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HDFC Focused 30 Fund पिछले 3 और 5 साल के रिटर्न के हिसाब से मल्टीबैगर साबित हुआ है. (Image : Pixabay)
HDFC Mutual Fund Multibagger Scheme: एचडीएफसी फोकस्ड 30 फंड (HDFC Focused 30 Fund) के डायरेक्ट प्लान ने इनवेस्टर्स के एकमुश्त निवेश को 3 साल में डबल करके दिखाया है. इतना ही नहीं, इस स्कीम ने 5 साल पहले किए गए निवेश को तीन गुना कर दिया है. यहां तक कि इस इक्विटी स्कीम ने सिस्टमैटिक इनवेस्टमेंट प्लान (SIP) के जरिये किए गए निवेश पर भी शानदार रिटर्न दिए हैं. इस हिसाब से देखें तो HDFC म्यूचुअल फंड की इस स्कीम को मल्टीबैगर कहा जा सकता है. लेकिन HDFC फोकस्ड 30 फंड के सफल होने की मुख्य वजह क्या है? इसके फंड मैनेजर्स ने किन एसेट्स में किया है निवेश? HDFC के इस फंड से जुड़े तमाम सवालों के जवाब आगे जानेंगे, लेकिन पहले स्कीम के हाइलाइट्स और पिछले रिटर्न पर एक नजर डाल लेते हैं.
HDFC फोकस्ड 30 फंड में एकमुश्त निवेश पर रिटर्न
3 साल में एकमुश्त निवेश पर सालाना रिटर्न (डायरेक्ट प्लान): 28.18%
3 साल में एकमुश्त निवेश पर सालाना रिटर्न (रेगुलर प्लान): 26.51 %
5 साल में एकमुश्त निवेश पर सालाना रिटर्न (डायरेक्ट प्लान): 25.49%
5 साल में एकमुश्त निवेश पर सालाना रिटर्न (रेगुलर प्लान): 24.00%
एकमुश्त निवेश (डायरेक्ट प्लान): 1 लाख रुपये
1 लाख रुपये के एकमुश्त निवेश की 3 साल बाद वैल्यू (डायरेक्ट प्लान): 2,10,601 लाख रुपये
1 लाख रुपये के एकमुश्त निवेश की 5 साल बाद वैल्यू (डायरेक्ट प्लान): 3,11,204 लाख रुपये
HDFC फोकस्ड 30 फंड में मंथली SIP पर रिटर्न
3 साल में मंथली SIP पर एन्युलाइज्ड रिटर्न (डायरेक्ट प्लान): 33.62 %
5 साल में मंथली SIP पर एन्युलाइज्ड रिटर्न (डायरेक्ट प्लान): 32.21 %
5000 रुपये मंथली SIP की 3 साल बाद वैल्यू (डायरेक्ट प्लान): 2,90,224 रुपये (निवेश 1.80 लाख रुपये)
5000 रुपये मंथली SIP की 5 साल बाद वैल्यू (डायरेक्ट प्लान): 6,60,362 रुपये (निवेश 3 लाख रुपये)
ऊपर दिए कैलकुलेशन के हिसाब से SIP के जरिये किए गए इनवेस्टमेंट को भी इस स्कीम ने 3 साल में 1.6 गुना और 5 साल में डबल से ज्यादा कर दिया है.
(Source : AMFI, Value Research)
क्या है निवेश की रणनीति, कैसे मिली कामयाबी
किसी भी म्यूचुअल फंड की सफलता का आधार उसका निवेश ही होता है. अगर फंड मैनेजर के निवेश से जुड़े फैसले सही निकले, तो फंड के रिटर्न अच्छे रहेंगे. HDFC फोकस्ड 30 फंड की सफलता से भी यही पता चलता है कि इसके फंड मैनेजर्स की इनवेस्टमेंट स्ट्रैटजी सही रही है. यह एक इक्विटी फंड है. लिहाजा इसके कुल एसेट्स का कम से कम 65 % हिस्सा इक्विटी में निवेश होना जरूरी है. जैसा कि HDFC फोकस्ड 30 फंड के नाम से जाहिर है, यह स्कीम फोकस्ड इनवेस्टमेंट स्ट्रैटजी को फॉलो करती है और इसके पोर्टफोलियो में स्टॉक्स की अधिकतम संख्या 30 है. लेकिन ये 30 स्टॉक्स किसी भी साइज की कंपनी के हो सकते हैं. यानी मार्केट कैप के हिसाब से निवेश की कोई पाबंदी इस फंड पर नहीं है. इस फ्लेक्सिबल पॉलिसी का फायदा यह है कि फंड मैनेजर को मार्केट की स्थिति और रुझान को ध्यान में रखकर सही फैसले लेने की पूरी छूट होती है. जिससे लंबी अवधि में बेहतर रिटर्न हासिल करने की संभावना बढ़ जाती है.
स्कीम का एसेट एलोकेशन
31 अगस्त 2024 तक अपडेटेड आंकड़ों के मुताबिक HDFC फोकस्ड 30 फंड के पोर्टफोलियो में इक्विटी की हिस्सेदारी 86.23%, कैश और कैश जैसे एसेट्स की 9.74%, रियल एस्टेट की हिस्सेदारी 3.68% और डेट की हिस्सेदारी 0.35% थी. वहीं स्कीम के इक्विटी पोर्टफोलियो में लार्ज कैप का हिस्सा 81.34 %, मिड कैप का 10.53 % और स्मॉल कैप का 8.13% था.
HDFC फोकस्ड 30 फंड की टॉप होल्डिंग्स
- ICICI Bank : 9.44 %
- HDFC Bank : 9.14 %
- Axis Bank : 8.37 %
- HCL Technologies : 4.89 %
- SBI Life Insurance : 4.65 %
HDFC फोकस्ड 30 फंड से जुड़ी अहम बातें
- बेंचमार्क : NIFTY 500 Total Return Index
- बेंचमार्क इंडेक्स का CAGR : 3 साल में 17.68%, 5 साल में 22.13%
- एसेट्स अंडर मैनेजमेंट (AUM) : 14,858.09 करोड़ रुपये
- रिस्क लेवल : बहुत अधिक (Very High)
- एक्सपेंस रेशियो (डायरेक्ट प्लान): 0.50 %
- एक्सपेंस रेशियो (रेगुलर प्लान): 1.67 %
किनके लिए सही है HDFC फोकस्ड 30 फंड
HDFC फोकस्ड 30 फंड उन निवेशकों के लिए एक बेहतर विकल्प साबित हो सकता है, जो लंबी अवधि के लिए निवेश करना चाहते हैं और बेहतर रिटर्न के लिए इक्विटी में निवेश करने का रिस्क उठाने को तैयार हैं. इस फंड ने 3 और 5 साल में एकमुश्त और SIP निवेश पर शानदार रिटर्न दिए हैं, जिससे यह स्कीम निवेशकों की फेवरिट बन चुकी है. वैल्यू रिसर्च ने भी इस स्कीम को 5 स्टार रेटिंग दी है. लेकिन इस स्कीम में उन्हीं निवेशकों को पैसे लगाने चाहिए, जो कम से कम 5 साल के लिए निवेश करने की तैयारी रखते हैं और जिनकी रिस्क उठाने की क्षमता इसकी इजाजत देती है. साथ ही यह बात भी ध्यान में रखनी चाहिए कि इक्विटी म्यूचुअल फंड के पिछले रिटर्न को भविष्य में वैसे ही प्रदर्शन की गारंटी नहीं माना जा सकता है.
(डिस्क्लेमर: इस लेख का मकसद सिर्फ जानकारी मुहैया कराना है, किसी फंड में निवेश की सलाह देना नहीं. इक्विटी म्यूचुअल फंड्स में किए गए निवेश पर शेयर बाजार के उतार-चढ़ाव का सीधा असर पड़ता है. निवेश का कोई भी फैसला अपने निवेश सलाहकार की राय लेकर ही करें.)