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Income Tax Rule Correction : इनकम टैक्स एक्ट की ड्राफ्टिंग में हुई एक गलती को सुधार दिया गया है, जिससे सैलरीड टैक्सपेयर्स को बड़ी राहत मिलेगी. (AI Generated Image)
Income Tax Act 2025 Drafting Mistake Corrected : लाखों सैलरीड टैक्सपेयर्स के लिए अच्छी खबर है. नए इनकम टैक्स एक्ट 2025 (New Income Tax Act 2025) की ड्राफ्टिंग में हुई उस छोटी सी गलती को ठीक कर दिया गया है, जिसकी वजह से सैलरीड टैक्सपेयर्स के लिए उलझन पैदा हो गई थी. बजट 2025 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने न्यू टैक्स रिजीम में स्टैंडर्ड डिडक्शन (standard deduction) 50,000 रुपये से बढ़ाकर 75,000 रुपये करने का ऐलान किया था. इसका मतलब ये कि सैलरीड क्लास को 12.75 लाख रुपये तक की आय पर कोई टैक्स नहीं देना होगा. लेकिन इनकम टैक्स एक्ट की ड्राफ्टिंग में हुई एक गलती के कारण यह बढ़ा हुआ डिडक्शन लागू ही नहीं हो पा रहा था. अब सरकार ने इस गलती को सुधार दिया है, जिससे लाखों टैक्सपेयर्स को बड़ी राहत मिलेगी.
क्या थी ड्राफ्टिंग की गड़बड़ी
बजट 2025 में स्टैंडर्ड डिडक्शन को 75,000 रुपये कर दिया गया था. लेकिन इनकम टैक्स एक्ट, 1961 के सेक्शन 115BAC(1A) के क्लॉज (iii) में इसका सही जिक्र नहीं हुआ. पुराने रेफरेंस में सिर्फ 50,000 रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन लागू दिख रहा था. इसका मतलब यह हुआ कि सैलरीड क्लास को 12.75 लाख रुपये तक टैक्स फ्री आय का पूरा फायदा नहीं मिल पा रहा था.
दरअसल, सेक्शन 16(ia) में क्लॉज (ii) का जिक्र था, जो एसेसमेंट ईयर 2025-26 के लिए था, लेकिन क्लॉज (iii) जो एसेसमेंट ईयर 2026-27 से जुड़ा था, वह इसमें छूट गया. इस वजह से बढ़ा हुआ स्टैंडर्ड डिडक्शन मौजूदा वित्त वर्ष 2025-26 में लागू नहीं हो रहा था.
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सरकार ने कैसे सुधारी गलती
13 अगस्त 2025 को संसद में पेश टैक्सेशन लॉज (अमेंडमेंट) बिल, 2025 के जरिए इस गलती को ठीक किया गया. अब स्टैंडर्ड डिडक्शन 75,000 रुपये न्यू टैक्स रिजीम में साफ तौर पर लागू होगा. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में कहा – "न्यू टैक्स रिजीम में सैलरीड व्यक्तियों के लिए 75,000 रुपये के स्टैंडर्ड डिडक्शन के प्रावधान को क्लैरिफाई कर दिया जाएगा."
इस सुधार के बाद, FY 2025-26 से 12.75 लाख रुपये तक की सैलरी इनकम टैक्स फ्री हो जाएगी, बशर्ते इसमें कोई विशेष दर से टैक्स लगने वाली इनकम शामिल न हो.
सेक्शन 87A रिबेट का नया नियम
बजट 2025 में सेक्शन 87A के तहत मिलने वाली टैक्स रिबेट में भी बदलाव किया गया है. न्यू टैक्स रिजीम में रेजिडेंट इंडिविजुअल्स की टैक्सेबल इनकम 12 लाख रुपये तक होने पर 60,000 रुपये तक की टैक्स रिबेट मिलेगी. इससे स्लैब रेट (slab-rate) वाली इनकम पर टैक्स जीरो हो जाएगा.
लेकिन खास बात यह है कि यह रिबेट सिर्फ स्लैब-रेट वाली इनकम पर लागू होगी. यानी शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन (STCG) या लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (LTCG) पर यह रिबेट नहीं मिलेगी. मिसाल के तौर पर, अगर आपकी सैलरी 12 लाख रुपये है और इसके अलावा आपको 50,000 रुपये का शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन STCG भी हुआ है, तो STCG पर आपको अलग से टैक्स भरना होगा.
12.75 लाख रुपये तक कैसे जीरो होगा टैक्स
न्यू टैक्स रिजीम में सैलरीड टैक्सपेयर्स को 75,000 रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन मिलेगा. अगर आपकी ग्रॉस सैलरी 12.75 लाख रुपये है, तो स्टैंडर्ड डिडक्शन घटाने के बाद टैक्सेबल इनकम 12 लाख रुपये रह जाएगी. इस पर सेक्शन 87A के तहत 60,000 रुपये की रिबेट मिल जाएगी, जिससे टैक्स देनदारी जीरो हो जाएगी.
पुरानी और नई टैक्स रिजीम का फर्क
पुरानी टैक्स रिजीम में सेक्शन 87A के तहत मिलने वाली रिबेट की लिमिट 12,500 रुपये है, जो 5 लाख रुपये तक की इनकम पर लागू होती है. यानी वहां पर 12.75 लाख रुपये तक टैक्स फ्री इनकम का फायदा नहीं मिलेहा. यह फायदा सिर्फ न्यू टैक्स रिजीम अपनाने वालों को ही मिलेगा.
कब से मिलेगा फायदा
यह बदलाव FY 2025-26 (AY 2026-27) से लागू होगा. यानी अप्रैल 2025 से मार्च 2026 तक की आय के लिए रिटर्न भरते समय इसका फायदा लिया जा सकेगा. खासतौर पर मिडिल क्लास सैलरीड लोग, जिनकी आय 12 लाख से थोड़ी ज्यादा है, वे इस बदलाव से सीधा लाभ उठा सकेंगे.