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Gold and Silver Rates Today: सोने और चांदी की कीमतों में गुरुवार को भारी गिरावट देखने को मिली है. (Photo : Reuters)
Gold and Silver Rates Today: सोने और चांदी की कीमतों में गुरुवार को भारी गिरावट देखने को मिली. देश की राजधानी दिल्ली में सोने की कीमतों में 800 रुपये प्रति 10 ग्राम की गिरावट दर्ज की गई, जबकि चांदी 2000 रुपये प्रति किलोग्राम लुढ़क गई. जानकारों का मानना है कि यह गिरावट अमेरिकी फेडरल रिजर्व के हालिया फैसले और ग्लोबल स्तर पर मिल रहे आर्थिक संकेतों की वजह से आई है.
सोने और चांदी की मौजूदा कीमतें
दिल्ली में 99.9 प्रतिशत शुद्धता वाला सोना 78,300 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ, जबकि बुधवार को इसका भाव 79,100 रुपये था. इसी तरह, चांदी की कीमतें 90,000 रुपये प्रति किलोग्राम पर आ गईं, जो कि पिछले सत्र में 92,000 रुपये थीं. वायदा बाजार में भी गिरावट देखी गई. फरवरी डिलीवरी के लिए सोने के कॉन्ट्रैक्ट 76,350 रुपये पर ट्रेड कर रहे हैं, जो 0.4% की गिरावट दिखाता है.
अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्या हुआ
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर, कॉमेक्स (Comex) पर सोने की कीमतें 19.10 अमेरिकी डॉलर प्रति औंस गिरकर 2,634.10 अमेरिकी डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गईं. चांदी की कीमतें भी 2.47% गिरकर 29.98 अमेरिकी डॉलर प्रति औंस पर आ गईं.
क्या रही गिरावट की प्रमुख वजह
अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने और चांदी की कीमतों में गिरावट की मुख्य वजह अमेरिकी फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पॉवेल का बयान है. यूएस फेड ने संकेत दिया है कि 2025 तक ब्याज दरों में केवल दो बार ही कटौती की जाएगी, जबकि इससे पहले चार बार कटौती किए जाने का अनुमान लगाया जा रहा था. HDFC सिक्योरिटीज़ के सीनियर एनालिस्ट सौमिल गांधी ने कहा, "फेडरल ओपन मार्केट कमेटी (FOMC) की बैठक के बाद, सोने की कीमतों में तेज गिरावट आई है. ब्याज दरों में कटौती की धीमी रफ्तार के अनुमान ने बाजार को प्रभावित किया है."
आगे का रुख और संभावनाएं
विशेषज्ञों का मानना है कि निकट भविष्य में सोने और चांदी की कीमतों में अस्थिरता जारी रह सकती है. अबांस होल्डिंग्स के सीईओ चिंतन मेहता (Abans Holdings) ने कहा, "निवेशक अमेरिका में बेरोजगारी के क्लेम्स और पर्सनल कंजम्पशन एक्सपेंडीचर (PCE) के डेटा का इंतजार कर रहे हैं. इन आंकड़ों से बाजार की दिशा के बारे में अधिक स्पष्टता मिल पाएगी. कीमतों में गिरावट निवेश के लिए अच्छा मौका हो सकती है."
मिलवुड केन इंटरनेशनल के संस्थापक एवं सीईओ निश भट्ट ने बताया, "अमेरिका में नई सरकार के सत्ता संभालने के बाद ट्रेड टैरिफ से जुड़ी संभावित घोषणाएं सोने की कीमतों को प्रभावित कर सकती हैं. हालांकि, ग्लोबल जियो-पोलिटिकल हालात को देखते हुए, सोना एक मजबूत निवेश विकल्प बना रहेगा."
क्या करें निवेशक?
मौजूदा हालात में, निवेशकों को सतर्क रहकर आगे बढ़ने की सलाह दी जा रही है. सौमिल गांधी के अनुसार, "अगर यूएस फेड की दरों में कटौती में देरी होती है, तो शॉर्ट टर्म गिरावट आ सकती है, जो निवेश के लिए अच्छा अवसर हो सकता है." इसके अलावा भारतीय बाजार में रुपये की कमजोरी भी सोने और चांदी की कीमतों को प्रभावित कर सकती है. हालांकि मौजूदा गिरावट ने बाजार में अनिश्चितता बढ़ाई है, लेकिन लंबे समय में सोने की कीमतों में बढ़त की संभावना बनी हुई है. ऐसे में विशेषज्ञों का कहना है कि लॉन्ग टर्म इनवेस्टर इन गिरावटों को नजरअंदाज करते हुए धीरे-धीरे अपने पोर्टफोलियो में सोने का हिस्सा बढ़ा सकते हैं. जानकारों का मानना है कि सोने में निवेश के लिए यह समय सही हो सकता है, क्योंकि यह लंबे समय में स्थिर रिटर्न देने वाला ऑप्शन है.