रम व रोजगार मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में EPFO अपनी सुधार यात्रा जारी रखे हुए है. हमने दो बड़े सुधार किए हैं जिससे करोड़ों EPF सदस्यों और नियोक्ताओं के लिए क्लेम प्रोसेस को सरल, तेज़ और रुकावट मुक्त बनाया गया है.” अपने EPF खाते से पैसे निकालने के लिए कर्मचारियों को अपने कैंसिल चेक या बैंक पासबुक की कॉपी अपलोड करनी होती थी. इसके साथ ही उन्हें अपने बैंक खाते को यूनिफाइड अकाउंट नंबर (UAN) से लिंक कराने के लिए बैंक अकाउंट डिटेल्स एंप्लॉयर से वेरिफाई कराने पड़ते थे. लेकिन, केंद्रीय मंत्री ने बताया कि अब इन दोनों शर्तों को हटा दिया गया है.

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क्लेम सेटलमेंट में तेजी आने की उम्मीद

सरकार का मानना है कि इस नए नियम से EPF क्लेम सेटलमेंट का समय काफी कम हो जाएगा और नामंजूर होने वाले क्लेम की संख्या भी घटेगी. कई बार खराब क्वॉलिटी के दस्तावेज़ अपलोड होने की वजह से क्लेम रिजेक्ट हो जाता था. अब चूंकि बैंक अकाउंट पहले ही UAN से लिंक किया जा चुका होता है और वेरिफाइड होता है, इसलिए इस अतिरिक्त दस्तावेज़ी प्रक्रिया की जरूरत नहीं रह गई है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक मई 2024 में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर कुछ KYC अपडेटेड अकाउंट-होल्डर्स को यह छूट दी गई थी. तब से अब तक 1.7 करोड़ EPF सदस्यों को इसका फायदा मिल चुका है. पायलट की सफलता के बाद अब इसे सभी सदस्यों के लिए लागू कर दिया गया है.

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बैंक वेरिफिकेशन में लगने वाले समय की बचत

अभी हर साल करीब 1.3 करोड़ सदस्य अपने बैंक अकाउंट को UAN से लिंक करने के लिए अप्लाई करते हैं. इन आवेदनों को बैंक/NPCI से मिलान कर, एंप्लॉयर द्वारा डिजिटल साइन या ई-साइन से मंजूर किया जाता है. हालांकि बैंकों को वेरिफिकेशन में औसतन 3 दिन लगते हैं, लेकिन एंप्लॉयर से मंजूरी लेने में औसतन 13 दिन लगते हैं. इससे न सिर्फ वर्कलोड बढ़ता है, बल्कि बैंक अकाउंट लिंकिंग में देरी भी होती है. नए नियम से अब एंप्लॉयर की मंजूरी की जरूरत खत्म हो गई है, जिससे उन 14.95 लाख सदस्यों को फायदा होगा जिनके आवेदन अब तक पेंडिंग थे.

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बैंक अकाउंट बदलने की सुविधा भी आसान हुई

EPFO ने उन सदस्यों के लिए भी प्रॉसेस को आसान बनाया है, जो अपने पहले से लिंक बैंक अकाउंट को बदलना चाहते हैं. अब वे नया बैंक अकाउंट नंबर और IFSC कोड डालकर, आधार-बेस्ड OTP वेरिफिकेशन के जरिये इसे अपडेट कर सकते हैं. इससे सदस्यों को बिना किसी झंझट के अपना बैंक अकाउंट अपडेट करने की सुविधा मिल सकेगी.

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PF ऑटो सेटलमेंट लिमिट बढ़ने की उम्मीद

हाल ही में आई खबरों के मुताबिक सरकार पीएफ खाते से ऑटो सेटलमेंट की लिमिट को भी 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये करने जा रही है. ANI की एक रिपोर्ट के मुताबिक श्रम मंत्रालय की सचिव सुमिता डावरा ने हाल ही में श्रीनगर में हुई बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. अब इसे सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज़ (CBT) की अंतिम मंजूरी के लिए भेजा जाएगा. यह मंजूरी मिल जाने पर करोड़ों EPF मेंबर्स के लिए ऑटो सेटलमेंट प्रक्रिया और आसान हो जाएगी.

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