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Old or New Tax System : बहुत से वरिष्ठ नागरिक हैं जो पुराने टैक्स सिस्टम में ही चल रहे हैं, और इसे बदलने को लेकर कनफ्यूजन है. (Pixabay)
Income Tax System for Senior Citizen : केंद्र सरकार ने बजट 2023-24 में इनकम टैक्स सिस्टम में (Income Tax Rules) बदलाव किया था. इसमें नया टैक्स रिजीम लाया गया, जिसके तहत इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव किया गया. इस नए सिस्टम की सबसे खास बात थी कि इसमें टैक्स छूट की लिमिट 5 लाख रुपये से बढ़ाकर 7 लाख रुपये कर दी गई. हालांकि नए टैक्स सिस्टम (New Tax Regime) के अपने फायदे हैं और पुराने टैक्स सिस्टम (Old Tax Regime) के अपने फायदे हैं. बहुत से टैक्स पेयर्स हैं जो अभी पुराने टैक्स सिस्टम में ही चल रहे हैं, जिनमें पेंशनर्स भी शामिल हैं. यहां एक सवाल उठता है कि अगर आप वरिष्ठ नागरिक हैं और पेंशन आपकी अर्निंग का जरिया है तो कौन सा टैक्स सिस्टम आपके लिए बेहतर होगा. ध्यान रखने वाली बात है कि रिटायरमेंट के बाद सैलरी की तुलना में पेंशन कम हो जाती है.
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वरिष्ठ नागरिकों के सामने दोनों विकल्प
वरिष्ठ नागरिकों (Senior Citizens) को इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने के लिए नए टैक्स सिस्टम और पुराने टैक्स सिस्टम दोनों का विकल्प मिलेगा. इसमें किसी तरह का बदलाव नहीं किया गया है. नई टैक्स रिजीम की व्यवस्था डिफॉल्ट सेटिंग में दिखेगी जिसे आप अपनी जरूरत के हिसाब से बदल सकते हैं. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के अनुसार, अगर किसी की उम्र 60 साल या उससे अधिक है, लेकिन 80 साल से कम है, उसे इनकम टैक्स के लिए वरिष्ठ नागरिक माना जाता है. वहीं 80 साल से ज्यादा के लोगों को सुपर सीनियर सिटीजन माना जाता है.
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नए सिस्टम में स्लैब, टैक्स रेट और बेनेफिट
- 3 लाख रुपये तक के इनकम पर कोई टैक्स नहीं
- 3 लाख से ज्यादा से लेकर 6 लाख तक के इनकम पर 5 फीसदी टैक्स
- 6 लाख से ज्यादा से लेकर 9 लाख तक के इनकम पर 10 फीसदी टैक्स
- 9 लाख से ज्यादा से लेकर 12 लाख तक के इनकम पर 15 फीसदी टैक्स
- 12 लाख से ज्यादा से लेकर 15 लाख तक के इनकम पर 20 फीसदी टैक्स
- 15 लाख से ज्यादा इनकम पर 30 फीसदी टैक्स
इस सिस्टम में सेक्शन 87A के तहत टैक्स में रिबेट की सीमा को बढ़ाकर 7 लाख रुपये कर दिया गया है. इसका मतलब ये है कि 7 लाख रुपये तक की सालाना आमदनी वाले लोगों को अब न्यू टैक्स रिजीम में कोई इनकम टैक्स नहीं देना पड़ेगा. ओल्ड टैक्स रिजीम में यह लाभ 5 लाख रुपये तक की आय पर ही मिलता है. न्यू टैक्स रिजीम में पहली बार स्टैंडर्ड डिडक्शन का लाभ भी दिया जा रहा है. नए टैक्स सिस्टम में टैक्स की दरें सभी के लिए एक समान हैं.
नए सिस्टम में वरिष्ठ नागरिकों को ये बेनेफिट
नए टैक्स सिस्टम के तहत, वरिष्ठ नागरिक 80डी के तहत हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर अधिकतम 50,000 रुपये की कटौती का दावा कर सकते हैं. अगर यह खर्च डिपेंडेंट सीनियर सिटीजंस के लिए किया जाता है, तो एक वित्त वर्ष में इसके लिए पात्रता 1 लाख रुपये है. वरिष्ठ नागरिक और सुपर सीनियर सिटीजंस टैक्सपेयर्स को सेविंग्स बैंक अकाउंट से इंटरेस्ट इनकम के लिए सेक्शन 80TTA के तहत अधिकतम 50,000 रुपये की कटौती की अनुमति है. नॉर्मल टैक्सपेयर्स के लिए यह 10,000 रुपये है.
पुराने टैक्स सिस्टम में सीनियर सिटीजन के टैक्स स्लैब (60 साल से 80 साल)
- 3 लाख रुपये तक की सालाना इनकम पर कोई टैक्स नहीं
- 3 लाख और रु. 5 लाख पर टैक्स देनदारी 5 फीसदी है. हालांकि, अगर टैक्सेबल इनकम 5 लाख रुपये तक तो सेक्शन
- 87ए के तहत राहत के लिए टैक्स देनदारी शून्य है.
- 5 लाख रुपये से ज्यादा और 10 लाख तक इनकम पर- 10,000 रुपये + 5 लाख से ऊपर की आय पर 20 फीसदी टैक्स
- 10 लाख रुपये से ज्यादा की इनकम पर- 1.10 लाख रुपये + 10 लाख रुपये से ज्यादा की राशि का 30 फीसदी टैक्स
- अगर टैक्सेबल इनकम 50 लाख रुपये से अधिक है तो सरचार्ज लागू होगा और यह 10-37 फीसदी तक अलग अलग हो सकता है. इसमें हेल्थ और एजुकेशन सेस भी है, जो इनकम टैक्स का 4 फीसदी प्लस सेस है.
किनके लिए फायदेमंद है कौन सी स्कीम?
यानी अगर सीनियर सिटीजन हैं और आपकी आय 7 लाख रुपये तक है तो आपके लिए नई टैक्स रिजीम बेहतर है, क्योंकि उसमें आपको कोई टैक्स नहीं देना होगा. इसके अलावा नई टैक्स रिजीम में इस साल से 50,000 रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन भी मिल रहा है, जो पिछले साल तक नहीं मिल रहा था. लेकिन 7 लाख रुपये से ज्यादा सालाना आमदनी वालों को अपनी टैक्स रिजीम का फैसला करने से पहले अपने टैक्स सेविंग निवेश और डिडक्शन्स की स्थिति को देखना होगा. नए सिस्टम में 80C के तहत मिलने वाली 1.5 लाख रुपये की छूट का लाभ नहीं मिलता है. यह लाभ लेना है तो पुराना सिस्टम बेहतर है. अगर आप 80C के अलावा होम लोन पर मिलने वाली टैक्स छूट का भी लाभ लेते हैं, तो आपके लिए पुरानी टैक्स रिजीम बेहतर साबित हो सकती है.