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HDFC Flexi Cap Fund) ने अपने निवेशकों को साल-दर-साल जबरदस्त रिटर्न दिए हैं.
HDFC Mutual Fund Scheme for Big Returns: देश के बड़े फंड हाउस एचडीएफसी म्यूचुअल फंड की इक्विटी स्कीम एचडीएफसी फ्लेक्सी कैप फंड (HDFC Flexi Cap Fund) की अपने निवेशकों को रिटर्न देने की रफ्तार जबरदस्त रही है. इस स्कीम ने लॉन्च के बाद से हर अवधि में पैसे लगाने वालों को मोटा मुनाफा दिया है, जिससे यह स्कीम निवेशकों के बीच काफी पॉपुलर हो गई है. अगर किसी निवेशक ने इस फंड की शुरुआत के समय इसमें 1 लाख रुपये का निवेश किया होगा, तो उसकी मौजूदा फंड वैल्यू 1.95 करोड़ रुपये हो चुकी होगी. इतना ही नहीं, इस स्कीम ने 5 साल में निवेश को 3 गुना और 10 साल में 4 गुना से ज्यादा करके दिखाया है.
स्कीम के बारे में जरूरी जानकारी
HDFC फ्लेक्सी कैप फंड एक ओपन-एंडेड डायनामिक इक्विटी स्कीम है, जो बड़े, मझोले और छोटे आकार की कंपनियों में निवेश करती है. इस स्कीम का उद्देश्य इक्विटी और इक्विटी से जुड़े इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश करके कैपिटल ग्रोथ हासिल करना है. हालांकि, बाजार पर आधारित इक्विटी स्कीम होने के कारण इसमें रिटर्न की कोई गारंटी नहीं होती है.
- HDFC फ्लेक्सी कैप फंड के लॉन्च की तारीख: 1 जनवरी 1995
- एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM): 66,225.06 करोड़ रुपये (30 सितंबर 2024 तक)
- बेंचमार्क इंडेक्स: NIFTY 500 Total Returns Index
- टोटल एक्सपेंस रेशियो (Regular): 1.43%
- टोटल एक्सपेंस रेशियो (Direct): 0.77 %
- रिस्क लेवल: बहुत अधिक (Very High)
- मिनिमम SIP: 100 रुपये
HDFC फ्लेक्सी कैप फंड का पिछला रिटर्न
HDFC फ्लेक्सी कैप फंड ने अपने निवेशकों को लॉन्च से अब तक हर अवधि में बढ़िया रिटर्न दिए हैं. चाहे वह 1 साल हो, 3 साल, 5 साल या 10 साल, इस फंड ने निवेशकों को मुनाफा देने में कभी निराश नहीं किया है.
लंपसम निवेश पर रिटर्न:
- लॉन्च से अब तक: 1 लाख रुपये बने 1.95 करोड़ रुपये (CAGR 19.38%)
- 10 साल में: 1 लाख रुपये बने 4.40 लाख रुपये (CAGR 15.96%)
- 5 साल में: 1 लाख रुपये बने 3.03 लाख रुपये (CAGR 24.83%)
- 3 साल में: 1 लाख रुपये बने 1.98 लाख रुपये (CAGR 25.67%)
- 1 साल में: 1 लाख रुपये बने 1.46 लाख रुपये (CAGR 45.76%)
निवेश की रणनीति
HDFC फ्लेक्सी कैप फंड की निवेश रणनीति लार्ज कैप, मिड कैप और स्मॉल कैप कंपनियों में बांटकर निवेश करने की है, जिससे इसे पूरे बाजार का लाभ मिलता है. यह फंड ऐसी मजबूत कंपनियों में निवेश करने की कोशिश करता है, जो मुश्किल हालात में भी टिकने की क्षमता रखती हैं और लॉन्ग टर्म में बेहतर रिटर्न दे सकती हैं.
HDFC फ्लेक्सी कैप फंड में क्या है खास
- डायवर्सिफाइड पोर्टफोलियो: यह फंड अपने पोर्टफोलियो को अलग-अलग सेक्टर्स और सेगमेंट्स के बीच बांटकर निवेश करता है, जिससे जोखिम को कम करने और स्टेबल रिटर्न हासिल करने में मदद मिलती है.
- लंबी अवधि के लिए सही: यह फंड लंबे समय के लिए निवेश करने वालों के लिए सही है, जो अपने निवेश पर स्टेबल और बेहतर रिटर्न चाहते हैं.
- कम पोर्टफोलियो टर्नओवर: फंड का टर्नओवर रेट कम है, जो इसे एक स्टेबल इनवेस्टमेंट ऑप्शन बनाता है.
टॉप होल्डिंग्स और सेक्टोरल एलोकेशन
HDFC Flexi Cap Fund की टॉप होल्डिंग्स में प्रमुख बैंकों और आईटी कंपनियों के नाम शामिल हैं, जो इसे मजबूती देते हैं.
टॉप होल्डिंग्स (30 सितंबर 2024 तक):
- HDFC Bank Ltd.: 9.42%
- ICICI Bank Ltd.: 9.23%
- Axis Bank Ltd.: 8.56%
- HCL Technologies Ltd.: 4.83%
- Cipla Ltd.: 4.80%
- Bharti Airtel Ltd.: 4.78%
सेक्टोरल एलोकेशन:
- वित्तीय सेवाएं: 38.8%
- स्वास्थ्य सेवा: 12.5%
- ऑटोमोबाइल और ऑटो कंपोनेंट्स: 9.7%
- सूचना प्रौद्योगिकी: 9.4%
- टेलीकम्युनिकेशन: 4.6%
किनके लिए सही है यह स्कीम?
ऊपर दिए आंकड़ों से जाहिर है कि HDFC फ्लेक्सी कैप फंड ने लंबी अवधि में शानदार रिटर्न दिए हैं. यह स्कीम उन निवेशकों के लिए बेहतर विकल्प हो सकती है, जो एक डायवर्सिफाइड पोर्टफोलियो में निवेश करके मुनाफा कमाना चाहते हैं और इसके लिए बाजार की ऊंच-नीच का सामना कर सकते हैं. इक्विटी में निवेश के लिए हाई रिस्क बर्दाश्त करने की क्षमता होना जरूरी है. इसके अलावा, जो निवेशक बाजार के डायवर्सिफिकेशन का लाभ उठाना चाहते हैं, उनके लिए भी यह एक बेहतर विकल्प हो सकता है. इस फंड की रणनीति और पोर्टफोलियो इसे निवेश का एक मजबूत विकल्प बनाते हैं, जिससे यह लंबी अवधि में स्टेबल और आकर्षक रिटर्न दे सकती है. इस फंड में उन्हीं निवेशकों को पैसे लगाने चाहिए, जो कम से कम 3 साल या उससे ज्यादा समय के लिए निवेश करने की तैयारी रखते हैं. यह बात भी ध्यान में रखनी चाहिए कि म्यूचुअल फंड के पिछले रिटर्न को भविष्य में वैसे ही प्रदर्शन की गारंटी नहीं माना जा सकता.
(डिस्क्लेमर: इस लेख का मकसद सिर्फ जानकारी मुहैया कराना है, किसी फंड में निवेश की सलाह देना नहीं. इक्विटी म्यूचुअल फंड्स में किए गए निवेश पर शेयर बाजार के उतार-चढ़ाव का सीधा असर पड़ता है. निवेश का कोई भी फैसला अपने निवेश सलाहकार की राय लेकर ही करें.)