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गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स (ETF) पिछले कुछ महीनों में सुरक्षित निवेश के रूप में निवेशकों की पसंद बन गया है.. (Image: Reuters)
धनतेरस और दीवाली का त्योहार करीब है. खास मौके पर सोना खरीदना शुभ माना जाता है. बहुत से लोग इसमें पैसे लगाते हैं. अगर आप भी इस बार धनतेरस और दीवाली पर सोने में निवेश का प्लान कर रहे हैं और इससे बेहतर रिटर्न भी हासिल करना चाहते हैं तो सोने में निवेश का तरीका बदलकर अच्छा रिटर्न हासिल कर सकते हैं. गोल्ड में निवेश के लिए फिजिकल गोल्ड के अलावा गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स (ETF) जैसे विकल्प भी उपलब्ध है. इस धनतेरस सोने में पैसे लगाने का प्लान कर रहे निवेशकों के लिए यह एक बेहतर विकल्प हो सकता है. गोल्ड ईटीएफ क्या है? इसमें निवेश के क्या फायदे हैं? कैसे करता है ये काम और किसे करना चाहिए निवेश, आइए जानते हैं.
क्या है गोल्ड ईटीएफ?
पेपर गोल्ड में निवेश करने का सबसे अच्छा तरीका गोल्ड ईटीएफ खरीदना है. यह एक ओपन एंडेड म्यूचुअल फंड होता है, जो सोने की गिरते चढ़ते भावों पर आधारित होता है. यह एक ट्रेडेड फंड है जो स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्टेड होता है और सोने की कीमत के साथ इसकी कीमत बदलती है. ईटीएफ बहुत अधिक कॉस्ट-इफेक्टिव होता है.
एक गोल्ड ईटीएफ यूनिट का मतलब है कि 1 ग्राम सोना. वह भी पूरी तरह से प्योर. यह गोल्ड में इन्वेस्टमेंट के साथ स्टॉक में इन्वेस्टमेंट की फ्लेक्सिबिलिटी देता है. गोल्ड ईटीएफ की खरीद और बिक्री शेयर की ही तरह बीएसई और एनएसई पर की जा सकती है.
गोल्ड ईटीएफ के फायदे
- शेयरों की तरह गोल्ड ईटीएफ यूनिट्स खरीद सकते हैं.
- फिजिकल गोल्ड के मुकाबले परचेजिंग चार्ज कम होता है.
- 100 फीसदी शुद्धता की गारंटी मिलती है.
- इसमें फिजिकल गोल्ड खरीदने और उसके रख रखाव का झंझट नहीं होता है.
- लंबी अवधि में निवेश से अच्छा रिटर्न भी मिलता है.
- इसमें SIP के जरिए निवेश की सुविधा है.
- शेयर बाजार में निवेश के मुकाबले गोल्ड ETF में निवेश कम उतार चढ़ाव वाला होता है.
- इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में होने की वजह से गोल्ड ETF में प्योरिटी को लेकर कोई दिक्कत नहीं होती.
- गोल्ड ETF को डीमैट अकाउंट के जरिए ऑनलाइन खरीद सकते हैं.
- हाई लिक्विडिटी यानी आप जब चाहें इसे खरीद और बेच सकते हैं.
- गोल्ड ETF की शुरुआत आप 1 ग्राम यानि 1 गोल्ड ETF से भी कर सकते हैं.
- टैक्स के मामले में फिजिकल गोल्ड से सस्ता है. गोल्ड ETF पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस चुकाना होता है.
- गोल्ड ETF को लोन लेने के लिए सिक्योरिटी के तौर पर भी इस्तेमाल कर सकते हैं.
- फिजिकल सोने पर आपको मेकिंग चार्ज चुकाना होता है. लेकिन गोल्ड ETF में ऐसा नहीं होता है.
गोल्ड ईटीएफ में कैसे करें निवेश?
निवेश के लिए कम से कम एक यूनिट खरीदना जरूरी.
हर यूनिट 1 ग्राम की होती है.
गोल्ड ईटीएफ की खरीददारी शेयरों की ही तरह होती है.
मौजूदा ट्रेडिंग खाते से ही गोल्ड ईटीएफ खरीद सकते हैं.
गोल्ड ईटीएफ की यूनिट डीमैट खाते में जमा होती है.
ट्रेडिंग खाते के जरिए ही गोल्ड ईटीएफ को बेचा जाता है.
गोल्ड ETF में निवेश पर कितना मिल सकता है रिटर्न?
बता दें कि गोल्ड ईटीएफ की कीमत फिजिकल सोने की कीमत से जुड़ी होती है. ऐसे में इसकी कीमत में उतार-चढ़ाव होता रहता है. देश में फेस्टिव सीजन के चलते कीमती धातुओं की कीमतें बढ़ गई हैं. इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मजबूत डॉलर इंडेक्स और लगातार बढ़ रहे जिओ-पॉलिटिकल टेंशन के कारण सोने की कीमतों में इन दिनों तेजी बरकरार है. इस तेजी के लिए बाजार की अस्थिरता, आर्थिक नीतियां और वैश्विक घटनाएं भी कारक हैं. भारतीय सर्राफा बाजार में इन दिनों सोना अपने रिकॉर्ड हाई 81000 के पार है. जानकारों का मानना है कि ऐसे में गोल्ड ईटीएफ में निवेश का फायदा मिलने का अनुमान है.
गोल्ड ईटीएफ पर मिले रिटर्न के आंकड़ों पर नजर डालें, तो बाजार में कई ऐसी गोल्ड ईटीएफ स्कीम हैं, जिनका एक साल का औसत रिटर्न लगभग 29.12 फीसदी रहा है. तीन साल का औसत रिटर्न 16.93 फीसदी है, जबकि पांच साल का औसत 13.59 फीसदी रहा है. एलआईसी एमएफ गोल्ड ईटीएफ ने सभी समय-सीमाओं में सबसे अधिक रिटर्न दिया है तो इस प्रकार है. एक साल के लिए 29.97 फीसदी, तीन साल के लिए 17.47 फीसदी और पांच साल के लिए 13.87 फीसगी रहा है. ईटीएफ के आंकड़े भौतिक सोने पर औसत रिटर्न की तुलना में थोड़े कम हैं, जो एक साल के लिए 30.13 फीसदी, तीन साल के लिए 18.03 फीसदी और पांच साल के लिए 14.88 फीसदी रहे हैं.