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Hybrid Mutual Funds: अगर आप कन्जर्वेटिव इन्वेस्टर हैं और बाजार का जोखिम नहीं लेना चाहते हैं तो आपके लिए हाइब्रिड म्यूचुअल फंड अच्छे विकल्प हैं. (pixabay)
Hybrid Mutual Funds Features, Benefits: हाइब्रिड म्यूचुअल फंड्स का आकर्षण निवेशकों के बीच बढ़ रहा है. पिछले 7 महीने में निवेशकों ने इन योजनाओं में 72,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया है. डेट फंड्स के लिए टैक्स के नियमों में बदलाव और आर्बिट्रेज कैटेगरी में भारी निवेश से इन योजनाओं को सपोर्ट मिल रहा है. भारतीय म्यूचुअल फंड एसोसिएशन (एम्फी) के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर में हाइब्रिड योजनाओं में 9,907 करोड़ रुपये का निवेश हुआ. अप्रैल-सितंबर में इस कैटेगरी में 62,174 करोड़ रुपये का निवेश आया. आखिर क्या होते हैं हाइब्रिड फंड और इनमें निवेशक क्यों भरोसा दिखा रहे हैं.
क्या हैं हाइब्रिड फंड
म्यूचुअल फंडों की अलग अलग कैटेगिरी में एक हाइब्रिड फंड भी है. ऐसी स्कीमें इक्विटी और डेट दोनों तरह के एसेट क्लास में निवेश करती हैं. कई बार ये स्कीमें सोने में भी पैसा लगाती हैं. यानी एक ही प्रोडक्ट में इक्विटी, डेट और सोने में पैसा लगाने का मौका मिलता है. इस तरह से इनका निवेश काफी डायवर्सिफाइड होता है. इसका फायदा यह है कि अगर इक्विटी में रिटर्न बिगड़ता है तो डेट या सोने का रिटर्न ओवरआल रिटर्न बैलेंस कर सकता है. उसी तरह से डेट या सोने में रिटर्न कमजोर पड़े तो इक्विटी का रिटर्न इसे बैलेंस कर देता है.
किसे लगाना चाहिए पैसा
अगर आप कन्जर्वेटिव इन्वेस्टर हैं और बाजार का जोखिम नहीं लेना चाहते हैं तो आपके लिए हाइब्रिड म्यूचुअल फंड अच्छे विकल्प हैं. इनमें जहां दूसरे कैटेगिरी के मुकाबले रिस्क कम है, वहीं रिटर्न भी बेहतर मिल रहा है. हालांकि एग्रसिव इन्वेस्टर्स भी इनमें पैसा लगा सकते हैं. अगर आप म्यूचुअल फंड के नए निवेशक हैं तो ये स्कीम बेहतर हो सकती है. पिछले 3 से 5 साल के दौरान कई ऐसे फंड हैं, जिन्होंने डबल डिजिट में यानी 10 फीसदी से ज्यादा रिटर्न दिया है.
बेहाइब्रिड फंड की अलग-अलग कटेगिरी
एग्रेसिव हाइब्रिड फंड
म्यूचुअल फंड की इस कटेगिरी में 65 से 80 फीसदी निवेश इक्विटी में होता है. वहीं, 20 से 35 फीसदी निवेश डेट में या कुछ हिस्सा अन्य विकल्पों में किया जाता है.
बैलेंस्ड हाइब्रिड फंड
यह म्यूचुअल फंड स्कीम इक्विटी और डेट दोनों एसेट क्लास में न्यूनतम 40 फीसदी और अधिकतम 60 फीसदी निवेश करती है. जो निवेशक लंबी अवधि में अपनी दौलत में इजाफा करना चाहते हैं, वे बैलेंस्ड हाइब्रिड फंड का विकल्प चुन सकते हैं.
कंजर्वेटिव हाइब्रिड फंड
कंजर्वेटिव हाइब्रिड फंड कुल एसेट का 10 फीसदी से 25 फीसदी निवेश इक्विटी और इक्विटी रिलेटेड विकल्पों में करते हैं, जबकि बची 75 फीसदी से 90 फीसदी रकम डेट विकल्पों के लिए आवंटित होती है.
डायनेमिक एलोकेशन या बैलेंस्ड एडवांटेज फंड
म्यूचुअल फंड की ये स्कीम कुल निवेश का 100 फीसदी इक्विटी या डेट में निवेश कर सकती है. यह अपने निवेश का प्रबंधन डायनेमिक तरीके से करती है.
मल्टी एसेट एलोकेशन फंड
म्यूचुअल फंड की इस कटेगिरी में इक्विटी, डेट और गोल्ड तीनों तरह के एसेट क्लास में निवेश किया जा सकता है. इसमें 65 फीसदी निवेश इक्विटी में, 20 से 25 फीसदी निवेश डेट में और 10 से 15 फीसदी निवेश गोल्ड में किया जाता है.
आर्बिट्राज फंड्स
इन्हें अपने कुल एसेट का कम से कम 65 फीसदी इक्विटी या इक्विटी से जुड़े साधनों में निवेश करना होता है.
इक्विटी सेविंग्स फंड्स
म्यूचुअल फंड की ये स्कीम इक्विटी, डेट और आर्ब्रिट्राज में निवेश करती है. कुल एसेट का कम से कम 65 फीसदी शेयरों में निवेश करना होगा. इसी तरह कम से कम 10 फीसदी निवेश डेट में करना होता है.
(नोट: यहां हमने हाइब्रिड म्यूचुअल फंड के बारे में जानकारी दी है. यह निवेश की सलाह नहीं है. बाजार के जोखिम को देखते हुए निवेश के पहले एक्सपर्ट की राय लें.)