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Gratuity Calculator : कंपनी में लगातार 12 साल 7 महीने कर ली नौकरी, आखिरी बेसिक पे 35,000 रुपये है मंथली, तो कितनी मिलेगी ग्रेच्युटी?

अगर किसी कर्मचारी ने किसी कंपनी में लगातार 5 साल तक काम किया है, तो उसे ग्रेच्युटी का हक बनता है. यह सम्मान राशि कर्मचारी को रिटायरमेंट के समय या नौकरी छोड़ने पर एकमुश्त भुगतान के रूप में दी जाती है.

अगर किसी कर्मचारी ने किसी कंपनी में लगातार 5 साल तक काम किया है, तो उसे ग्रेच्युटी का हक बनता है. यह सम्मान राशि कर्मचारी को रिटायरमेंट के समय या नौकरी छोड़ने पर एकमुश्त भुगतान के रूप में दी जाती है.

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Mithilesh Kumar
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Gratuity Calculator AI Generated Image

अगर किसी कर्मचारी ने लगातार 12 साल 7 महीने एक कंपनी में काम किया है तो उसे नौकरी छोड़ने या रिटारमेंट पर कितनी ग्रेच्युटी मिलेगी, यहां पूरा कैलकुलेशन देखिए. (AI Image)

Gratuity Calculator : रोहित ने मार्च 2013 में अपने करियर की शुरुआत एक प्राइवेट कंपनी से की. शुरुआती दिनों में एक्सपीरियंस जुटाने और सीखने की लगन के साथ काम करते हुए उन्होंने लगातार 12 साल 7 महीने तक एक ही कंपनी में नौकरी जारी रखी. सितंबर 2025 तक कंपनी में अपनी सेवाएं देने के बाद अगले महीने रोहित को एक और बेहतर अवसर मिला और उन्होंने नई कंपनी ज्वॉइन कर ली. 

इस दौरान, रोहित की पिछली कंपनी ने उनके लंबी अवधि की सर्विस के लिए ग्रेच्युटी दिया. ग्रेच्युटी एक तरह का सम्मान है, जो उन कर्मचारियों को मिलता है जिन्होंने कम से कम 5 साल लगातार सर्विस दी हो. यह राशि रिटायरमेंट या नौकरी छोड़ने के समय एकमुश्त रूप में दी जाती है. आइए आसान भाषा में समझते हैं, साथ ही ग्रेच्युटी का हिसाब लगाने के तरीके के बारे में जानते हैं.

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लगातार 12 साल 7 महीने की नौकरी पर कितनी मिलेगी ग्रेच्युटी?

अगर किसी कंपनी में लगातार कम से कम पांच साल तक काम कर लिया है तो ग्रेच्युटी (Gratuity Corpus) बनती है. यह रिटायरमेंट के समय या नौकरी छोड़ने पर एकमुश्त राशि के रूप में मिलती है. इसके लिए कर्मचारी को अपनी कंपनी के HR या अकाउंट डिपार्टमेंट से फॉर्म लेना होगा और उसे भरकर जमा करना होगा. यह नियम कर्मचारियों को उनके लंबे समय तक समर्पित सेवा के लिए एक सम्मान है. ग्रेच्युटी का हिसाब लगाने के लिए फार्मूले को समझना जरूरी है.

ग्रेच्युटी = (आखिरी बेसिक सैलरी और DA) × 15 × नौकरी के साल / 26

  • ग्रेच्युटी कैलकुलेट करते समय बेसिक सैलरी प्लस DA का मतलब केवल बेसिक पे और महंगाई भत्ता (DA) होता है. ध्यान दें कि आमतौर पर प्राइवेट कंपनियों में DA शामिल नहीं होता, इसकी बात सरकारी कर्मचारियों के मामले में आम है. इसलिए प्राइवेट कर्मचारियों के ग्रेच्युटी का हिसाब लगाते समय केवल बेसिक सैलरी को ही फार्मूले में लिया जाता है.
  • फार्मूले में 15 का मतलब है 15 दिन की सैलरी, जो कानून के तहत तय है. वहीं 26 का अर्थ है महीने के 26 कार्यदिवस, जिसे ग्रेच्युटी कैलकुलेशन में मानक माना जाता है.
  • नौकरी के साल यानी कितने साल कंपनी में काम किया है.
  • यहां एक और ध्यान देने वाली बात है. अगर कर्मचारी ने कंपनी में 6 महीने से ज्यादा काम किया है तो उसे पूरे एक साल पूरा मान लिया जाता है.

रोहित को कितना मिलेगी ग्रेच्युटी, यहां देखें कैलकुलेशन

रोहित की आखिरी बेसिक पे मंथली 35,000 रुपये है. 

उसने कंपनी में लगातार 12 साल 7 महीने काम किया है तो 6 महीने से ज्यादा काम करने के चलते पूरे साल मान लिये जाने पर रोहित के काम की अवधि को 13 साल माना जाएगा.

ऐसे में फार्मूले के तहत ग्रेच्युटी आएगी

ग्रेच्युटी = (35,000 × 15 × 13)/26
= 6,825,000/26
= 2,62,500 यानी 2 लाख 63 हजार रुपये

इस तरह, रोहित को अपनी पिछली कंपनी से करीब 2 लाख 63 हजार रुपये ग्रेच्युटी मिलेगी.

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ध्यान देने वाली बात है कि रोहित के एक प्राइवेट कंपनी में काम कर रहा था. प्राइवेट कंपनियों में ग्रेच्युटी कैलकुलेशन में आमतौर पर DA शामिल नहीं किया जाता. इसलिए रोहित का लाभ सिर्फ आखिरी बेसिक पे यानी बेसिक सैलरी के आधार पर हुआ.

Gratuity Corpus