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कम रिस्क में ज्यादा मुनाफा, 5 साल में 22% तक सालाना रिटर्न, हाइब्रिड म्यूचुअल फंड स्कीम ने किया कम बैक

Hybrid Funds : हाइब्रिड म्यूचुअल फंड स्‍कीम ने एक बार फिर कम बैक किया है. एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया के आंकड़ों के मुताबिक फाइनेंशियल ईयर 2024 में इन योजनाओं में 1.45 लाख करोड़ रुपये का निवेश आया है.

Hybrid Funds : हाइब्रिड म्यूचुअल फंड स्‍कीम ने एक बार फिर कम बैक किया है. एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया के आंकड़ों के मुताबिक फाइनेंशियल ईयर 2024 में इन योजनाओं में 1.45 लाख करोड़ रुपये का निवेश आया है.

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Sushil Tripathi
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Risk Free Investment : अगर आप बाजार का जोखिम नहीं लेना चाहते हैं तो आपके लिए हाइब्रिड म्यूचुअल फंड अच्छे विकल्प हैं. (Pixabay)

Hybrid Mutual Funds Features / Performance : हाइब्रिड म्यूचुअल फंड स्‍कीम ने एक बार फिर कम बैक किया है. एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) के आंकड़ों के मुताबिक फाइनेंशियल ईयर 2024 में इन योजनाओं (Hybrid Mutual Funds) में 1.45 लाख करोड़ रुपये का निवेश आया है. इससे पहले फाइनेंशियल ईयर 2023 में इन स्‍कीम से नेट आउटफ्लो यानी निकासी देखने को मिली थी. यानी साफ है कि इन स्‍कीम के प्रति निवेशकों का आकर्षण बढ़ रहा है. वित्त वर्ष 2023-24 की शुरुआत से ही डेट स्‍कीम में टैक्‍स को लेकर नियमों में बदलाव के बाद भी इनका आकर्षण बढ़ा है. असल में ये ऐसी योजनाएं हैं, जिनमें बाजार के उतार चढ़ाव के दौर में सुरक्षित माना जाता है. वहीं इनमें रिटर्न भी किसी से कमजोर नहीं है. इनके जरिए पोर्टफोलियो भी डाइवर्सिफाइड हो जाता है. जानते हैं कि ये स्‍कीम क्‍यों सुरक्षित मानी जाती है. 

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क्‍या है हाइब्रिड म्यूचुअल फंड की खासियत

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हाइब्रिड म्यूचुअल फंड एक से अधिक एसेट क्लास में निवेश करते (Hybrid Mutual Funds Featues) हैं. इनमें इक्विटी और डेट एसेट शामिल हैं. कई बार ये स्कीमें सोने में भी पैसा लगाती हैं. यानी एक ही प्रोडक्ट में इक्विटी, डेट और सोने में पैसा लगाने का मौका मिलता है. इस तरह से इनका निवेश काफी डायवर्सिफाइड होता है. इसका फायदा यह है कि अगर इक्विटी में रिटर्न बिगड़ता है तो डेट या सोने का रिटर्न ओवरआल रिटर्न बैलेंस कर सकता है. उसी तरह से डेट या सोने में रिटर्न कमजोर पड़े तो इक्विटी का रिटर्न इसे बैलेंस कर देता है. इन स्‍कीम में निवेश करने वालों की संख्‍या लगातार बढ़ रही है. मार्च, 2024 में इस सेगमेंट में निवेशकों की संख्या 1.35 करोड़ तक पहुंच गई, जो इससे एक साल पहले 1.21 करोड़ थी. 

5 साल में बेस्ट रिटर्न वाली स्कीम

क्वांट मल्टी एसेट फंड: 30% सालाना
बैंक आफ इंडिया मिड एंड स्मॉल कैप इक्विटी एंड डेट: 22% सालाना
ICICI प्रू इक्विटी एंड डेट फंड: 20.78% सालाना
कोटक मल्टी एसेट एलोकेटर FoF- डायनमिक: 20.65% सालाना
ICICI प्रू मल्टी एसेट फंड: 20% सालाना
JM एग्रेसिव हाइब्रिड फंड: 19.32% सालाना
HDFC बैलेंस्ड एडवांटेज फंड: 18.65% सालाना
बड़ौदा BNP परिबा एग्रेसिव हाइब्रिड फंड: 18% सालाना
ICICI प्रू रिटायरमेंट हाइब्रिड एग्रेसिव फंड 18% सालाना
कोटक इक्विटी हाइब्रिड फंड: 17.63% सालाना

(सोर्स- वैल्‍यू रिसर्च)

किसे लगाना चाहिए पैसा?

एसेट एलोकेशन और डायवर्सिफिकेशन पर फोकस कर म्यूचुअल फंड की ये स्कीमें तमाम एसेट क्लास में निवेश करती हैं. अगर आप ऐसे निवेशकों की कैटेगरी में आते हैं जो बाजार का जोखिम नहीं लेना चाहते (Who Should Invest in Hybrid Mutual Funds) हैं तो आपके लिए हाइब्रिड म्यूचुअल फंड अच्छे विकल्प हैं. इनमें जहां दूसरे कैटेगिरी के मुकाबले रिस्क कम है, वहीं रिटर्न भी बेहतर मिल रहा है. हालांकि ऐसा नहीं है कि इसमें सिर्फ कन्‍जर्वेटिव निवेशकों को ही पैसे लगाने चाहिए. इनमें एग्रेसिव इन्‍वेस्‍टर्स यानी बाजार का जोखिम उठाने की क्षमता रखने वाले निवेशक भी पैसा लगा सकते हैं. अगर आप म्यूचुअल फंड के नए निवेशक हैं तो ये स्कीम बेहतर हो सकती है. पिछले 3 से 5 साल या 10 साल के दौरान कई ऐसे फंड हैं, जिन्होंने 15 से 18 फीसदी या इससे भी ज्यादा रिटर्न दिया है. हाइब्रिड फंड की अलग-अलग ​कटेगिरी....

एग्रेसिव हाइब्रिड फंड

म्यूचुअल फंड की इस कटेगिरी में 65 से 80 फीसदी निवेश इक्विटी में होता है. वहीं, 20 से 35 फीसदी निवेश डेट में या कुछ हिस्‍सा अन्‍य विकल्‍पों में किया जाता है.

बैलेंस्ड हाइब्रिड फंड 

यह म्यूचुअल फंड स्कीम इक्विटी और डेट दोनों एसेट क्‍लास में न्यूनतम 40 फीसदी और अधिकतम 60 फीसदी निवेश करती है. जो निवेशक लंबी अवधि में अपनी दौलत में इजाफा करना चाहते हैं, वे बैलेंस्‍ड हाइब्रिड फंड का विकल्प चुन सकते हैं. 

कंजर्वेटिव हाइब्रिड फंड

कंजर्वेटिव हाइब्रिड फंड कुल एसेट का 10 फीसदी से 25 फीसदी निवेश इक्विटी और इक्विटी रिलेटेड विकल्‍पों में करते हैं, जबकि बची 75 फीसदी से 90 फीसदी रकम डेट विकल्‍पों के लिए आवंटित होती है. 

डायनेमिक एलोकेशन या बैलेंस्ड एडवांटेज फंड

म्यूचुअल फंड की ये स्कीम कुल निवेश का 100 फीसदी इक्विटी या डेट में निवेश कर सकती है. यह अपने निवेश का प्रबंधन डायनेमिक तरीके से करती है.

मल्टी एसेट एलोकेशन फंड

म्यूचुअल फंड की इस कटेगिरी में इक्विटी, डेट और गोल्ड तीनों तरह के एसेट क्लास में निवेश किया जा सकता है. इसमें 65 फीसदी निवेश इक्विटी में, 20 से 25 फीसदी निवेश डेट में और 10 से 15 फीसदी निवेश गोल्ड में किया जाता है.

आर्बिट्राज फंड्स

इन्हें अपने कुल एसेट का कम से कम 65 फीसदी इक्विटी या इक्विटी से जुड़े साधनों में निवेश करना होता है.

इक्विटी सेविंग्स फंड्स

म्यूचुअल फंड की ये स्कीम इक्विटी, डेट और आर्ब्रिट्राज में निवेश करती है. कुल एसेट का कम से कम 65 फीसदी शेयरों में निवेश करना होगा. इसी तरह कम से कम 10 फीसदी निवेश डेट में करना होता है.

(नोट: यहां हमने हाइब्रिड म्यूचुअल फंड के बारे में जानकारी दी है. यह निवेश की सलाह नहीं है. बाजार के जोखिम को देखते हुए निवेश के पहले एक्सपर्ट की राय लें.)

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