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अगर कर्मचारी ने 8 साल 8 महीने काम की है तो अंतिम सैलरी 25,000, 30,000 या 40,000 रुपये होने के पर कितनी ग्रेच्युटी मिलेगी. (AI Image)
Gratuity Calculator : अगर आप एक ही कंपनी में लंबे समय तक काम करते हैं, तो रिटायरमेंट या नौकरी छोड़ने पर कंपनी की ओर से ग्रेच्युटी के रुप में एक खास तोहफा मिलता है. ये एक तरह से लॉयल्टी या लंबे समय की सेवा का रिवार्ड होती है, जो आपकी मेहनत का इनाम है. लेकिन लोग अक्सर इसको लेकर कंफ्यूज रहते हैं कि ग्रेच्युटी रकम कब मिलती है, कितनी मिलती है और कैसे मिलती है? अगर आपकी सैलरी अंतिम सैलरी 25,000, 30,000 या 40,000 रुपये है और आपने एक ही कंपनी में 15 साल तक काम किया है, तो आपको रिवार्ड के रूप में कितनी गेच्युटी मिलेगी? यहां दिए गए कैलकुलेशन से समझिए.
ग्रेच्युटी क्या होती है?
ग्रेच्युटी वो रकम है जो कंपनी आपको तब देती है जब आपने लगातार 5 साल या उससे ज्यादा समय तक वहां काम किया हो. ये लॉयल्टी बोनस की तरह है, जिसे पेमेंट ऑफ ग्रेच्युटी एक्ट, 1972 के तहत लागू किया गया है.
किन हालातों में मिलती है ग्रेच्युटी?
- रिटायरमेंट पर
- नौकरी छोड़ने पर (5 साल की सेवा के बाद)
- अस्थायी या स्थायी अपंगता पर
- कर्मचारी की मृत्यु की स्थिति में (नॉमिनी को)
ग्रेच्युटी के लिए कौन है एलिजिबल?
अगर आपने एक ही कंपनी में लगातार 5 साल काम किया है तो आप इसके हकदार हैं. मृत्यु या विकलांगता की स्थिति में 5 साल पूरे ना होने पर भी ग्रेच्युटी दी जाती है.
ग्रेच्युटी कैलकुलेशन के लिए क्या है फॉर्मूला
ग्रेच्युटी = (15 × अंतिम वेतन × सेवा के वर्षों की संख्या) ÷ 26
अंतिम सैलरी = बेसिक सैलरी + डीए (महंगाई भत्ता)
कैसे होती है ग्रेच्युटी कैलकुलेशन?
ग्रेच्युटी की राशि निम्नलिखित सूत्र से गणना की जाती है:
ग्रेच्युटी = (15 × अंतिम वेतन × सेवा के वर्षों की संख्या) ÷ 26
यहां, अंतिम वेतन में मूल वेतन और महंगाई भत्ता (DA) शामिल होते हैं.
उदाहरण के लिए अगर आपका अंतिम सैलरी 25,000 रुपये है और आपने 15 साल नौकरी की है, तो
ग्रेच्युटी मिलेगी
ग्रेच्युटी = (15 × 25,000 × 15)/26 = 2,16,346 रुपये यानी लगभग 2.16 लाख
इसी तरह, अगर किसी की अंतिम सैलरी 30,000 रुपये है ग्रेच्युटी मिलेगी
ग्रेच्युटी = (15 × 30,000 × 15)/26 = 2,59,615 रुपये यानी लगभग 5.60 लाख
और वहीं अगर अंतिम सैलरी 40,000 है, तो ग्रेच्युटी मिलेगी
ग्रेच्युटी = (15 × 40,000 × 15)/26 = 3,46,153 रुपये यानी लगभग 3.46 लाख
ग्रेच्युटी की गणना में अधूरे साल का क्या होता है?
ग्रैच्युटी वो रकम है जो कंपनी अपने कर्मचारी को तब देती है जब उसने लगातार 5 साल या उससे ज्यादा समय तक उसी कंपनी में काम किया हो. ये एक तरह से लॉयल्टी या लंबे समय की सेवा का रिवार्ड होता है. खास बात ये है कि अगर आपने किसी साल 6 महीने या उससे ज्यादा काम किया है, तो उसे पूरा साल माना जाता है.
जैसा कि ऊपर बताया गया है कि ग्रेच्युटी की गणना करते समय अगर किसी कर्मचारी ने किसी साल में 6 महीने या उससे अधिक अतिरिक्त सेवा की है, तो उस अधूरे वर्ष को भी पूरा साल माना जाता है.
उदाहरण के तौर पर, यदि आपने 8 साल और 8 महीने काम किया है, तो ग्रेच्युटी कैलकुलेशन में आपकी सेवा अवधि 8 नहीं बल्कि 9 साल मानी जाएगी. यह नियम पेमेंट ऑफ ग्रेच्युटी एक्ट, 1972 के तहत लागू होता है, और इसके लिए (15 × अंतिम सैलरी × कुल सर्विस ईयर)/26 का फॉर्मूला इस्तेमाल किया जाता है.
(15 × 25,000 × 9)/26 = 1,29,807 रुपये यानी लगभग 1.30 लाख
इसी तरह, अगर किसी की अंतिम सैलरी 30,000 रुपये है, तो
ग्रेच्युटी = (15 × 30,000 × 9)/26 = करीब 1,55,769 रुपये
और अगर अंतिम सैलरी 40,000 रुपये है, तो
ग्रेच्युटी = (15 × 40,000 × 9)/26 = 2,07,692 रुपये के आसपास मिलेगी.
क्या कंपनी ग्रेच्युटी देने से मना कर सकती है?
यदि कंपनी 'पेमेंट ऑफ ग्रेच्युटी एक्ट, 1972' के अंतर्गत आती है, तो वह कानूनी रूप से ग्रेच्युटी देने से मना नहीं कर सकती. हालांकि, यदि कर्मचारी को अनुशासनहीनता या नैतिक अपराध के कारण बर्खास्त किया गया है, तो कंपनी ग्रेच्युटी देने से इनकार कर सकती है. जितनी लंबी नौकरी और जितना अधिक वेतन, उतनी ज्यादा ग्रेच्युटी. यह आपकी सेवा का सम्मान है, जिसे नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता.
(नोट: यह जानकारी सामान्य गणनाओं पर आधारित है. सटीक रकम जानने के लिए किसी वित्तीय सलाहकार से संपर्क करें या कंपनी के एचआर विभाग से जानकारी प्राप्त करें.)