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EPFO claim settlement : सरकार ने ईपीएफ क्लेम को आसान बनाने के लिए कई उपाय किए हैं. (File Photo : PTI)
EPFO Claim Settlement : Top Changes: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने ऐसे कई बदलाव किए हैं, जिनसे सदस्यों के लिए क्लेम सेटलमेंट यानी प्रॉविडेंट फंड से पैसे निकालना आसान हो गया है. यह जानकारी सरकार ने संसद में दी है. सरकार ने बताया है कि एंप्लॉईज प्रॉविडेंट फंड (EPF) के क्लेम सेटलमेंट को आसान बनाने के लिए ऑटो-मोड प्रोसेसिंग और डेटा सेंट्रलाइजेशन समेत कई अहम तकनीकी सुधार किए गए हैं. सरकार का कहना है कि इन बदलावों से न केवल ईपीएफ क्लेम सेटलमेंट () की प्रॉसेस तेज होगी, बल्कि सदस्यों को फिजिकल दस्तावेज जमा करने की झंझट से भी राहत मिलेगी.
ऑटो-मोड से तेज हुआ क्लेम सेटलमेंट
श्रम एवं रोजगार राज्य मंत्री शोभा करंडलजे ने गुरुवार (27 मार्च) को दिए एक लिखित जवाब में राज्यसभा को बताया कि EPFO ने एडवांस क्लेम के ऑटो-मोड प्रोसेसिंग की सीमा बढ़ाकर 1 लाख रुपये कर दी है. पहले यह सुविधा केवल बीमारी और अस्पताल में भर्ती के लिए थी, लेकिन अब इसे हाउसिंग, शिक्षा और शादी-विवाह जैसे अन्य जरूरी कामों के लिए भी लागू किया गया है. सरकार के मुताबिक अब 60% से अधिक एडवांस क्लेम ऑटो-मोड में प्रोसेस हो रहे हैं और इनका निपटारा मात्र 3 दिनों में किया जा रहा है. वित्त वर्ष 2024-25 में अब तक 2.16 करोड़ क्लेम ऑटो-मोड में सेटल हो चुके हैं.
मेंबर डिटेल्स में करेक्शन हुआ आसान
अब EPFO सदस्य अपने आधार-वेरीफाइड UAN (Universal Account Number) के जरिए खुद ही अपनी आईडी में सुधार कर सकते हैं. सरकार के मुताबिक अभी करीब 96% करेक्शन EPFO ऑफिस के दखल के बिना पूरे किए जा रहे हैं. इससे लाखों सदस्यों को दस्तावेजों का बार-बार वेरिफिकेशन करने की परेशानी से राहत मिली है.
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EPF ट्रांसफर या पैसे निकालने में एंप्लॉयर का दखल घटा
अगर ईपीएफ मेंबर का UAN आधार से वेरीफाइड है, तो अब PF ट्रांसफर या पैसे निकालने (EPF Withdrawal) के लिए एंप्लॉयर के वेरिफिकेशन की जरूरत नहीं होगी. सरकार के मुताबिक अब सिर्फ 10% मामलों में ही सदस्य और एंप्लॉयर के दस्तखत की जरूरत पड़ती है, जिससे पूरी प्रॉसेस अधिक पारदर्शी और तेज हो गई है.
क्लेम के लिए चेक-लीफ जमा करना जरूरी नहीं
KYC-कंप्लायंट UAN होल्डर्स को अब क्लेम फॉर्म के साथ चेक-लीफ जमा करने की जरूरत से भी राहत मिल गई है. सरकार ने बताया कि इस बदलाव से क्लेम प्रोसेसिंग की जटिलता कम होगी और सदस्य आसानी से अपने PF का पैसा निकाल सकेंगे.
गलत क्लेम से बचाव की नई व्यवस्था
सरकार ने बताया कि EPFO ने एक नया अपफ्रंट वेरिफिकेशन सिस्टम विकसित किया है, जिससे सदस्य अपने क्लेम की एलिजिबिलिटी पहले से ही जान सकें. इससे गलत और एलिजिबिलिटी से बाहर के क्लेम को रोका जा सकेगा और सदस्यों को बेवजह समय बर्बाद करने की जरूरत नहीं होगी.
CITES 2.01 के तहत डेटा सेंट्रलाइजेशन
EPFO अपने मेंबर डेटाबेस को CITES 2.01 सिस्टम के तहत सेंट्रलाइज कर रहा है. इससे क्लेम सेटलमेंट में तेजी आएगी और तकनीकी बाधाओं को दूर किया जा सकेगा. इसके अलावा, EPFO 3.0 के तहत तमाम स्टेक-होल्डर्स के साथ चर्चा कर रहा है ताकि भविष्य में संगठन को और अधिक डिजिटल और मेंबर्स के हितों का ध्यान रखने वाला बनाया जा सके.
EPFO के आंकड़ों की सुरक्षा
सरकार ने बताया कि EPFO के आंकड़ों की सुरक्षा के लिए नए सॉफ्टवेयर अपग्रेड, नेक्स्ट-जेनरेशन फायरवॉल, सुरक्षा ऑडिट, साइबर जागरूकता ट्रेनिंग और सिक्योरिटी पॉलिसीज को लागू कर रहा है. इससे सदस्यों की संवेदनशील जानकारी को साइबर धोखाधड़ी से बचाया जा सकेगा.
कुल मिलाकर EPFO ने अपने सदस्यों को बेहतर सर्विस और सुविधाएं देने के लिए कई बड़े बदलाव किए हैं. इन सुधारों से PF के करोड़ों सदस्यों को फायदा होगा और अपना पैसा निकालने की प्रॉसेस पहले से ज्यादा आसान हो जाएगी.