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सरकारी कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर, अब NPS और UPS में मिलेगा दो और निवेश विकल्प

लाइफ साइकल में अधिकतम 25% इक्विटी निवेश होता है, जो 35 से 55 साल की उम्र तक धीरे-धीरे घटता है. बैलेंस्ड लाइफ साइकल में इक्विटी निवेश 45 साल की उम्र से कम होना शुरू होता है, जिससे कर्मचारी लंबे समय तक इक्विटी में निवेश कर सकते हैं.

लाइफ साइकल में अधिकतम 25% इक्विटी निवेश होता है, जो 35 से 55 साल की उम्र तक धीरे-धीरे घटता है. बैलेंस्ड लाइफ साइकल में इक्विटी निवेश 45 साल की उम्र से कम होना शुरू होता है, जिससे कर्मचारी लंबे समय तक इक्विटी में निवेश कर सकते हैं.

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Mithilesh Kumar
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सरकार ने NPS और UPS के तहत केंद्र कर्मचारियों के लिए दो नए निवेश विकल्प, लाइफ साइकल और बैलेंस्ड लाइफ साइकल, मंजूर किए हैं. अब कर्मचारी अपनी पसंद का निवेश विकल्प चुन सकेंगे. (AI Image)

NPS and UPS Introduce Two New Investment Options for Better Retirement Planning: सरकारी कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर है. प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों की तरह अब केंद्र सरकार के कर्मचारी भी नेशनल पेंशन सिस्टम (National Pension System - NPS) और यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) के तहत ज्यादा निवेश विकल्पों का लाभ उठा सकेंगे. अपने कर्मचारियों के लिए केंद्र सरकार ने इसी शुक्रवार को एक बड़ा फैसला लिया है. 

वित्त मंत्रालय ने बताया है कि NPS और UPS स्कीम में दो नए निवेश विकल्प लाइफ साइकल (Life Cycle) और बैलेंस्ड लाइफ साइकल (Balanced Life Cycle) को मंजूरी दी गई है. वित्त मंत्रालय ने कहा कि ये विकल्प रिटायरमेंट प्लानिंग में फ्लेक्सिबिलिटी बढ़ाने और कर्मचारियों को अपनी जरूरतों के हिसाब से अपने रिटायरमेंट फंड को मैनेज करने की अनुमति देने के लिए तैयार किए गए हैं.

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यह कदम लंबे समय से उठाई जा रही सरकारी कर्मचारियों की उस मांग को पूरा करता है जिसमें वे अपने पेंशन निवेश पर अधिक लचीलापन और नियंत्रण चाहते थे.

निवेश विकल्पों से जुड़ी खास बातें

एनपीएस और यूपीएस के तहत, केंद्र सरकार के कर्मचारी अब कई निवेश विकल्पों में से चुन सकते हैं.

  • एक डिफॉल्ट विकल्प है जो समय-समय पर पेंशन कोष नियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) द्वारा परिभाषित निवेश का 'डिफॉल्ट पैटर्न' है.
  • दूसरा विकल्प स्कीम-जी है जिसमें कम जोखिम, निश्चित रिटर्न के लिए 100 फीसदी निवेश सरकारी एसेट्स में होगा.
  • 'लाइफ साइकल' (एलसी-25) विकल्प के तहत अधिकतम इक्विटी आवंटन 25 फीसदी है, जो 35 साल की आयु से 55 वर्ष की आयु तक धीरे-धीरे कम होता जाता है
  • जबकि एलसी-50 विकल्प में अधिकतम इक्विटी आवंटन रिटायरमेंट फंड के 50 प्रतिशत तक सीमित है.
  • 'बैलैंड लाइफ साइकल' (बीएलसी) विकल्प एलसी50 का ही एक रिवाइज्ड वर्जन है, जिसमें इक्विटी आवंटन 45 साल की आयु से कम होता जाता है ताकि कर्मचारी लंबी अवधि के लिए इक्विटी में निवेश कर सकें.
  • वहीं एलसी75 विकल्प में अधिकतम इक्विटी आवंटन 75 फीसदी है, जो 35 साल की आयु से 55 वर्ष की आयु तक धीरे-धीरे कम होता जाता है.

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आसान भाषा में कहें तो लाइफ साइकल निवेश विकल्प में इक्विटी में अधिकतम 25% निवेश किया जा सकता है, जो 35 साल की उम्र से 55 साल की उम्र तक धीरे-धीरे कम होता जाता है, जबकि बैलेंस्ड लाइफ साइकल निवेश विकल्प में इक्विटी में निवेश 45 साल की उम्र से कम होना शुरू होता है, इसमे कर्मचारी चाहें तो ज्यादा समय तक इक्विटी में निवेशित रहने का मौका मिलता है.

वित्त मंत्रालय के अनुसार, ये नए विकल्प न सिर्फ पेंशन स्कीम को अधिक व्यक्तिगत और अनुकूल बनाएंगे, बल्कि कर्मचारियों को अपनी रिटायरमेंट के लिए बेहतर वित्तीय सुरक्षा तैयार करने में भी मदद करेंगे.

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