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Home Loan Alert! बैंक से लोन लेने वाले रहें अलर्ट, थोड़ी सी लापरवाही से 20 साल की बजाय 25 से 30 साल भरनी पड़ेगी EMI

Home Loan Interest : होम लोन लेने जा रहे हैं तो लो ईएमआई नहीं, बल्कि बैंकों के इंटरेस्ट रेट पर नजर रखिए. वहीं जब लोन ले लिया है तो समय समय पर अपना होम लोन अकाउंट चेक करते रहें.

Home Loan Interest : होम लोन लेने जा रहे हैं तो लो ईएमआई नहीं, बल्कि बैंकों के इंटरेस्ट रेट पर नजर रखिए. वहीं जब लोन ले लिया है तो समय समय पर अपना होम लोन अकाउंट चेक करते रहें.

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Sushil Tripathi
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EMI of Home Loan : जब ब्याज दरों में बढ़ोतरी होती है तो ज्यादातर बैंक ईएमआई की रकम बढ़ाने की बजाए होम लोन की अवधि बढ़ा देते हैं.(Pixabay)

Home Loan Interest Rate : होम लोन लेने जा रहे हैं तो लो ईएमआई नहीं, बल्कि बैंकों के इंटरेस्ट रेट पर नजर रखिए. वहीं जब लोन ले लिया है तो समय समय पर अपना होम लोन अकाउंट चेक करते रहें. असल में जब ब्याज दरों में बढ़ोतरी होती है तो ज्यादातर बैंक ईएमआई की रकम बढ़ाने की बजाए होम लोन की अवधि बढ़ा देते हैं. इससे जो ईएमआई 240 महीने में खत्म हो सकती है, उसे खत्म करने के लिए कई महीने और बढ़ जाते हैं. वहीं बहुत से लोग सस्ती ईएमआई के चक्कर में खुद ही टेन्योर बढ़वा लेते हैं. इससे ईएमआई का बोझ 5 से 10 साल बढ़ सकता है और आपको लाखों की चपत लगती है. 

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केस 1 : बढ़ जाता है EMI का ड्यूरेशन 

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होमलोन का ब्याज बढ़ने पर ग्राहकों पर 2 तरह से यह दबाव बढ़ता है. ज्यादातर बैंक मंथली ईएमआई की रकम में बदलाव नहीं करते, लेकिन उसके बदले लोन के साल बढ़ा देते हैं. ऐसे समझ सकते हैं कि मान लिया बैंक ने लोन की दर बढ़ा दी और इससे आपके महीने की ईएमआई पर 1000 रुपये हर महीने का दबाव बढ़ गया. जबकि अभी आपको 180 महीने की ईएमआई और चुकानी है. बैंकों ने इसे मंथली ईएमआई में जोड़ने की बजाए, इसे चुकाने के लिए टेन्योर आगे बढ़ा दिए. यह टेन्‍योर आगे 5 से 6 साल के लिए बढ़ सकता है. यानी जो ईएमआई आपको 20 साल भरनी थी, अब वह 25 या 26 साल या 30 साल तक भरनी पड़ सकती है.  

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केस 2 : महंगी EMI से बचने के लिए बढ़ा लेते हैं साल

दूसरा केस यह है कि लोन की ब्याज दर बढ़ने से ईएमआई की रकम बढ़ती है. ऐसे में बहुत से ग्राहक ईएमआई कम करने के लिए लोन का ड्यूरेशन बढ़वा देते हैं. जैसे वह बैंक से 20 साल की बजाए 25 साल या 30 साल तक ईएमआई भरने का विकल्प मांग लेते हैं. ऐसे में आपको लंबे समय तक ईएमआई भरनी पड़ती है और आप बैंक को लोन के बदले बड़ा अमाउंट चुकाते हैं.

मान लिया कि 30 लाख का लोन आपने 20 साल के लिए लेने का प्लान बनाया है. 9.55 फीसदी ब्याज के हिसाब से आपकी मंथली ईएमआई 28062 रुपये होगी. 20 साल में आपको कुल 37,34,871 रुपयसे ब्याज देना होगा. वहीं आप बैंक को कुल 67,34,871 रुपये चुकाएंगे, जिसमें ब्याज और मूलधन दोनों हैं. 

लेकिन अगर आपने ईएमआई 5 सारल बढ़ा ली यानी 25 साल तक का ड्यूरेशन लिया तो मंथली ईएमआई तो कुछ कम होकर 26315 रुपये होगी, लेकिन आपको कुल 48,94,574 रुपये ब्याज चुकाना होगा. वहीं आप बैंक को मूलधन और ब्याज जोड़कर कुल 78,94,574 रुपये चुकाएंगे. जो 20 साल की तुलना में 11 लाख रुपये से भी ज्यादा होगा. 

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Home Loan Tips : आपको क्या करना चाहिए?

अगर आप समय समय पर बढ़ रहे होम लोन के ब्याज के दबाव से बचना चाहते हैं तो आपको अलर्ट रहना होगा. अपना होमलोन अकाउंट चेक करते रहें और जब-जब ब्याज दरों में इजाफा हो, आपको बैंक से बात कर के अपने हम लोन की रीस्ट्रक्चर करवाना होगा. यानी आपको बैंक से कहना होगा कि वह अवधि ना बढ़ाए. इसके लिए बैंक आपसे एक मामूली फीस लेते हैं और आपकी ईएमआई को रीस्ट्रक्चर करते हैं. लेकिन बहुत से ग्राहक अलर्ट नहीं रहते और कई साल लोन भरने के बाद पाते हें कि उनकी अभी तो तकरीबन पूरा ही ड्यूरेशन बचा हुआ है. 

होमलोन जल्द खत्म करने के लिए और क्या उपाय

Fixed Rate लोन चुनें : जब ब्याज दरें बढ़ रही हों, तो एडजेस्टेबल-रेट होम लोन की जगह फिक्स्ड-रेट होम लोन चुनना अक्सर एक अच्छा विकल्प होता है. फिक्स्ड रेट मोर्तगेज के साथ आपकी ब्याज दर लोन के पूरे टेन्योर में समान रहेगी.

टेन्योर कम रखें : लोन का टेन्योर कम रखें. अगर आप 20 साल की जगह 15 साल के लिए लोन लेते हैं तो ओवरआल लोन पर ब्याज बहुत कम हो सकता है.

डाउन पेमेंट ज्यादा करें : डाउन पेमेंट ज्यादा कर सकते हें तो यही विकल्प चुनें. डाउन पेमेंट बढ़ाने से आपको बढ़ती ब्याज दरों का सामना करने के लिए अपने होम लोन को स्ट्रक्चर करने में मदद मिल सकती है.

लोन रीफाइनेंस करें : लोन लेने के बाद से ब्याज दरें बढ़ गई हैं, तो रीफाइनेंस एक अच्छा विकल्प हो सकता है. कम ब्याज दर पर रीफाइनेंस करने से आपको मंथली ईएमआई कम करने में मदद मिलेगी.

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