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Mutual Funds Investment: फंड मैनेजर बाजार के मौजूदा मूड और माहौल को देखकर और रिटर्न और जोखिम को देखते हुए आपके लिए स्टॉक का चयन करते हैं. (File Image)
Equity Mutual Funds Return: इस साल शेयर बाजार की रिकॉर्ड तेजी में म्यूचुअल फंड मार्केट ने भी जमकर रिटर्न दिया है. 1 साल में निवेशकों को इक्विटी म्यूचुअल फंड स्कीम से 58 फीसदी तक रिटर्न मिल गया है. यानी सिर्फ 12 महीने में यहां पैसे डेढ़ गुना हो गए. इक्विटी स्कीम में ऐसे कई विकल्प रहे हैं, जिनमें निवेशकों को 40 से 50 फीसदी या इससे ज्यादा रिटर्न मिला है. हमने यहां बीते 1 साल में टॉप रिटर्न देने वाले 10 इक्विटी म्यूचुअल फंड स्कीम की जानकारी दी है. साथ ही बताया है कि म्यूचुअल फंड में किसे और क्यों निवेश करना चाहिए. इसके क्या फायदे हैं.
सीधे स्टॉक खरीदने से लग रहा है डर!
जिन लोगों को सीधे स्टॉक मार्केट में निवेश करने से डर लगता है या कह सकते हैं कि वे इसका जोखिम नहीं लेना चाहते, या जिनके पास इक्विटी में निवेश करने के लिए खास एक्सपर्टीज नहीं है, उनके लिए इक्विटी म्यूचुअल फंड एक बेहतर विकल्प है. इसके आपका पैसा लगाया तो स्टॉक मार्केट में ही जाता है, लेकिन किसी विशेषज्ञ की देख रेख में. विशेषज्ञ बाजार के मौजूदा मूड और माहौल को देखते हैं और रिटर्न और जोखिम को देखते हुए आपके लिए स्टॉक का चयन करते हैं.
पोर्टफोलियो होता है डाइवर्सिफाइड
इक्विटी म्यूचुअल फंड का सबसे बड़ा फायदा यह है कि यहां आपका पैसा किसी एक या 2 स्टॉक में नहीं लगाया जाता, बल्कि एक ही स्कीम के जरिए फंड मैनेजर आपका पैसा अलग अलग सेक्टर की अलग अलग कंपनियों के स्टॉक में लगाते हैं. उनके विकल्पों में अलग अलग मार्केट कैप वाली कंपनियां भी हो सकती हैं. इससे आपका रिस्क घट जाता है और पोर्टफोलियो पूरी तरह से डाइवर्सिफाइड (Diversify Your Portfolio) हो जाता है. एक सेक्टर अगर दबाव में है तो दूसरा इसे बैलेंस कर सकता है.
सिस्टमैटिक इनवेस्टमेंट प्लान का भी विकल्प
इसमें एक और फायदा यह है कि आप पूरा पैसा एक साथ ब्लॉक नहीं करना चाहते हैं तो मंथली बेसिस पर निवेश का विकल्प (Sip Investment) चुन सकते हैं. यानी आप सिस्टमैटिक इनवेस्टमेंट प्लान (SIP) के जरिए हर महीने एक तय रकम लगा सकते हैं. SIP में आपको हर महीने एक निश्चित राशि का भुगतान करना होता है, वह राशि और महीने की तारीख आप खुद तय करते हैं. इसका बड़ा फायदा यह है कि आपको बाजार की वोलेटिलिटी से सुरक्षा मिलती है. समय समय पर आप अपने निवेश का आकलन कर सकते हैं और इस आधार पर निवेश बढ़ा या घटा सकते हैं. SIP 100 रुपये या 500 रुपये महीने से भी की जा सकती है.
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एक्सपेंस रेश्यो चेक कर लें
म्यूचुअल फंड के प्रबंधन पर जो खर्च आता है, इसी खर्च का अनुपात एक्सपेंस रेश्यो कहलाता है. फंड को मैनेज करने के लिए फंड हाउसेज के तमाम खर्च होते हैं. फंड हाउस में प्रोफेशनल्स की टीम होती है जो मार्केट पर नजर रखती है. इसमें ट्रांसफर और रजिस्ट्रार से संबंधित खर्च भी शामिल होते हैं. एक्सपेंस रेश्यो एक सालाना फीस होती है. यह प्रति यूनिट आने वाले खर्च को दिखाता है. एक्सपेंस रेश्यो फंड हाउस द्वारा ली जा रही एक सालाना फीस होती है. इसलिए फंड में निवेश के वक्त एक्सपेंस रेश्यो देखें. कम एक्सपेंस रेश्यो वाली बेहतर स्कीम आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकती है.
ये हैं सबसे ज्यादा रिटर्न वाले 10 फंड
Motilal Oswal S&P BSE Enhanced Value ETF: 58%
Mahindra Manulife Small Cap Dir: 52%
Axis Nifty Smallcap 50 Index: 50%
ABSL Nifty Smallcap 50 Index: 50%
ICICI Pru Bhrt 22 FOF : 49%
Franklin Ind Tech: 47%
Bandhan Small Cap: 47%
ITI Small Cap: 45.81%
Franklin Ind Smaller Companies: 45.53%
Sundaram LT Tax Advtg: 43.23%
(Source: Value Researech)