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GST rate cut impact on GDP : जीएसटी की दरों में कटौती से देश की जीडीपी बढ़ने की उम्मीद है. (Image : Financial Express)
GST Rate Cut to Boost GDP : सरकार ने जीएसटी दरों को घटाकर सिर्फ दो स्लैब – 5% और 18% – में लाने का बड़ा फैसला किया है, जो 22 सितंबर 2025 से लागू होगा. बैंक ऑफ बड़ौदा की अर्थशास्त्री सोनल बधन के मुताबिक, इस कदम से वित्त वर्ष 2025-26 में भारत की जीडीपी को 0.2% से 0.3% तक का फायदा हो सकता है. उनका कहना है कि टैक्स घटने से चीजें सस्ती होंगी, तो लोग ज्यादा खर्च करेंगे और इससे अर्थव्यवस्था को सहारा मिलेगा. इसका असर खास तौर पर साल की दूसरी छमाही में दिखेगा और वित्त वर्ष 2026-27 में यह बढ़त और भी मजबूत हो सकती है.
कंजम्प्शन से होगी रेवेन्यू में कमी की भरपाई
सरकार ने GST की दरों में कटौती की है, ऐसे में सवाल उठता है कि क्या रेवेन्यू में होने वाली कमी से वित्तीय घाटा बढ़ सकता है. इस पर बैंक ऑफ बड़ौदा की अर्थशास्त्री सोनल बधन ने कहा, "हमें उम्मीद है कि रेवेन्यू में कमी की भरपाई कंजम्प्शन में बढ़ोतरी से हो जाएगी. चूंकि जीएसटी सुधारों से त्योहारी सीजन में खपत में जबरदस्त तेजी आएगी, इसलिए हमें लगता है कि वित्तीय घाटे पर असर सीमित रहेगा."
ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए बड़ी राहत
जीएसटी काउंसिल के फैसले से कृषि क्षेत्र को बड़ी राहत मिली है. ट्रैक्टर के टायर और पुर्जों पर जीएसटी घटाकर 18% से 5% कर दिया गया है. वहीं ट्रैक्टर पर भी अब सिर्फ 5% जीएसटी लगेगा, जबकि पहले यह दर 12% थी. इसके अलावा, बायो-पेस्टिसाइड्स, माइक्रो-न्यूट्रिएंट्स, ड्रिप इरिगेशन सिस्टम और स्प्रिंकलर्स पर भी जीएसटी 12% से घटाकर 5% कर दिया गया है.
सोनल बधन ने कहा, "कृषि उपकरणों पर दरों का तर्कसंगत होना कृषि क्षेत्र के लिए बड़ी राहत है. इससे न सिर्फ किसानों को तुरंत राहत मिलेगी, बल्कि संरचनात्मक बदलाव भी होंगे. जैसे-जैसे मशीनरी सस्ती होगी, छोटे किसान भी आसानी से मशीनीकरण को अपनाएंगे और उत्पादकता बढ़ाएंगे. इसका फायदा मशीनरी उद्योग को भी मिलेगा. ग्रामीण जीडीपी को उत्पादन और कंजम्प्शन दोनों तरफ से बढ़ावा मिलेगा."
अर्थव्यवस्था को दीवाली गिफ्ट
सरकार का कहना है कि जीएसटी काउंसिल का यह फैसला देश के लिए "दीवाली गिफ्ट" जैसा है. दरअसल, रोजमर्रा की कई जरूरी चीजें अब सस्ती होंगी, जिससे आम लोगों की जेब पर बोझ कम होगा. जीएसटी सुधारों का मकसद टैक्स बोझ घटाकर कंजम्प्शन बढ़ाना और अर्थव्यवस्था को गति देना है.
त्योहारी सीजन के वक्त जब लोग सामान्य से ज्यादा खरीदारी करते हैं, उस दौरान टैक्स में यह राहत बाजार में डिमांड को और भी बढ़ा सकती है. इसका सीधा असर रिटेल बिजनेस और प्रोडक्शन पर पड़ेगा और रोजगार के अवसर भी बढ़ सकते हैं.
जीडीपी ग्रोथ को मिलेगा सहारा
विशेषज्ञों का मानना है कि अगले कुछ महीनों में यह सुधार भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूती देगा. वित्त वर्ष 2025-26 में जहां जीडीपी में 0.2% से 0.3% की बढ़ोतरी का अनुमान है, वहीं 2026-27 में यह असर और ज्यादा होगा क्योंकि तब तक टैक्स कटौती का पूरा फायदा बाजार में उतर चुका होगा.
इस तरह, जीएसटी दरों में कटौती का यह फैसला सिर्फ तत्काल राहत नहीं है, बल्कि लंबे समय में भी भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने वाला कदम साबित हो सकता है.