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Goldman Sachs अब तक सोने को लेकर सबसे ज्यादा उम्मीदें लगाए बैठा है. (AI Image by ChatGPT)
Gold Price Prediction: गोल्डमैन सैक्स (Goldman Sachs) को इस बार सोने से कुछ ज्यादा ही उम्मीदें हैं. इंवेस्टमेंट बैंक गोल्डमैन सैक्स ने 2025 के अंत तक सोने की कीमत का अनुमान बढ़ाकर 3,700 डॉलर प्रति औंस कर दिया है. यह इस साल की तीसरी मौका है जब गोल्डमैन सैक्स ने सोने में तेजी का अनुमान बढ़ाया है. 1 जनवरी 2025 को सोना 2,623 डॉलर प्रति औंस पर था. अगर साल के अंत तक सोना 3,700 डॉलर तक पहुंचता है, तो इसमें 41% का रिटर्न मिलेगा.
कहां तक जा सकता है गोल्ड, कितना रिटर्न मिलने का अनुमान
गोल्डमैन सैक्स के मुताबिक, अगर हालात ज्यादा जोखिम भरे रहे, तो सोना 2025 के अंत तक 4,500 डॉलर प्रति औंस तक भी जा सकता है. ऐसे में निवेशकों को करीब 71.5% तक का ज़बरदस्त रिटर्न मिल सकता है.
फिलहाल, 2025 में अब तक सोना 3,200 डॉलर पर ट्रेड कर रहा है, जो साल की शुरुआत से अब तक 22% की बढ़त है. भारत में आज सोने की कीमत 93,280 रुपये प्रति 10 ग्राम (Gold Price In India) है. फरवरी में, गोल्डमैन सैक्स ने अनुमान लगाया था कि 2025 के अंत तक सोने की कीमत 3,100 डॉलर तक (Gold Price) पहुंच सकती है, जबकि पहले उसका अनुमान 2,890 डॉलर था.
लेकिन सवाल यह है कि गोल्डमैन सैक्स और दूसरे एक्सपर्ट सोने को लेकर इतने आशावादी क्यों हैं? इसकी वजह है अमेरिका की अर्थव्यवस्था को लेकर बढ़ती चिंता और अमेरिका-चीन के बीच बढ़ता टैरिफ वार. इन हालातों में सोना मंदी के समय एक सुरक्षित विकल्प बनता जा रहा है.
आज की आर्थिक स्थिति में सोना सबसे मजबूत दांव के रूप में उभर रहा है. अगर अमेरिका में मंदी आती है, तो सोने की मांग और बढ़ सकती है. खासकर एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स (ETF) और असल गोल्ड की खरीद के ज़रिए. इसके साथ ही दुनिया भर के सेंट्रल बैंकों की खरीदारी से भी सोने की कीमतों में तेजी जारी रहने की उम्मीद है.
जब दुनिया में हालात अनिश्चित होते हैं या कोई बड़ा आर्थिक खतरा होता है, तब सोना सबसे ज्यादा पसंद किया जाने वाला निवेश विकल्प बन जाता है. यही वजह है कि ऐसे समय में सोने की कीमतें तेजी से बढ़ती हैं. कई एक्सपर्ट्स ने 2025 में सोने की कीमत में जबरदस्त बढ़ोतरी का अनुमान लगाया है. हालांकि, बीच-बीच में मुनाफा कमाने के लिए कुछ लोग सोना बेच सकते हैं, जिससे थोड़ी गिरावट भी आ सकती है.
साल 2025 में अमेरिका का फेडरल बैंक अगर ब्याज दरों में कटौती करता है, तो इससे भी सोने की कीमतें और बढ़ सकती हैं. इसके अलावा अमेरिकी बॉन्ड (US Treasury) की भारी बिकवाली भी सोने में तेजी के लिए जिम्मेदार साबित हो रही है. जब बॉन्ड बिकते हैं और 10 साल की यील्ड बढ़ती है, तो यह संकेत मिलता है कि अब अमेरिकी बॉन्ड भी पूरी तरह सुरक्षित नहीं हैं. ऐसे में निवेशक सोने की ओर रुख करते हैं और इसकी कीमतें और बढ़ जाती हैं.
कुल मिलाकर, जब तक सोने की कीमत को ऊपर ले जाने वाले कारणों में कोई बदलाव नहीं आता, तब तक 2025 में सोने के दामों में तेजी बनी रह सकती है.
(Credit : Sunil Dhawan)