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PPF: पब्लिक प्रोविडेंट फंड में अभी 7.1% सालाना ब्याज मिल रहा है. हालांकि बीते कुछ महीनों में इस सरकारी स्कीम पर ब्याज दरों में इजाफा नहीं हुआ है. (File Image)
Invest in Public Provident Fund: पब्लिक प्रोविडेंट फंड (public-provident-fund) लंबी अवधि में निवेश (investments) का एक बेहतर विकल्प है. यह लंबी अवधि के लिए अनुशासित रहकर बचत (small-savings) करने को बढ़ावा देता है. अगर सही तरीके से इस सरकारी स्कीम में निवेश की प्लानिंग करें तो मैच्योरिटी पर एक बड़ी रकम तैयार की जा सकती है. यह निवेश के लिए सुरक्षित विकल्प है जो लंबी अवधि में गारंटेड रिटर्न देती है. पब्लिक प्रोविडेंट फंड में मैच्योरिटी पर अधिकतम 40.68 लाख रुपये की रकम तैयार की जा सकती है. वहीं इस स्कीम को मैच्योरिटी से भी आगे बढ़ाने की सुविधा है, जिसके जरिए 1 करोड़ की रकम भी तैयार की जा सकती है. खास बात यसह है कि इस स्कीम में तमाम प्रमुख बैंकों की एफडी से बेहतर रिटर्न भी मिल रहा है.
एक एडल्ट इंडिविजुअल सिर्फ एक ही PPF अकाउंट खोल सकता है. वहीं एक गार्जियन अपने माइनर बच्चे के नाम पर भी अकाउंट खोल सकता है. यह अकाउंट पोस्ट ऑफिस या किसी बैंक में खोला जा सकता है. PPF अकाउंट 15 साल में मैच्योर होता है.
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अभी कितना मिल रहा है ब्याज
इंडिया पोस्ट की वेबसाइट (post-office-savings) के अनुसार पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) में अभी 7.1 फीसदी सालाना ब्याज मिल रहा है. हालांकि बीते कुछ महीनों में देखें तो इस सरकारी स्कीम पर ब्याज दरों में इजाफा नहीं हुआ है. वहीं बीते कुछ साल की बात करें तो इस पर मिलने वाला ब्याज कम हुआ है. 1 जनवरी 2000 में पीपीएफ पर मिलने वाली ब्याज दर 12 फीसदी सालाना थी, जो अब घटकर 7.1 फीसदी रह गई है. इस स्कीम में अधिकतम 1.50 लाख रुपये सालाना जमा किया जा सकता है. इसे मंथली बेसिस पर अलग अलग 12 किस्तों में जमा किया जा सकता है.
वहीं इस स्कीम में एक वित्त वर्ष में कम से कम 500 रुपये जमा करना जरूरी है. अगर किसी वित्त वर्ष में न्यूनतम 500 रुपये जमा नहीं किया जाता है, तो PPF खाता बंद कर दिया जाता है. बंद खाते को डिपॉजिटर द्वारा मैच्योरिटी से पहले न्यूनतम सब्सक्रिप्शन यानी 500 रुपये और हर डिफाल्ट ईयर के लिए 50 रुपये फी जमा करके फिर शुरू किया जा सकता है.
मैच्योरिटी पर कैसे जुटाएं 40.68 लाख?
अधिकतम मंथली जमा: सालाना 1.50 लाख रुपये
ब्याज दर: 7.1 फीसदी सालाना कंपाउंडिंग
15 साल बाद मेच्योरिटी पर रकम: 40,68,209 रुपये
कुल निवेश: 22,50,000
ब्याज का फायदा: 18,18,209 रुपये
1 करोड़ के फंड के लिए कितना समय
अधिकतम मंथली जमा: सालाना 1.50 लाख
ब्याज दर: 7.1 फीसदी सालाना कंपाउंडिंग
25 साल बाद मेच्योरिटी पर रकम: 1.03 करोड़ रुपये
कुल निवेश: 37,50,000
ब्याज का फायदा: 65,58,015 रुपये
टैक्स बेनिफिट
निवेशकों के पीपीएफ में निवेश जारी रखने की यह सबसे बड़ी वजह है कि यह टैक्स फ्री स्कीम है. 7.1 फीसदी की ब्याज दर NSC, KVP, 5 साल के पोस्ट ऑफिस टाइम डिपॉजिट या यहां तक कि बैंकों द्वारा दी जाने वाली कुछ फिक्स्ड डिपॉजिट योजनाओं की तुलना में कम लग सकती है, लेकिन पीपीएफ का टैक्स बेनिफिट लाभ इसे अन्य बचत विकल्पों की तुलना में बेहतर बनाता है. पीपीएफ खाता “ई-ई-ई” श्रेणी में आता है जहां एक वर्ष में 1.5 लाख रुपये तक की जमा राशि, अर्जित ब्याज आदि टैक्स से फ्री है.