/financial-express-hindi/media/member_avatars/RsG3L7DqXrOWG11NtQsz.jpeg )
/financial-express-hindi/media/media_files/XGLE68qGdnZ5PKJ2XYYv.jpg)
FD Investment : रिस्क न लेने वाले निवेशकों के लिए फिक्स्ड डिपॉजिट मौजूदा समय में निवेश का बेहतर विकल्प है. (Pixabay)
Bank FD Portfolio: बैंक में फिक्स्ड डिपॉजिट करने का प्लान है तो आपके लिए राहत वाली खबर है. सेंट्रल बैंक यानी रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने फाइनेंशियल ईयर 2025 की पहली मॉनेटरी पॉलिसी में ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है. यानी रेपो रेट अगली पॉलिसी तक 6.50 फीसदी पर बरकरार रहेगा. रिजर्व बैंक ने लगातार 7वीं पॉलिसी में दरों में कोई बदलाव नहीं किया. इसका मतलब है कि प्रमुख बैंक या स्मॉल फाइनेंस बैंक के द्वारा फिक्स्ड डिपॉजिट योजनाओं की ब्याज दरों में कटौती की संभावना नहीं है. पिछले दिनों रेट हाइक साइकिल में बैंकों ने एफडी दरों में भी इजाफा किया था. वे दरें जारी रहने वाली हैं. ऐसे में रिस्क न लेने वाले निवेशकों के लिए यह बेहतर विकल्प है.
प्रमुख बैंकों की 5 साल की एफडी पर ब्याज (Bank FD Rates)
एसबीआई: 6.50%
बैंक ऑफ बड़ौदा: 6.50%
केनरा बैंक: 6.70%
पंजाब नेशनल बैंक: 6.50%
HDFC बैंक: 7.00%
ICICI बैंक: 7.00%
इंडसइंड बैंक: 7.25%
Axis बैंक: 7.00%
कोटक महिंद्रा बैंक: 6.20%
YES बैंक: 7.25%
फेडरल बैंक: 6.60%
IDFC फर्स्ट बैंक: 7.00%
AU स्मॉल फाइनेंस बैंक: 7.25
इक्विटास स्मॉल फाइनेंस बैंक: 7.25
फिनकेयर स्मॉल फाइनेंस बैंक: 8
जना स्मॉल फाइनेंस बैंक: 7.25
सूर्यादय स्मॉल फाइनेंस बैंक: 8.25
उज्जीवन स्मॉल फाइनेंस बैंक: 7.25
यूनिटी स्मॉल फाइनेंस बैंक: 8.15
उत्कर्ष स्मॉल फाइनेंस बैंक: 7.50
नोट: सीनियर सिटीजंस को 50 बेसिस प्वॉइंट ब्याज ज्यादा मिलेगा. यानी अधिकतम एफडी रेट 9 फीसदी तक पहुंच जाएगा.
(source: bank websites)
एफडी लॉक करने का समय
आरबीआई ने अभी दरों में बदलाव नहीं किया है, लेकिन इस फाइनेंशियल ईयर में रेट कट की संभावनाएं बन रही हैं. असल में महंगाई रिजर्व बैंक के दायरे में बनी हुई है. फरवरी 2024 में रिटेल महंगाई दर 5.09 फीसदी रही है, जबकि जनवरी 2024 में यह 5.10 फीसदी और दिसंबर 2023 में 5.69 फीसदी थी. रिजर्व बैंक महंगाई को 2-6% के बीच में ही रखना चाहता है, बीते तीन महीने से महंगाई रिजर्व बैंक द्वारा तय लक्ष्य के दायरे में ही है. ऐसे में आगे सेंट्रल बैंक दरों में कटौती कर सकता है. ऐसा होता है तो बैंक भी जहां होमलोन या अन्य कर्ज की दरें घटा सकते हैं, वहीं एफडी पर भी मिलने वाला ब्याज कम हो सकता है.
एफडी में कैसे बनाएं पोर्टफोलियो
एफडी के टेन्योर (अवधि) को तय करने से पहले अच्छे से प्लानिंग करनी चाहिए. बेहतर यह है कि एक ही स्कीम में पूरा पैसा लगाने की बजाए, पोर्टफोलियो में शॉर्ट और लॉन्ग टर्म एफडी स्कीम शामिल करें. उदाहरण के तौर पर आधा पैसा 5 साल की एफडी में लगाएं, जहां इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80सी के तहत टैक्स का लाभ मिलता है. वहीं बचे हुए पैसे को लिक्विडिटी का ध्यान रखते हुए अलग अलग शॉर्ट टर्म एफडी में लगाएं.
अगर आपको इमरजेंसी में पैसे की जरूरत नहीं भी है तो शॉर्ट टर्म एफडी मैच्योर होने पर उसे रीइन्वेस्ट कर सकते हैं.अगर आपने 1 साल की एफडी की है और 1 साल बाद ही एफडी पर ब्याज दरें बढ़ जाती हैं तो आप उस पर फिर से बेहतर ब्याज दर लॉक कर सकते हैं.
वहीं लॉन्ग टर्म एफडी की बात करें तो 5 साल की एफडी पर इनकम टैक्स 80 सी के तहत टैक्स छूट का लाभ मिलता है. यह लाभ अधिकतम 1.50 लाख रुपये पर मिलता है. वहीं इसमें शॉर्ट टर्म एफडी के मुकाबले बेहतर ब्याज मिलता है. लॉन्ग टर्म एफडी को भविष्य में किसी लक्ष्य को पूरा करने के लिए चुन सकते हैं. लंबी अवधि की एफडी पर कंपाउंडिंग का फायदा मिलता है. वहीं मैच्योर होने पर इसे फिर निवेश कर सकते हैं.