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RBI Rate Cut Impact : फिक्स्ड डिपॉजिट की ब्याज दरों में गिरावट आने की पूरी संभावना है. (Image : Freepik)
Right Time to Book FD: अगर आप फिक्स्ड रिटर्न की तलाश में हैं, तो अभी एफडी यानी फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) बुक करना आपके लिए बेहतर साबित हो सकता है. ऐसा इसलिए क्योंकि आरबीआई ने न सिर्फ लगातार दूसरी बार रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती की है, बल्कि आगे के लिए यह संकेत भी दिए हैं कि वो आगे चलकर दरों में और कटौती भी कर सकता है. यानी फिक्स्ड डिपॉजिट की ब्याज दरों में गिरावट आने की पूरी संभावना है. इसलिए जो निवेशक फिक्स्ड रिटर्न के लिए निवेश करना चाहते हैं, उनके लिए ये एफडी में पैसे लगाने का सही समय है.
रेपो रेट में कटौती का दिखेगा असर
9 अप्रैल 2025 को हुई मॉनेटरी पॉलिसी बैठक में आरबीआई ने लगातार दूसरी बार रेपो रेट में 0.25% की कटौती की. फरवरी 2025 में भी रेपो रेट में इतनी ही कटौती की गई थी. साथ ही, पॉलिसी स्टांस को 'न्यूट्रल' से बदलकर 'एकॉमोडेटिव' कर दिया गया है, जिससे यह संकेत मिलता है कि आगे भी ब्याज दरों में कटौती संभव है. इसका सीधा असर फिक्स्ड डिपॉजिट की दरों पर पड़ेगा.
शॉर्ट टर्म और मिड टर्म FD पर जल्द असर
हालांकि लॉन्ग टर्म एफडी की ब्याज दरों में बदलाव थोड़ी देर से होता है, लेकिन शॉर्ट और मिड टर्म एफडी की दरों में तेजी से गिरावट देखने को मिलती है. इसलिए अगर आप 1 से 3 साल के लिए एफडी करना चाहते हैं, तो देरी न करें. जल्द से जल्द एफडी बुक कर लें ताकि आपको ज्यादा ब्याज दर का फायदा मिल सके.
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सीनियर सिटिजन्स और हाई नेटवर्थ निवेशकों के लिए मौका
बड़े बैंकों ने फरवरी के आरबीआई रेट कट के बाद एफडी रेट्स (Bank FD Rates) में कुछ खास बदलाव नहीं किया है, लेकिन कई टेन्योर पर मामूली कटौती शुरू हो चुकी है. सीनियर सिटिजन्स यानी वरिष्ठ नागरिकों को आमतौर पर 50 बेसिस प्वाइंट का अतिरिक्त ब्याज मिलता है, जो अभी काफी आकर्षक है. वहीं, हाई नेटवर्थ निवेशक नॉन-कॉलेबल एफडी में बेहतर दरों का फायदा ले सकते हैं.
स्पेशल एफडी स्कीम्स हो रही हैं बंद
कई बैंकों ने पहले जो स्पेशल एफडी स्कीम्स शुरू की थीं, वे अब धीरे-धीरे बंद हो रही हैं. ये स्कीम्स खास टेन्योर पर ज्यादा ब्याज दर देती थीं. ऐसे में अब जल्द ही उच्च ब्याज दरों वाली एफडी का विकल्प भी सीमित होता जा रहा है.
SFB में मिल सकता है ज्यादा रिटर्न
जो निवेशक कुछ अधिक रिस्क लेने की क्षमता रखते हैं, वे स्मॉल फाइनेंस बैंकों (SFBs) में एफडी कर सकते हैं. ये बैंक फिलहाल भारत में सबसे ज्यादा ब्याज दर दे रहे हैं. हालांकि इसमें सावधानी जरूरी है. डिपॉज़िट इंश्योरेंस ऐंड क्रेडिट गारंटी कॉर्पोरेशन (DICGC) के जरिये मिलने वाली क्रेडिट गारंटी में एक बैंक में 5 लाख रुपये तक का डिपॉजिट ही बीमा के दायरे में आता है. इससे ऊपर निवेश करना हो तो अलग-अलग बैंकों में या अलग नामों से एफडी कराने में समझदारी होगी.