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आयकर कानून में आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक आय को संबोधित करने वाले स्पष्ट प्रावधान हैं, जो धारा 68 से 69B में उल्लिखित हैं. (Image : FE)
आए दिन खबरें सुनने को मिलती हैं कि किसी घर, दफ्तर, शोरूम, दुकान में आयकर विभाग के छापे पड़े हैं. कुछ मामलों में घर या दफ्तर से आय से अधिक कैश जब्त कर ली जाती हैं तो कुछ में किसी शख्स को गिरफ्तार कर लिया जाता है. ऐसे में आपके मन में सवाल उठते होंगे कि क्या घर में अधिक मात्रा में कैश रखना अपराध है? किसी को अपने घर में कितनी कैश रखने की इजाजत है?
जानकारों का मानना है कि आयकर कानून में इसे लेकर कोई प्रावधान नहीं है. कोई भी शख्स अपने घर या दफ्तर में जितना चाहें उतना कैश रख सकता है, बशर्ते वह कैश या संपत्ति एक ज्ञात स्रोत से आया हो और उन सभी के पर्याप्त सबूत आपके पास मौजूद हो ताकि आयकर विभाग जब कभी आपसे सबूत की मांग करें आप उसके सामने पेश सकें.
इनकम टैक्स में क्या है नियम?
एक शख्स अपने घर या दफ्तर में कितना कैश रख सकता है इसे लेकर आयकर कानून में कोई स्पेसिफिक प्रावधान नहीं है. टैक्समैन के वाइस प्रेसिडेंट नवीन वाधवा (CA Naveen Wadhwa) बताते हैं कि लोग ज्ञात स्रोतों से हासिल जितनी चाहें उतनी मात्रा में कैश रख सकते हैं और सभी के वित्तीय रिकॉर्ड आपके पास मौजूद हो. अहम बात ये है कि आयकर कानून में आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक आय को संबोधित करने वाले स्पष्ट प्रावधान हैं, जो धारा 68 से 69B में उल्लिखित हैं.
आयकर कानून के ये प्रावधान विभाग के अधिकारियों को बेहिसाब संपत्ति रखने के मामले में लोगों से स्पष्टीकरण मांगने का अधिकार देते हैं. अगर किसी शख्स के पास अधिक मात्रा में कैश है तो आयकर विभाग उस फंड के स्रोत की जांच शुरू कर सकते हैं, जिसके लिए शख्स को अपने घर या दफ्तर में रखे सभी कैश और संपत्ति का पूरा सबूत देना जरूरी होगा.
नवीन वाधवा कहते हैं कि आयकर विभाग के छापे में सभी संपत्ति के ज्ञात स्रोतों के बारे में पर्याप्त सबूत न पेश करने की स्थिति में घर या दफ्तर में रखी संपत्ति पर इनकम टैक्स ब्रैकेट के आधार पर टैक्स लगाया जा सकता है. ऐसे में बेहिसाब संपत्ति पर 78 फीसदी की दर से टैक्स के साथ-साथ जुर्माना भी चुकाना भी पड़ सकता है.
टैक्स एंड इनवेस्टमेंट एक्सपर्ट बलवंत जैन (Balwant Jain, Tax and Investment Expert) भी बताते हैं कि न तो आयकर कानून और न ही आरबीआई नियमों में घर या दफ्तर में रखी जाने वाली कैश की मात्रा को लेकर कोई पाबंदी है. हालांकि, कुछ चीजें हैं जिन्हें आपको ध्यान में रखना होगा. उदाहरण के लिए अगर आप कोई बिजनेस कर रहे हैं, तो ऐसे में आपको अपने व्यवसाय से जुड़े सभी लेनदेन की जानकारी कैश बुक में रखनी चाहिए. जो लोग किसी तरह का बिजनेस नहीं कर रहे हैं उन्हें भी अपने पास पड़े कैश या संपत्ति के स्त्रोत और सबूत से जुड़े दस्तावेज रखने चाहिए ताकि विभाग द्वारा पड़ताल किए जाने पर सभी संपत्ति के स्रोत से जुड़े सबूत आसानी से उपलब्ध कराया जा सके.
इतने से अधिक के गिफ्ट पर है प्रतिबंध
घर में रखी संपत्ति (कैश) बैंक से निकाली गई हो सकती है या अन्य स्रोत जैसे गिफ्ट में भी मिली हो सकती है. अगर आप कर विभाग की पूछताछ पर दावा करते हैं कि संपत्ति किसी और के द्वारा तोहफे के रूप में मिली है, ऐसे में कर कानूनों में तोहफे के हर लेन-देन के लिए 2 लाख रुपये से अधिक स्वीकारने पर प्रतिबंध है, जिसके उल्लंघन पर आयकर विभाग द्वारा समान राशि का जुर्माना लगाया जा सकता है. ऐसे में कैश के रूप में गिफ्ट मिलने पर इन प्रावधानों को ध्यान में रखना चाहिए.
(Article: Sanjeev Sinha)
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