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Tax Efficient : कई पेंशन योजनाओं की तुलना में, रिटायरमेंट म्यूचुअल फंड अधिक टैक्स-एफिशिएंट होते हैं. (Freepik)
Retirement Mutual Funds : जैसा कि नाम से पता चलता है, रिटायरमेंट फंड (retirement funds) आपके रिटायरमेंट के बाद की लाइफ को बेहतर बनाने के लिए डिजाइन किए गए म्यूचुअल फंड हैं. कुछ म्यूचुअल फंड रिटायरमेंट (retirement plan) के नाम पर म्यूचुअल फंड स्कीम ऑफर करते हैं. ये म्यूचुअल फंड भी दूसरी म्यूचुअल फंड योजनाओं की तरह ही काम करते हैं, जिनमें एकमुश्त और एसआईपी के जरिए निवेश करने की सुविधा है. अब सवाल उठता है कि क्या ये म्यूचुअल फंड योजनाएं वाकई आपके बुढ़ापे को बेहतर बना सकती हैं. क्या वाकई बुढ़ापे में ये फाइनेंशियल फ्रीडम दे सकते हैं. इसके लिए जानते हैं इनका प्रदर्शन.
रिटायरमेंट म्यूचुअल फंड (retirement mutual funds) के साथ जाने का फायदा यह है कि यहां बाजार का रिस्क कम हो जाता है. वहीं ट्रेडिशनल पेंशन योजनाओं की तुलना में रिटर्न ज्यादा हासिल होता है. म्यूचुअल फंड लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट को बढ़ावा देता है, जिससे आपको कंपाउंडिंग का फायदा भी मिलता है. वैसे यह जरूरी नहीं है कि जिन म्यूचुअल फंड में रिटायरमेंट जुड़ा हो, सिर्फ उसी में निवेश करना है. बल्कि आप किसी फाइनेंशियल एडवाइजर से सलाह लेकर किसी भी बेहतर म्यूचुअल फंड में लंबी अवधि के लिए पैसे लगा सकते हैं. हमने यहां कुछ बेहतर रिटायरमेंट म्यूचुअल फंड के बारे में जानकारी दी है.
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लॉक-इन अवधि, एग्जिट लोड
आमतौर पर, रिटायरमेंट फंड 5 साल की लॉक-इन अवधि के साथ आते हैं. कुछ योजनाओं में एग्जिट लोड के अधीन जल्द निकासी की अनुमति हो सकती है. हालांकि लॉक-इन अवधि के बाद रिडेम्प्शन पर कोई एग्जिट लोड नहीं है, एग्जेम्पशन मौजूद हैं. अगर निवेश 5 साल से पहले भुनाया जाता है तो टाटा म्यूचुअल फंड 1 फीसदी एग्जिट लोड लगाता है, हालांकि अगर निवेशक रिटायरमेंट की उम्र तक पहुंच गया है तो यह शुल्क माफ कर दिया जाता है. फ्रैंकलिन 58 साल से कम उम्र के निवेशकों के लिए 3 फीसदी एग्जिट लोड भी लगाता है, भले ही अनिवार्य 5 साल की लॉक-इन अवधि बीत चुकी हो.
स्विच करने की फ्लेक्सिबिलिटी
रिटायरमेंट के लिए म्यूचुअल फंड ट्रेडिशन पेंशन योजनाओं की तुलना में अधिक फ्लेक्सिबल होते हैं. इनमें किसी भी समय आंशिक रूप से या पूरी तरह से विद्ड्रॉल करने की कोई लिमिट नहीं है. अगर आप चाहें तो आप किसी भी समय अपना निवेश वापस ले सकते हैं और दूसरे म्यूचुअल फंड में स्विच कर सकते हैं.
ट्रांसपैरेंट विकल्प
रिटायरमेंट म्युचुअल फंड अन्य पेंशन योजनाओं की तुलना में अधिक ट्रांसपैरेंट हैं क्योंकि आप म्युचुअल फंड के बारे में सभी जरूरी जानकारियां तुरंत हासिल कर सकते हैं. रिटायरमेंट के बाद भी आपकी लाइफस्टाइल पहले की तरह बेहतर बनी रहे, इसके लिए आपके पास इनकम का एक स्टेबल सोर्स होना चाहिए. रिटायरमेंट म्यूचुअल फंड इसके लिए बेहतर विकल्प है, जहां जोखिम भी कम होते हैं. वहीं इससे भविष्य भी वित्तीय रूप से सुरक्षित होता है.
टैक्स एडवांटेज
कुछ रिटायरमेंट फंड केंद्र सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त पेंशन फंड के रूप में योग्य हैं. इन फंडों में निवेश करने से आप इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80सी के तहत 1.5 लाख रुपये तक निवेश पर टैक्स बेनेफिट का दावा कर सकते हैं. यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि अगर आप नया टैक्स सिस्टम चुनते हैं तो यह कटौती लागू नहीं होती है.
अन्य पेंशन योजनाओं की तुलना में, रिटायरमेंट म्यूचुअल फंड अधिक टैक्स-एफिशिएंट हैं. पेंशन इनकम पर अदर इनकम की तरह ही टैक्स लगाया जाता है. इक्विटी म्यूचुअल फंड में 1 लाख रुपये तक का लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस टैक्स-फ्री है, लेकिन डेट फंड में इसका पेमेंट इंडेक्सेशन के बाद किया जाता है, जिससे अधिकांश समय टैक्स निल यानी शून्य हो जाता है.
बेस्ट परफॉर्मिंग रिटायरमेंट म्यूचुअल फंड
ICICI Prudential Retirement Fund
3 साल का रिटर्न: 28.95 फीसदी
5 साल का रिटर्न: 21.15 फीसदी
HDFC Retirement Savings Fund Equity
3 साल का रिटर्न: 26.94 फीसदी
5 साल का रिटर्न: 22.63 फीसदी
7 साल का रिटर्न: 19.11 फीसदी
Nippon India Retirement Fund
3 साल का रिटर्न: 21.45 फीसदी
5 साल का रिटर्न: 14.58 फीसदी
7 साल का रिटर्न: 13.26 फीसदी
Tata Retirement Savings Fund
3 साल का रिटर्न: 17.02 फीसदी
5 साल का रिटर्न: 16.17 फीसदी
7 साल का रिटर्न: 14.65 फीसदी
10 साल का रिटर्न: 17.72 फीसदी
Aditya Birla Sun Life Retirement Fund
3 साल का रिटर्न: 13.28 फीसदी
5 साल का रिटर्न: 12.55 फीसदी
(सोर्स: वैल्यू रिसर्च)