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GST पर ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स की बैठक में राज्यों के वित्त मंत्रियों के साथ केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण. (Photo Shared by Telangana Deputy CM Bhatti_Mallu on X)
GOM Approves GST Proposal : केंद्र सरकार ने हाल ही में जीएसटी ढांचे में बड़ा बदलाव करने का प्रस्ताव रखा था. इसमें खासतौर पर 12% और 28% वाले जीएसटी स्लैब को खत्म करने की बात शामिल थी. अब इस प्रस्ताव को मंत्रियों के समूह (GoM) ने मंजूरी दे दी है और इसे अंतिम फैसला लेने के लिए जीएसटी काउंसिल (GST Council) को भेजा जाएगा. अगर यह बदलाव लागू होता है तो GST में मुख्य तौर पर 5% और 18% की दो दरें होंगी, जिससे देश की टैक्स प्रणाली और आसान हो जाएगी. इससे आम लोगों से लेकर छोटे कारोबारियों तक को राहत मिलने की उम्मीद की जा रही है.
क्या है सरकार का नया जीएसटी प्लान
15 अगस्त को केंद्र सरकार ने जीएसटी सुधार का एक बड़ा खाका पेश किया था. इसमें तीन मुख्य बिंदुओं पर फोकस किया गया था – ढांचे में बदलाव, दरों का सरलीकरण और आम लोगों की सुविधा. इसके तहत सुझाव दिया गया कि जीएसटी में अब केवल दो दरें हों – 5% और 18%. खास वस्तुओं पर ही विशेष टैक्स लगाया जाएगा, जबकि 40% का नया टैक्स रेट सिर्फ लग्जरी और ‘सिन गुड्स’ पर लगेगा.
अभी जीएसटी की चार दरें हैं – 5%, 12%, 18% और 28%. लेकिन नए प्लान के बाद 12% वाले लगभग 99% सामान 5% वाले स्लैब में आ जाएंगे. वहीं, 28% वाले करीब 90% सामान और सेवाएं 18% स्लैब में शामिल होंगी.
GoM की बैठक और राज्यों की सहमति
बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी की अध्यक्षता में हुई GoM की बैठक में गुरुवार को राज्यों ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दी. इस पैनल में यूपी, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक और केरल के मंत्री भी शामिल थे. बैठक के दौरान सभी राज्यों ने सहमति जताई कि मौजूदा चार दरों की जगह दो दरों का सिस्टम ज्यादा आसान और पारदर्शी होगा. सम्राट चौधरी ने कहा कि इस कदम से टैक्स ढांचे को सरल बनाने का रास्ता साफ हुआ है. अब अंतिम फैसला जीएसटी काउंसिल की बैठक में लिया जाएगा. चौधरी ने बुधवार को कहा था कि जीओएम ने लाइफ इंश्योरेंस और हेल्थ इंश्योरेंस पर जीरो परसेंट जीएसटी लगाने पर सहमति बन गई है.
बीमा पर टैक्स राहत की तैयारी
इस प्रस्ताव का सबसे अहम हिस्सा बीमा से जुड़ा है. अभी हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसियों पर 18% जीएसटी लगता है. 2023-24 में सरकार को सिर्फ हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम से ही करीब 8,263 करोड़ रुपये का टैक्स मिला था. लेकिन अब GoM ने सुझाव दिया है कि जीवन बीमा और स्वास्थ्य बीमा पर जीएसटी पूरी तरह से हटा दिया जाए या फिर इसे 5% तक सीमित किया जाए.
अगर ऐसा होता है तो आम लोगों के लिए बीमा पॉलिसी लेना काफी सस्ता हो जाएगा. इससे न सिर्फ मध्यवर्गीय परिवारों को राहत मिलेगी बल्कि लोगों में बीमा लेने की जागरूकता भी बढ़ेगी.
माना जा रहा है कि GoM में सरकार के प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के बाद अब जीएसटी काउंसिल भी इस पर मुहर लगा देगी. ऐसा हुआ तो लंबे समय से जीएसटी दरों को लेकर जारी जटिलता खत्म होगी.
आम लोगों और कारोबारियों पर असर
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने GoM को संबोधित करते हुए बुधवार को कहा था कि सरकार का यह प्रस्ताव किसानों, मध्यम वर्ग और छोटे कारोबारियों (MSME) के लिए राहत लाएगा. जीएसटी रेट्स का सरलीकरण होने से टैक्स भरने की प्रक्रिया आसान होगी और ज्यादा लोग जीएसटी नेटवर्क से जुड़ पाएंगे.