scorecardresearch

Income Tax Bill 2025: क्लबिंग ऑफ इनकम क्या है और फैमिली इनकम पर अब कैसे लगेगा टैक्स?

Clubbing of Income: इनकम को क्लब करने का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि टैक्सपेयर अपनी आमदनी या संपत्तियों को परिवार के किसी सदस्य के नाम पर न डालकर टैक्स बचाने की कोशिश न करें.

Clubbing of Income: इनकम को क्लब करने का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि टैक्सपेयर अपनी आमदनी या संपत्तियों को परिवार के किसी सदस्य के नाम पर न डालकर टैक्स बचाने की कोशिश न करें.

author-image
FE Hindi Desk
New Update
PPF vs NPS

क्लबिंग से इनकम टैक्सपेयर्स को सही तरीके से टैक्स भरने के लिए मजबूर किया जाता है. Photograph: (FE File)

Clubbing of Income: आमतौर एक इंसान को अपनी कमाई पर ही टैक्स देना पड़ता है. हालांकि, कुछ विशेष परिस्थितियों में, दूसरे व्यक्ति की आमदनी को भी टैक्सपेयर्स की आय में जोड़ा यानि क्लब किया जाता है, और ऐसे में उसको अपनी इनकम के साथ-साथ दूसरे व्यक्ति की आमदनी पर भी टैक्स देना पड़ता है. इसे क्लबिंग ऑफ इनकम (Clubbing of Income) कहा जाता है.

मिसाल के लिए एक नाबालिग बच्चे की आमदनी को उसके पैरेंट्स की इनकम के साथ जोड़ दिया जाता है. इसी तरह, अगर आपने अपने पति या पत्नी के नाम पर निवेश किया है, तो उससे होने वाली कमाई को आपकी इनकम के साथ जोड़कर टैक्स लगाया जाएगा.

Advertisment

Also read : अपनी पूरी सेविंग सिर्फ एक बैंक में न लगाएं, एक्सपर्ट से समझिए वजह और बेनिफिट

क्लबिंग ऑफ इनकम की प्रक्रिया यह सुनिश्चित करने के लिए होती है कि कोई भी इंसान परिवार के भीतर यानी बच्चे और पत्नी के नाम पर निवेश करके टैक्स से बचने की कोशिश न करे. इसमें सभी प्रकार के निवेश जैसे प्रॉपर्टी, फिक्स्ड डिपॉजिट्स, शेयर्स, म्यूचुअल फंड्स, पोस्ट ऑफिस सेविंग्स और अन्य शामिल हैं.

इनकम टैक्स कानून (Income Tax Act 1961) की धारा 60 से 64 में क्लबिंग ऑफ इनकम से जुड़े तमाम प्रावधान हैं. विशेष रूप से, यदि किसी इंसान का अपने किसी व्यवसाय में महत्वपूर्ण हिस्सा है, तो उस व्यवसाय से उसके पति या पत्नी को होने वाली आय (सैलरी, कमीशन, फीस आदि) उस व्यक्ति की कुल इनकम में जोड़ दी जाती है.

हालांकि, अगर पति या पत्नी के पास 'टेक्निकल या प्रोफेशनल क्वॉलिफिकेशन' हैं और इनकम सिर्फ उनकी तकनीकी या पेशेवर ज्ञान और अनुभव से उत्पन्न होती है, तो क्लबिंग के प्रावधान लागू नहीं होंगे. इन दोनों शर्तों का एक साथ होना आवश्यक है, यानी दोनों शर्तें पूरी होनी चाहिए, न कि एक या दूसरी.

Also read : FD Rates: फरवरी में इन बैकों ने बदले फिक्स्ड डिपॉजिट रेट्स, सीनियर सिटिजन एफडी पर कहां मिलेगा सबसे अधिक रिटर्न

टैक्समैन एडवाइजरी एंड रिसर्च (Taxmann’s Advisory & Research) के मुताबिक इनकम टैक्स बिल (Income Tax Bill 2025) में पहली शर्त को हटाने और दूसरी शर्त में 'क्वॉलिफिकेशन' शब्द को तकनीकी और पेशेवर ज्ञान और अनुभव के साथ शामिल करने का प्रस्ताव है. इस प्रकार, आमदनी को तकनीकी या पेशेवर ज्ञान, अनुभव और योग्यताओं के उपयोग से जोड़ा जा सकता है. हालांकि, 2025 इनकम टैक्स बिल में यह स्पष्ट रूप से नहीं कहा गया है कि पति या पत्नी को ऐसी योग्यताएं होनी चाहिए. यह उन मामलों को कवर करेगा जहां पति या पत्नी बिना औपचारिक योग्यताओं के तकनीकी या पेशेवर ज्ञान और अनुभव का उपयोग करते हैं.

Income Tax Income Tax Department