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NFO : SBI म्यूचुअल फंड के इस एनएफओ में एक साथ कई स्कीम में निवेश का मौका, डायनैमिक एसेट एलोकेशन एक्टिव FoF में और क्या है खास

NFO Alert : SBI डायनैमिक एसेट एलोकेशन एक्टिव FoF एक ऐसी स्कीम है, जो निवेशकों को डायवर्सिफिकेशन, रिस्क मैनेजमेंट और बेहतर रिटर्न का मौका एक साथ दे सकती है.

NFO Alert : SBI डायनैमिक एसेट एलोकेशन एक्टिव FoF एक ऐसी स्कीम है, जो निवेशकों को डायवर्सिफिकेशन, रिस्क मैनेजमेंट और बेहतर रिटर्न का मौका एक साथ दे सकती है.

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Viplav Rahi
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SBI डायनैमिक एसेट एलोकेशन एक्टिव FoF के NFO में निवेश से पहले स्कीम के बारे में पूरी जानकारी हासिल कर लेना जरूरी है. (AI Generated Image)

SBI Dynamic Asset Allocation Active FoF NFO : म्यूचुअल फंड्स में इनवेस्ट करने वाले बहुत सारे निवेशक ऐसा प्रोडक्ट चाहते हैं जो डायवर्सिफिकेशन (Diversification), रिस्क मैनेजमेंट और बेहतर रिटर्न का मौका एक साथ दे रहा हो. देश के सबसे बड़े फंड हाउस एसबीआई म्यूचुअल फंड (SBI Mutual Fund) ने निवेशकों कीइसी जरूरत को ध्यान में रखते हुए एक नया फंड ऑफर (NFO) लॉन्च किया है. एसबीआई डायनैमिक एसेट एलोकेशन एक्टिव फंड ऑफ फंड (SBI Dynamic Asset Allocation Active FoF) के नाम से पेश यह स्कीम न सिर्फ निवेशकों को एक साथ कई फंड्स में निवेश का मौका देगी, बल्कि मार्केट के रुझान में बदलाव के हिसाब से इक्विटी, डेट और दूसरे एसेट क्लास में एसेट एलोकेशन (Asset Allocation) को भी डायनैमिक रूप से बदलती रहेगी. इस न्यू फंड ऑफर (New Fund Offer) में निवेश पर विचार करने से पहले स्कीम के बारे में पूरी जानकारी हासिल कर लेना जरूरी है.

NFO में सब्सक्रिप्शन 

एसबीआई म्यूचुअल फंड के इस नए फंड ऑफर में सब्सक्रिप्शन 25 अगस्त 2025 से खुल रहा है और 8 सितंबर 2025 को बंद होगा. इसके बाद 5 बिजनेस डेज के भीतर यह फिर से निवेश और रिडेम्पशन के लिए उपलब्ध हो जाएगा. यह एक ओपन-एंडेड फंड ऑफ फंड (FoF) है, जो एसबीआई म्यूचुअल फंड और अन्य म्यूचुअल फंड्स की इक्विटी और डेट स्कीम्स में निवेश करेगा.

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इस स्कीम का मुख्य उद्देश्य है – लॉन्ग टर्म कैपिटल एप्रीसिएशन, यानी लंबे समय में निवेशकों की पूंजी को बढ़ाना. हालांकि, जैसा कि हर म्यूचुअल फंड में होता है, यहां भी रिटर्न की कोई गारंटी नहीं है.

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क्या है डायनैमिक एसेट एलोकेशन की रणनीति 

इस स्कीम की खासियत है कि यह मार्केट कंडीशंस के हिसाब से इक्विटी और डेट के बीच निवेश का रेशियो यानी अनुपात बदलती रहेगी. इसका मतलब है कि अगर बाजार में तेजी का माहौल है तो इक्विटी फंड्स में अलोकेशन बढ़ सकता है और अगर उथल-पुथल ज्यादा है तो डेट फंड्स की हिस्सेदारी बढ़ाई जा सकती है. इस फंड ऑफ फंड के जरिये इक्विटी और इक्विटी ओरिएंटेड स्कीम्स में 35% से 100% तक निवेश किया जा सकता है. जबकि डेट और डेट ओरिएंटेड स्कीम्स में 0% से 65% तक निवेश हो सकता है. वहीं, मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट्स में अधिकतम निवेश 5% होगा.

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स्कीम का फंड मैनेजमेंट

इस फंड के इक्विटी इनवेस्टमेंट को निधि चावला और डेट इनवेस्टमेंट को अर्धेंदु भट्टाचार्य मैनेज करेंगे. दोनों ही अनुभवी फंड मैनेजर हैं और लंबे समय से एसबीआई म्यूचुअल फंड (SBI Mutual Fund) में अलग-अलग स्कीम्स संभाल रहे हैं.

SBI फंड्स मैनेजमेंट लिमिटेड के MD और CEO नंद किशोर ने कहा, "हमारा फोकस हमेशा निवेशकों को ऐसे इन्नोवेटिव सॉल्यूशंस देने पर रहा है जो बदलते मार्केट साइकिल्स में भी भरोसा बनाए रखें. SBI Dynamic Asset Allocation Active FoF उसी दिशा में एक कदम है, जो एक ही फंड में इक्विटी और डेट स्ट्रैटेजीज़ को जोड़कर डाइवर्सिफिकेशन और लॉन्ग टर्म वेल्थ क्रिएशन का मौका देगा."

कंपनी के डिप्टी एमडी और ज्वाइंट सीईओ डीपी सिंह ने कहा, "मार्केट के मौजूदा माहौल में निवेशकों को एक ऐसे फंड की जरूरत है जो इक्विटी और डेट दोनों में सही संतुलन बना सके. यह नई FoF स्कीम निवेशकों को एक ऑल-इन-वन डायवर्सिफाइड ऑप्शन मुहैया कराएगी."

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इनवेस्टमेंट ऑप्शन और एग्जिट लोड 

निवेशकों के लिए इस स्कीम में मिनिमम इन्वेस्टमेंट 5,000 रुपये रखा गया है और उसके बाद 1 रुपये के मल्टीपल में अतिरिक्त निवेश किया जा सकता है. निवेशक इसमें सिस्टमैटिक इनवेस्टमेंट प्लान (SIP) के जरिए भी पैसा लगा सकते हैं, जिसकी सुविधा डेली, वीकली, मंथली, क्वार्टरली, हाफ-इयरली और एनुअल आधार पर उपलब्ध होगी.

एग्जिट लोड की बात करें तो अगर आप 12 महीने से पहले यूनिट्स बेचते हैं तो 25% तक यूनिट्स पर कोई चार्ज नहीं लगेगा. उससे ज्यादा यूनिट्स पर 1% एग्जिट लोड लगेगा. 12 महीने के बाद यूनिट्स बेचने पर कोई चार्ज नहीं है.

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किन निवेशकों के लिए है यह स्कीम?

यह स्कीम उन निवेशकों के लिए है जो लंबी अवधि में अपनी दौलत बढ़ाना चाहते हैं. साथ ही बाजार के बदलते मिजाज के हिसाब से अपने पोर्टफोलियो को एडजस्ट करके पूंजी को सुरक्षित और सही ऑप्शन में लगाना पसंद करते हैं. यह फंड ऑफ फंड, एक ही स्कीम में इक्विटी और डेट, दोनों का कॉम्बिनेशन देता है. इससे निवेशकों को बेहतर रिस्क मैनेजमेंट और डाइवर्सिफिकेशन का फायदा मिलता है.

एनएफओ की बड़ी बातें (NFO Highlights) 

  • NFO ओपनिंग डेट: 25 अगस्त 2025

  • NFO क्लोजिंग डेट: 8 सितंबर 2025

  • कैटेगरी: ओपन-एंडेड फंड ऑफ फंड (FoF)

  • निवेश का उद्देश्य: लॉन्ग टर्म कैपिटल एप्रीसिएशन

  • इक्विटी अलोकेशन: 35%–100%

  • डेट अलोकेशन: 0%–65%

  • मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट्स: अधिकतम 5%

  • मिनिमम इन्वेस्टमेंट: 5,000 रुपये

  • फंड मैनेजर: निधि चावला (इक्विटी), अर्धेंदु भट्टाचार्य (डेट)

  • बेंचमार्क: Nifty 50 Hybrid Composite Debt 50:50 Index

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स्कीम के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)

1. SBI Dynamic Asset Allocation Active FoF NFO क्या है?

यह एक नया फंड ऑफर (NFO) है, जिसे एसबीआई म्यूचुअल फंड लॉन्च कर रहा है. यह एक फंड ऑफ फंड (FoF) स्कीम है. यानी इसमें सीधे स्टॉक्स या बॉन्ड्स में निवेश नहीं होगा बल्कि यह एसबीआई म्यूचुअल फंड और दूसरे म्यूचुअल फंड्स की इक्विटी और डेट स्कीम्स में पैसा लगाएगा.

2. NFO में मिनिमम इनवेस्टमेंट कितना है?

निवेशक कम से कम 5,000 रुपये से इसमें निवेश कर सकते हैं. इसके बाद अतिरिक्त निवेश 1 रुपये के मल्टीपल में किया जा सकता है.

3. क्या इसमें SIP की सुविधा मिलेगी?

हां, इस फंड में निवेशक डेली, वीकली, मंथली, क्वार्टरली, हाफ-इयरली और एनुअल SIP कर सकते हैं.

4. इस फंड का रिस्क लेवल क्या है?

स्कीम का रिस्कोमीटर हाई (High) है, यानी इसमें उतार-चढ़ाव ज्यादा हो सकते हैं. लेकिन इक्विटी और डेट दोनों में निवेश करने की वजह से यह रिस्क को बैलेंस करने की कोशिश करता है.

5. NFO में एग्जिट लोड कितना होगा?

  • अगर आप 12 महीने से पहले यूनिट्स बेचते हैं तो 25% तक के निवेश पर कोई चार्ज नहीं लगेगा और बाकी पर 1% एग्जिट लोड लगेगा.

  • 12 महीने के बाद यूनिट्स बेचने पर कोई चार्ज नहीं है.

6. इस फंड को कौन मैनेज करेगा?

इक्विटी पोर्शन को निधि चावला और डेट पोर्शन को अर्धेंदु भट्टाचार्य मैनेज करेंगे. दोनों ही अनुभवी फंड मैनेजर हैं.

7. यह स्कीम किन निवेशकों के लिए सही है?

यह स्कीम उन लोगों के लिए बेहतर है जो लॉन्ग टर्म कैपिटल एप्रीसिएशन यानी लंबे समय में वेल्थ क्रिएशन के उद्देश्य से निवेश करना चाहते हैं और अपने पैसे एक साथ इक्विटी और डेट स्कीम्स में डायवर्सिफाइड तरीके से लगाना पसंद करते हैं.

(डिस्क्लेमर : इस आर्टिकल का मकसद सिर्फ जानकारी देना है, किसी स्कीम में निवेश की सलाह देना नहीं. निवेश का कोई भी फैसला अपने इनवेस्टमेंट एडवाइज से सलाह-मशविरा करने के बाद ही करें)

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