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SIP मिस करना मामूली गलती लग सकती है, लेकिन यह आपके निवेश रिटर्न, वित्तीय अनुशासन और लंबे समय के लक्ष्य पूरे करने की योजना को नुकसान पहुंचाता है. (AI Image)
SIP यानी सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान ने म्यूचुअल फंड निवेश को आम लोगों के लिए आसान बना दिया है. यह तरीका नियमित और छोटे-छोटे निवेश करके लंबी अवधि में बड़ा फंड बनाने का एक असरदार माध्यम है. लेकिन कई बार लोग यह नहीं समझ पाते कि SIP की एक भी किस्त मिस करना उनके निवेश सफर को कितना नुकसान पहुंचा सकता है.
SIP नियमित रूप से जारी रहने पर कम्पाउंडिंग का पूरा फायदा मिलता है, जिससे आपकी जमा राशि समय के साथ तेजी से बढ़ती है. साथ ही, रुपये की औसत लागत भी संतुलित रहती है, जिससे बाजार के उतार-चढ़ाव का असर कम होता है. इसके विपरीत, SIP मिस करने से न केवल आपकी निवेश योजना बाधित होती है, बल्कि आपके वित्तीय लक्ष्य भी प्रभावित हो सकते हैं. बेहतर रिटर्न पाने और वित्तीय लक्ष्यों को समय पर पूरा करने के लिए SIP की नियमितता बनाए रखना बेहद जरूरी है. आइए जानते हैं कि SIP मिस करने से आपके निवेश पर क्या असर पड़ता है और क्यों इसे टालना सही नहीं होता.
1. कंपाउंडिंग का चेन टूट जाता है
SIP का सबसे बड़ा फायदा है कंपाउंडिंग यानी आपकी निवेश राशि पर मिलने वाले रिटर्न पर फिर से रिटर्न मिलना. अगर आप नियमित निवेश करते हैं तो आपकी रकम लंबी अवधि में तेजी से बढ़ती है. लेकिन एक किस्त छोड़ने मात्र से ही इस कंपाउंडिंग का असर कम हो जाता है. उदाहरण के तौर पर, अगर आप 20 साल तक हर महीने 5,000 रुपये की SIP करते हैं और एक किस्त छोड़ देते हैं, तो 12% वार्षिक रिटर्न की स्थिति में आपका नुकसान 45,000 से 50,000 रुपये तक हो सकता है.
2. रुपये की औसत लागत का फायदा कम हो जाता है
SIP का एक और बड़ा फायदा रुपये की औसत लागत (Rupee Cost Averaging) है, जिससे आप बाजार के उतार-चढ़ाव का फायदा उठाते हैं. जब बाजार नीचे होता है, आपकी SIP ज्यादा यूनिट खरीदती है और जब बाजार ऊंचा होता है, कम. लेकिन अगर आप SIP मिस करते हैं, खासकर बाजार गिरावट के समय, तो आप सस्ते दाम पर खरीदने का मौका खो देते हैं.
3. वित्तीय लक्ष्यों पर असर पड़ता है
SIP आमतौर पर किसी खास लक्ष्य जैसे रिटायरमेंट, बच्चों की पढ़ाई, घर खरीदने या धन संचय के लिए होती है. एक या दो किस्त छोड़ने से आपका लक्ष्य पूरा होने में देरी हो सकती है या उपलब्ध रकम कम हो सकती है. लगातार हर साल एक किस्त छोड़ने से 10 साल में आपके निवेश का एक पूरा साल चला जाता है.
4. वित्तीय अनुशासन टूटता है
SIP निवेश से आपकी बचत की आदत बनती है, जैसे कि EMI या बिल भरना. अगर आप SIP मिस करना शुरू कर देते हैं, तो ये आदत कमजोर पड़ती है और मिसिंग किस्त का सिलसिला शुरू हो सकता है, जिससे आपका निवेश प्रभावित होता है.
5. SIP में ऑटो-डेबिट हो सकता है कैंसिल
SIP मांडेट का मतलब होता है वह बैंक की अनुमति, जिसके जरिए आपकी SIP की किस्तें हर महीने आपके खाते से अपने आप कटती हैं. अगर आप बार-बार अपनी SIP की किस्तें नहीं जमा करते हैं, तो आपका यह मांडेट फेल हो सकता है या फंड हाउस या बैंक द्वारा कैंसिल भी किया जा सकता है. ऐसा होने पर आपकी निवेश योजना प्रभावित होती है और इसे फिर से चालू करने में मेहनत लगती है, और इस बीच आपकी निवेश योजना प्रभावित होती है. इसके अलावा, भविष्य में यदि आपकी वित्तीय व्यवहार की जांच की जाती है तो इससे आपकी विश्वसनीयता पर भी नकारात्मक असर पड़ सकता है.
अगर SIP मिस हो रही है तो क्या करें?
SIP राशि थोड़ी कम करें, कई AMC इस सुविधा देते हैं.
SIP को अस्थायी रूप से रोकें लेकिन जल्द से जल्द फिर शुरू करें.
मौजूदा निवेश को जरूरत से ज्यादा न निकालें.
SIP मिस करना आखिरी विकल्प हो, आदतन नहीं.