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Top debt fund : ये हाई-रेटेड बॉन्ड्स न सिर्फ सुरक्षित होते हैं, बल्कि ये सबसे ज्यादा ट्रेड होने वाले और आसानी से बिकने-खरीदे जाने वाले भी होते हैं. (AI Generated)
Franklin India Corporate Debt Fund : फ्रैंकलिन टेम्पलटन म्यूचुअल फंड की प्रमुख इनकम-ओरिएंटेड स्कीम, फ्रैंकलिन इंडिया कॉर्पोरेट डेट फंड (Corporate Bonds) के 28 साल पूरे हो गए हैं. इसी के साथ फंड ने एक नया मुकाम हासिल किया है और इसका कुल एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) 1,000 करोड़ रुपये को पार कर गया है. यह फंड 23 जून 1997 में शुरू हुआ था और इसका फोकस हाई-रेटेड कॉर्पोरेट बॉन्ड्स पर है. जुलाई 2025 के अंत तक इसने शुरुआत से अब तक औसत 8.56% सालाना रिटर्न दिया है. यह प्राइवेट सेक्टर के म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री में सबसे लंबे समय तक चलने वाली फिक्स्ड इनकम स्कीम में से एक है.
Franklin India Mutual Fund की फैक्ट शीट के अनुसार फ्रैंकलिन इंडिया कॉर्पोरेट डेट फंड का लेटेस्ट एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) 1,108.76 करोड़ रुपये है. जबकि एक्सपेंस रेश्यो 0.25% है तो NAV 108.9946 रुपये है.
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लम्प सम प्रदर्शन : 1 लाख के बन गए 10 लाख
यह फंड 23 जून 1997 को लॉन्च हुआ था. तब से अब तक फंड का लम्प सम पर रिटर्न 8.56 फीसदी सालाना रहा है. इस फंड के शुरू होने पर किसी ने अगर इसमें 1 लाख रुपये निवेश किया होगा तो उसके निवेश की वैल्यू बढ़कर 10,06,080 रुपये हो गई होगी.
फंड के 1 साल का रिटर्न : 10.10%
फंड के 3 साल का रिटर्न : 7.65% सालाना
फंड के 5 साल का रिटर्न : 6.31% सालाना
फंड के 10 साल का रिटर्न : 7.33% सालाना
फंड के 15 साल का रिटर्न : 8.19% सालाना
लॉन्च के बाद से रिटर्न : 8.56% सालाना
SIP Return : 10 हजार की एसआईपी से 1.17 करोड़
इस फंड ने 28 साल के दौरान एसआईपी करने वालों को 7.84% सालाना की दर से रिटर्न दिया है.
28 साल में एसआईपी का एनुअलाइज्ड रिटर्न : 7.84%
मंथली एसआईपी अमाउंट : 10,000 रुपये
28 साल में कुल निवेश : 33,60,000 रुपये
28 साल बाद एसआईपी की वैल्यू : 1,16,87,806 रुपये
3 साल का एसआईपी रिटर्न : 8.71% सालाना
5 साल का एसआईपी रिटर्न : 7.23% सालाना
10 साल का एसआईपी रिटर्न : 7.12% सालाना
15 साल का एसआईपी रिटर्न : 7.68% सालाना
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पोर्टफोलियो
31 जुलाई 2025 तक पोर्टफोलियो का वितरण इस प्रकार था: 52% कॉर्पोरेट बॉन्ड्स , 32% पब्लिक सेक्टर बॉन्ड्स, 8% गवर्नमेंट सिक्योरिटीज.
कॉरपोरेट डेट : 51.84%
PSU/PFI Bonds : 31.72%
Gilts : 8.33%
अदर करंट एसेट्स : 7.83%
अल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट फंड यूनिट्स : 0.27%
यह स्कीम (Debt Funds) अनुज टागरा, चांदनी गुप्ता और राहुल गोस्वामी द्वारा मैनेज की जा रही है. फंड का मैकाले ड्यूरेशन लगभग 2.6 साल है, जिससे यह ब्याज दर के जोखिम को संभालने के लिए कंजर्वेटिव पोजीशन में है. आमतौर पर कॉर्पोरेट बॉन्ड उसी अवधि की गवर्नमेंट सिक्योरिटीज से ज्यादा रिटर्न देते हैं. इस तरह निवेशकों को उच्च सुरक्षा वाले, एएए रेटेड कॉर्पोरेट बॉन्ड्स से अतिरिक्त फायदा मिलता है.
सुरक्षा को प्राथमिकता
अनुज टागरा, वाइस प्रेसिडेंट - पोर्टफोलियो मैनेजर, फिक्स्ड इनकम, फ्रैंकलिन टेम्पलटन एसेट मैनेजमेंट (इंडिया), का कहना है कि हमने सुरक्षा को प्राथमिकता दी है. इसी कारण पोर्टफोलियो का 4/5 हिस्सा (80% से अधिक) हमने हाई-रेटेड बॉन्ड्स में लगाया है. साथ ही हमने शॉर्ट से मिड टर्म के हाई-क्वालिटी डेट इंस्ट्रूमेंट्स से मिलने वाले हाई रिटर्न का भी फायदा उठाया है. ये हाई-रेटेड बॉन्ड्स न सिर्फ सुरक्षित होते हैं, बल्कि ये सबसे ज्यादा ट्रेड होने वाले और आसानी से बिकने-खरीदे जाने वाले (लिक्विड) भी होते हैं.
फ्रैंकलिन टेम्पलटन एसेट मैनेजमेंट (इंडिया) में फिक्स्ड इनकम के CIO, राहुल गोस्वामी ने कहा कि फ्रैंकलिन इंडिया कॉरपोरेट डेट फंड का लक्ष्य अनुशासित और जोखिम-जागरूक तरीके से फिक्स्ड इनकम को मैनेज कर बचतकर्ताओं को 'बेहतर के लिए प्रयास करने' में मदद करना है. यह फंड प्रमुख तौर पर एएए-रेटेड और हाई क्वालिटी वाले कॉरपोरेट डेट में निवेश करता है. यह उन निवेशकों के लिए बेहतर विकल्प है, जो सुरक्षित निवेश चाहते हैं और जिनके निवेश का लक्ष्य 1–3 साल का होता है.
निवेश की रणनीति
आज के समय में, फ्रैंकलिन इंडिया कॉरपोरेट डेट फंड का मकसद छोटे और मध्यम अवधि के बॉन्ड में ज्यादा निवेश बनाए रखना है, ताकि बाजार में मौजूद लिक्विडिटी का फायदा उठाया जा सके. साथ ही, फंड मैनेजर्स को लंबी अवधि (30 साल) वाले बॉन्ड में भी अवसर दिख रहा है, क्योंकि वहां यील्ड बढ़ गई है और आने वाले समय में यह सामान्य स्तर पर लौट सकती है.
इस तरह की लचीली रणनीति से फंड अलग-अलग अवधि (यील्ड कर्व) के बॉन्ड में मौके तलाश सकता है, बिना ज्यादा ब्याज दर का जोखिम बढ़ाए. इस स्कीम में सिर्फ 500 रुपये की SIP से भी निवेश शुरू किया जा सकता है. इसलिए यह स्कीम उन सभी छोटे और बड़े निवेशकों के लिए फायदेमंद है जो लंबे समय तक स्थिर इनकम कमाना चाहते हैं.
(डिस्क्लेमर: इस लेख का मकसद सिर्फ जानकारी देना है, निवेश की सलाह देना नहीं. किसी भी फंड के पिछले रिटर्न को भविष्य में वैसा ही रिटर्न मिलने की गारंटी नहीं माना जा सकता. निवेश से जुड़े फैसले अपने निवेश सलाहकार की राय लेकर ही करें.)