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SIP Investment : सिस्टमैटिक इनवेस्टमेंट प्लान के जरिये निवेश करने वालों के ताजा रुझानों में कमजोर मार्केट सेंटिमेंट का असर साफ दिख रहा है. (Image : Freepik)
Negative Trend in SIP Investment : बाजार की उथल-पुथल का सीधा असर सिस्टमैटिक इनवेस्टमेंट प्लान (SIP) के जरिये निवेश करने वालों के रुझान में नजर आ रहा है. जनवरी से लेकर मार्च 2025 तक देश में हर महीने जितने नए SIP खुले हैं, उससे ज्यादा बंद हुए हैं. इतना ही नहीं, नए खुलने वाले SIP खातों की तुलना में बंद होने वाले SIP का अनुपात भी जनवरी से मार्च तक लगातार बढ़ा है. यह जानकारी जेएम फाइनेंशियल ने एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) द्वारा जारी ताजा आंकड़ों के विश्लेषण के आधार पर दी है.
जनवरी से बदला SIP का रुझान
अप्रैल 2024 से दिसंबर 2024 तक हर महीने नए खुले SIP की तादाद बंद होने वाले एसआईपी की संख्या से हमेशा ही ज्यादा रही. दिसंबर 2024 में नए खुले SIP की संख्या 54 लाख थी, जबकि बंद होने वाले एसआईपी 45 लाख थे. बंद होने वाले एसआईपी को नए खुले एसआईपी के प्रतिशत के तौर पर देखें तो यह दिसंबर 2024 में 83% था. लेकिन उसके बाद से हालात बदल गए. जनवरी 2025 में जहां 56 लाख नए एसआईपी खुले वहीं, बंद होने वाले एसआईपी की संख्या बढ़कर 61 लाख हो गई. फरवरी में 45 लाख नए एसआईपी खुले तो 55 लाख बंद हो गए. मार्च में स्थिति और नाजुक नजर आती है, जब 40 लाख नए एसआईपी खुलने की तुलना में 52 लाख बंद हो गए. बंद होने वाले एसआईपी को नए खुले एसआईपी के प्रतिशत के तौर पर देखें तो जनवरी में यह अनुपात 109% था, जो फरवरी में बढ़कर 123% और मार्च में 128% हो गया.
कुल SIP अकाउंट्स की संख्या भी घटी
कुल मौजूदा एसआईपी खातों की संख्या अप्रैल 2024 से दिसंबर 2024 तक हर महीने लगातार बढ़ती रही. लेकिन उसके बाद से इसमें कमी आई है. AMFI के आंकड़ों के मुताबिक दिसंबर में कुल एसआईपी खातों (Outstanding SIP Accounts) की संख्या 103.3 मिलियन यानी 10.33 करोड़ थी, जो जनवरी में घटकर 10.27 करोड़, फरवरी में 10.17 करोड़ और मार्च 2025 में 10.05 करोड़ रह गई.
मार्च में कुछ सुधरा SIP का AUM
एसआईपी के मौजूदा खातों की संख्या में लगातार गिरावट के बावजूद SIP का एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) जनवरी और फरवरी में गिरने के बाद मार्च 2024 में कुछ बेहतर हुआ है. दिसंबर 2024 में SIP का कुल AUM 13.6 खरब रुपये था, जो जनवरी में 2.9% घटकर 13.2 खरब रुपये और फरवरी में 6.1% गिरकर 12.4 खरब रुपये रह गया. लेकिन मार्च में यह 8.1% बढ़कर 13.4 खरब रुपये पर पहुंच गया.
कमजोर मार्केट सेंटिमेंट का असर
दरअसल मार्केट के कमजोर सेंटिमेंट का असर इक्विटी म्यूचुअल फंड्स के कुल इंफ्लो पर भी नजर आ रहा है. मार्च 2025 में इक्विटी म्यूचुअल फंड्स में कुल इंफ्लो 272 अरब रुपये का रहा (आर्बिट्राज को छोड़कर), जो पिछले महीने यानी फरवरी की तुलना में 17% कम है. ऐसा लगातार तीसरे महीने में देखने को मिला है. इससे पहले इक्विटी म्यूचुअल फंड्स का कुल इंफ्लो जनवरी में 4% और फरवरी में 26% घटा था.