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ECHS: केंद्र सरकार का बड़ा फैसला, ट्रेनिंग के दौरान घायल ऑफिसर कैडेट्स को मिलेगा एक्स-सर्विसमेन जैसा फ्री इलाज

ECHS Benefits : देश के टॉप मिलिट्री ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट्स से मेडिकल कारणों से डिस्चार्ज हुए ऑफिसर कैडेट्स की मुश्किलों की इंडियन एक्सप्रेस में रिपोर्ट छपने के कुछ ही समय बाद अब केंद्र सरकार ने उनके लिए राहत की घोषणा कर दी है.

ECHS Benefits : देश के टॉप मिलिट्री ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट्स से मेडिकल कारणों से डिस्चार्ज हुए ऑफिसर कैडेट्स की मुश्किलों की इंडियन एक्सप्रेस में रिपोर्ट छपने के कुछ ही समय बाद अब केंद्र सरकार ने उनके लिए राहत की घोषणा कर दी है.

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FE Hindi Desk
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किशन कुलकर्णी (बाएं), जो NDA से मेडिकल कारणों से डिस्चार्ज हुए थे, की मां भारती ने बताया कि उनके बेटे की फिजियोथेरेपी आज तक शुरू नहीं हो पाई है. (Image: Express Photo)

Govt Extends ECHS Benefits to Medically Boarded Out Officer Cadets: भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय ने शुक्रवार को एक बड़ा फैसला लिया है. अब सेना के उन ऑफिसर कैडेट्स को भी मेडिकल सुविधाएं मिलने लगेंगी, जिन्हें मिलिट्री ट्रेनिंग के दौरान किसी बीमारी या चोट के कारण मेडिकल कारणों से सेवा से बाहर किया गया है. पहले ये कैडेट्स एक्स-सर्विसमेन कॉन्ट्रीब्युटरी हेल्थ स्कीम (Ex-Servicemen Contributory Health Scheme - ECHS) के तहत सुविधाओं के लिए पात्र नहीं थे क्योंकि उन्हें एक्स-सर्विसमेन (ex-servicemen - ESM) का दर्जा नहीं मिला था. 

सरकार ने अब ECHS स्कीम के दायरे को एक्सटेंड किया है. योजना के विस्तार से ऐसे कैडेट्स फ्री इलाज ले सकेंगे - चाहे वह मिलिट्री अस्पताल हों, ECHS पॉलिक्लिनिक हों या मान्यता प्राप्त प्राइवेट हास्पिटल.

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2003 से शुरू है ECHS स्कीम

ECHS (Ex-Servicemen Contributory Health Scheme) स्कीम की शुरूआत 2003 में हुई थी. यह स्कीम एक्स-सर्विसमेन और उनके परिजनों यानी फैमिली वालों के लिए शुरू किया गया था. इसके तहत देशभर के आर्म्ड फोर्सेस के अस्पतालों और मान्यता प्राप्त निजी या सरकारी अस्पतालों की मौजूदा मेडिकल फैसिलिटी का लाभ लिया जाता है.

किसे मिलेगा योजना का लाभ?

सरकार ने यह कदम आर्म्ड फोर्सेज की गरिमा और भलाई के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दोबारा दर्शाने के लिए उठाया है. मंत्रालय ने बताया कि यह सुविधा उन कैडेट्स पर लागू होगी जिन्हें मेडिकल कारणों से ट्रेनिंग पूरा करने से पहले और भविष्य में इसी तरह के मामलों वाले ऑफिसर कैडेट्स के लिए, जिन्हें सेवा से बाहर किया गया या भविष्य में किया जाएंगे.

इस फैसले की तैयारी पहले से चल रही थी, लेकिन यह घोषणा इंडियन एक्सप्रेस में उन कैडेट्स की मुश्किलों वाली रिपोर्ट छपने के लगभग 15 दिन बाद आई है, जो मेडिकल कारणों से देश के टॉप मिलिट्री ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट्स से बाहर किए गए थे और अब गंभीर विकलांगता और सीमित सुविधाओं के साथ जीवन संघर्ष कर रहे हैं. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को अपने आप इस मामले में केंद्र और सशस्त्र बलों से जवाब मांगा था.

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रक्षा मंत्रालय के अंतर्गत पूर्व सैनिक कल्याण विभाग (DESW) ने शुक्रवार को आदेश जारी किया कि अब ट्रेनिंग के दौरान किसी मेडिकल कारण से प्रभावित कैडेट्स को ECHS स्कीम के तहत चिकित्सा सुविधाएं दी जाएंगी. ये सुविधाएं फ्री होंगी, यानी पूर्व सैनिक अधिकारियों से लिए जाने वाले 1.2 लाख रुपये के एक बार के सब्सक्रिप्शन शुल्क की यह शर्त इन कैडेट्स पर लागू नहीं होगी.

यह सुविधा सिर्फ उन कैडेट्स के लिए है जिन्हें यह प्रभावित करता है और यह एक विशेष एक बार की राहत के तौर पर दी जा रही है. आदेश तीनों सेवा प्रमुखों और चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ को भेजा गया है. अभी सभी एक्स-सर्विसमेन (ESM) ECHS के तहत सुविधाओं के हकदार हैं. लेकिन ट्रेनिंग के दौरान चोट या बीमारी के कारण कैडेट्स को ESM का दर्जा नहीं मिलता था, इसलिए अब तक उन्हें फ्री इलाज जैसी सुविधाएं नहीं मिल पाती थीं.

ऑफिसर कैडेट्स लंबे समय से सरकार से विकलांगता पेंशन और एक्स-सर्विसमेन (ESM) का दर्जा पाने की मांग कर रहे हैं. इससे उन्हें न सिर्फ ECHS स्कीम के तहत फ्री मेडिकल सुविधाएं मिलतीं, बल्कि करियर में नए अवसर और रिसेटलमेंट के विकल्प भी मिल पाते.

Defence News Defence Ministry