/financial-express-hindi/media/media_files/Skanj3HpOXyxT0xu4ctF.jpg)
How to build Rs 1 crore corpus: कम से कम समय में करोड़पति बनने का क्या है उपाय? कंपाउंडिंग की मदद से पूरा हो सकता है आपका ये लक्ष्य. (Image: Pixabay)
How to save Rs 1 Crore quickly by using Rule of 8-4-3: क्या आप 1 करोड़ रुपये जमा करना चाहते हैं? वो भी कम से कम समय में? अगर आप वाकई ऐसा करना चाहते हैं, तो कंपाउंडिंग का कमाल इसमें आपकी काफी मदद कर सकता है. 1 करोड़ रुपये जमा करने में आपको कितना वक्त लगेगा यह इस बात से तय होगा कि आप हर महीने कितने पैसे बचाने और निवेश करने को तैयार हैं और इस निवेश पर आपको कितना रिटर्न मिलता है. अगर आप थोड़ी सी फाइनेंशियल प्लानिंग से काम लें, तो ऐसा करना उतना भी मुश्किल नहीं है जितना अभी आपको लग रहा होगा.
करोड़पति बनाने वाला कमाल का फॉर्मूला !
1 करोड़ रुपये जमा करने का लक्ष्य हासिल करने में कंपाउंडिंग से जुड़ा 8-4-3 का फॉर्मूला या रूल (Rule of 8-4-3) आपके काफी काम आ सकता है. इस रूल की मदद से आप बेहद कम वक्त में 1 करोड़ रुपये जमा करने में सफल हो सकते हैं. हां, ऐसा करने के लिए आपको खर्च और बचत के मामले में थोड़ा डिसिप्लिन यानी अनुशासन जरूर दिखाना पड़ेगा. लेकिन इस तरकीब को समझने से पहले यह जानना भी जरूरी है कि कंपाउंडिंग का मतलब क्या है. जब आप अपने पैसे निवेश करते हैं, तो उस पर मिलने वाला रिटर्न या ब्याज दो तरह से जोड़ा जा सकता है. पहला, साधारण ब्याज या रिटर्न (Simple Interest), जिसमें आपके जमा किए गए पैसों पर ब्याज जोड़ा जाता है और दूसरा, कंपाउंड इंटरेस्ट यानी चक्रवृद्धि ब्याज (Compound Interest) जिसमें आपके द्वारा जमा की गई मूल रकम के साथ ही साथ और उस पर बनने वाले ब्याज पर भी रिटर्न या ब्याज जोड़ा जाता है. यानी कंपाउंडिंग वह प्रॉसेस है, जिसमें आप पहले से जमा ब्याज पर और ब्याज कमाते हैं.
क्या है कंपाउंडिंग का 8-4-3 का नियम
आप अपना पैसा बढ़ाने के लिए कंपाउंडिंग के 8-4-3 नियम का पालन कर सकते हैं. मिसाल के तौर पर अगर आप किसी ऐसी स्कीम में निवेश करते हैं, जिस पर आपको 12 फीसदी की दर से सालाना चक्रवृद्धि ब्याज (yearly compounded 12% interest) मिलता है, तो हर महीने 21,250 रुपये जमा करने पर 8 साल में 33.37 लाख रुपये जमा हो जाएंगे. जो 1 करोड़ रुपये के लक्ष्य तक बढ़ने की दिशा में आपका पहला अहम पड़ाव होगा. इसके बाद आपको दिखाई देगा कंपाउंडिंग का जबरदस्त जादू! ऐसा इसलिए क्योंकि जहां पहली बार 33.37 लाख रुपये बचाने में आपको 8 साल लगे थे, वहीं अगले 33 लाख रुपये बचाने में सिर्फ 4 साल लगेंगे! इतना ही नहीं, इसके बाद के 33.33 लाख रुपये तो आप सिर्फ 3 साल में जमा कर लेंगे. इस तरह, आप महज 8+4+3 यानी 15 साल में पूरे 1 करोड़ रुपये बचा सकते हैं. इस पूरी प्रॉसेस को आप नीचे दिए सीक्वेंस से भी समझ सकते हैं.
ऐसे जमा होंगे 1 करोड़ रुपये
- सालाना रिटर्न : 12%
- मंथली SIP : 21,250 रुपये
- 8 साल बाद कॉर्पस : 33.76 लाख रुपये
- और 4 साल बाद कॉर्पस (कुल 12 साल) : 66.24 लाख रुपये
- और 3 साल बाद कॉर्पस (कुल 15 साल) : 1.02 करोड़ रुपये
वक्त के साथ बढ़ता है कंपाउंडिंग का कमाला !
कंपाउंडिंग की बड़ी खूबी ये है कि इसका कमाल वक्त के साथ-साथ और तेजी से बढ़ता है. अगर आप 15 साल के बाद भी हर महीने 21,250 रुपये जमा करना जारी रखते हैं, तो 21वें साल के अंत तक आपका कॉर्पस 2.22 करोड़ रुपये पर पहुंच जाएगा. यानी 1 करोड़ रुपये से 2 करोड़ रुपये तक पहुंचने में आपको सिर्फ 6 साल लगेंगे. अगर आप ये सिलसिला आगे भी जारी रखते हैं, तो 22वें साल में सिर्फ 12 महीनों में ही आपके कॉर्पस में 33 लाख रुपये जुड़ जाएंगे. यह सारा कैलकुलेशन हमने ब्याज की सालाना कंपाउंडिंग के आधार पर किया है.
कहां से आएगा 12% सालाना रिटर्न
आपके मन में यह सवाल उठ सकता है कि हमने अपना कैलकुलेशन 12 फीसदी के सालाना कंपाउंडिंग रिटर्न के आधार पर किया है. लेकिन इतना सालाना रिटर्न मिलेगा कैसे? इक्विटी फंड में एसआईपी (SIP) के जरिए निवेश करना इसका एक अच्छा तरीका हो सकता है. आप चाहें तो इसके लिए किसी इंडेक्स फंड (Index Funds) का चुनाव भी कर सकते हैं, जो कम खर्च में बेहतर रिटर्न देने के लिए जाने जाते हैं. देश के कुछ प्रमुख इंडेक्स फंड्स के रिटर्न के आंकड़े बताते हैं कि उन्होंने पिछले 10 साल के दौरान सालाना 13 फीसदी से ज्यादा रिटर्न दिया है. यानी इनमें निवेश करके आप अपना 1 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य और भी तेजी से हासिल कर सकते हैं. हालांकि इंडेक्स फंड में निवेश करते समय यह बात हमेशा याद रखें कि इक्विटी से मिलने वाले रिटर्न पर बाजार के उतार-चढ़ाव का असर पड़ता है, लिहाजा इनके पिछले रिटर्न को भविष्य में उतनी ही कमाई होने की गारंटी नहीं माना जा सकता. इसलिए इक्विटी फंड में निवेश तभी करें जब आप बेहतर रिटर्न के लिए थोड़ा-बहुत रिस्क लेने को तैयार हों.